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Mehmood birth anniversary : अभिनेता महमूद अली एक ऐसी शख्सियत थे, जिन्होंने हास्य के विभिन्न प्रकार के रंगों को बिखेर कर दर्शकों का किया था भरपूर मनोरंजन
बॉलीवुड के सबसे बेमिसाल कॉमेडी अभिनेता महमूद साहब की आज 80वीं जयंती मनाई जा रही है। अभिनेता महमूद अली एक ऐसी शख्सियत थे जिन्होंने हास्य के विभिन्न प्रकार के रंगों को बिखेर कर दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया हुआ था । महमूद ने बॉलीवुड फिल्मों में लगभग चार दशक तक काम किया था ।
महमूद ने लगभग 300 से भी अधिक फिल्मों में अपने अभिनय और हास्य शैली से बतौर कॉमेडियन एक अलग शैली बनाई हुई थी । महमूद के लिए सबसे गर्व की बात ये थी कि कई कलाकारों ने उनके पात्रों की नकल की, यहां तक की बॉलीवुड के सरताज अमिताभ बच्चन ने भी इनके हैदराबादी पात्र की नकल की थी। अभिनेता महमूद की सबसे बड़ी खासियत ये थी कि वे जितना दर्शकों को हंसा-हंसाकर लोट पोट कर सकते थे उतना ही कही ज्यादा संजीदा किरदार निभा दर्शकों को रूलाने का भी हुनर इनमें बखूबी था।
महमूद का जीवन
अभिनेता महमूद अली का जन्म 29 सितंबर साल 1932 को हुआ था। अभिनेता महमूद ने एक बाल कलाकार के रूप में ही बॉलीवुड फिल्मों में अभिनय करना शुरू कर दिया था । लेकिन बड़े होते-होते महमूद ने फिल्म के अलावा भी कई काम किए हुए थे। बहुत कम ही लोग ये बात जानते होगे की महमूद ने अपने समय की सबसे मशहूर अभिनेत्री मीना कुमारी को कुछ समय के लिए टेबल टेनिस की कोचिंग भी दी हुई थी । महमूद ने मीना कुमारी की बहन मधु के साथ शादी करी थी । महमूद के 8 बच्चे भी हुए थे ।
फिल्मों में कॅरियर
हर कलाकार ही तरह इन्होंने भी अपने शुरूआती दौर में खूब संघर्ष किया। इन्होंने कई साल तक जूनियर आर्टिस्ट के रूप में ‘प्यासा’, ‘सीआईडी’ और ‘दो बीघा जमीन’ जैसी फिल्मों में छोटे-छोटे रोल किए। लेकिन इन्हें सामान्य रूप से अभिनय करने के बजाय हास्य से ओतप्रोत किरदारों को करने में खासा दिलचस्पी होने लगी। जिसे दर्शकों के बीच खासा पसंद भी किया गया। महमूद साहब ने साल 1965 में आयी फिल्म ‘भूत बंगला’ के साथ निर्देशन के क्षेत्र में भी कदम रख दिया था और साल 1974 में आयी फिल्म ‘कुंवारा बाप’ का भी निर्देशन किया हुआ था। इसके अलावा महमूद कई फिल्मों में बतौर पार्श्वगायक भी काम किया करते थे।
यादगार कॉमेडी किरदार
महमूद ने कपूर खानदान की तीन पीढि़यों पृथ्वीराज कपूर, राज कपूर और रणधीर कपूर की फिल्म ‘हमजोली’ में नकल कर दर्शकों को हंसा-हंसा कर खूब लोटपोट किया। इतना ही नहीं इन्होंने ‘पड़ोसन’ फिल्म में साउथ इंडियन म्यूजिक टीचर का किरदार निभाकर संगीतमय कॉमेडी को जन्म दिया।
जमीनी तौर पर जुड़े थे महमूद
एक नामी कलाकार होने के बावजूद महमूद डाउन टू अर्थ थे। इसी का नतीजा था कि वे नए लोगों को काम करने का भरपूर मौका देते थे। इन्होंने संगीतकार राहुल देव बर्मन को फिल्म ‘छोटे नवाब’ के लिए काम करने का मौका दिया, जो कि बॉलीवुड के लिए एक नायाब तोहफा बनकर उभरा। इन्होंने अमिताभ बच्चन के संघर्ष के दिनों में मदद करने के लिए ‘बांबे टु गोवा’ को खासतौर पर बच्चन के कॅरियर को आगे बढ़ाने के लिए बनाया। इतना ही नहीं इनकी जोड़ी को आई.एस जौहर के साथ भी पसंद किया गया। इन दोनों ने ‘जौहर महमूद इन हांगकांग’, ‘नमस्तेजी’, और ‘जौहर महमूद इन गोवा’ जैसी फिल्में दी जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया।
अवार्ड
अभिनेता महमूद को साल 1963 में आई फिल्म दिल तेरा दीवाना के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता फिल्मफेयर अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका था । इसके साथ ही महमूद को कई फिल्मों जैसे प्यार किए जा’, ‘वारिस’, ‘पारस’ और ‘वरदान’ के लिए भी सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता फिल्मफेयर अवार्ड से नवाजा जा चुका था । बॉलीवुड के सबसे बेमिसाल कॉमेडियन ने दिल की बीमारी के कारण 23 जुलाई साल 2004 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।