Sunday, November 24, 2024

उत्तरकाशी टनल हादसा – बस कुछ मीटर का और है फासला, मजदूरों को बरकरार रखना होगा हौसला !

उत्तरकाशी टनल हादसा :

उत्तरकाशी टनल हादसा

उत्तरकाशी टनल हादसे मे रेस्क्यू ऑपरेशन अपने आखिरी पड़ाव पर जा पहुँचा है। लेकिन अभी भी कुछ मीटर का फासला बाकी है। रेस्क्यू टीम टनल के अंदर फँसे मजदूरों के काफी निकट पहुँच गयी है। 13 दिन लग गये रेस्क्यू टीम को मजदूरों तक पहुँचने मे अब बस थोड़ी सी और दूरी तय करने के बाद रेस्क्यू टीम मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लेगी।
संभावना ये लगाई जा रही है की ये दूरी बस कुछ घंटे मे ही कम हो जायेगी। गुरुवार को ऐसा लगा की ये काम आज ही पुरा हो जायेगा। लेकिन अचानक कुछ दरारे आने के कारण ड्रिलिंग के काम को रोकना पड़ा। 6 घंटे तक काम रुका रहा था। अधिकारीयों ने बताया की ड्रिलिग का काम 48 मीटर तक पहुँच गया है। शुक्रवार सुबह तक ड्रिलिंग का काम शुरू नही हो पा रहा है।

बचाव काम मे आ रही है बाधा:

उत्तरकाशी टनल हादसा
उत्तरकाशी टनल हादसे मे फंसे मजदूर

मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू टीम हर प्रयास कर रही है की जल्द से जल्द सारे मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाए लेकिन वक़्त और किस्मत को शायद ये मंजूर नही हो रहा है। कभी भूस्खलन तो कभी मशीन का खराब होना तो कभी चट्टान का बीच मे आना ये सब के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन मे देरी हो रही है।

 

वर्टिकल ड्रिलिंग पर हो रहा है विचार:

उत्तरकाशी टनल

उत्तरकाशी मे फँसे मजदूरों को निकालने के लिए अब वर्टिकल ड्रिलिंग पर विचार किया जा रहा है इसके लिए तैयारी पूरी कर ली गयी है। बस सरकार से इसकी अनुमति लेना है। सुरंग के ऊपर करीब 84 मीटर की वर्टिकल ड्रिलिंग करी जानी है। जहाँ से ड्रिल होना है वहाँ चट्टान बहुत सख्त है ये अच्छा संकेत है।

वर्टिकल ड्रिलिंग मशीन करेगी दो तरीकों से काम :

वर्टिकल ड्रिलिंग वो दो तरह से काम करेगी पहला काम (एसजेवीएनएल ) सतलुज जल विधुत निगम लिमिटेड को सौंपा गया है। जो सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग शुरू करेगी। इसके लिए सारी मशीनें पहुँच चुकी है।

वर्टिकल ड्रिलिंग का दूसरा विकल्प ये है की दूसरे साइड से (ओएनजीसी) वर्टिकल होल करेगा । जिससे एक पाइप भेजा जायेगा। माना ये जा रहा है की अगर इस ऑपरेशन मे सफलता मिल गयी तो 30 से 40 घंटे मे मजदूरों को बाहर निकालने का काम शुरू हो जायेगा

नही बंद होगा पहले वाला रेस्क्यू का काम:

वर्टिकल ड्रिलिंग का काम होने के बावजूद भी पहले वाले रेस्क्यू के काम को बंद नही किया जायेगा। पहले दिन से ही (एनएचआईडीसीएल) सिल्क्यारा की तरफ से ड्रिलिंग कर रहा है उस काम को जारी रखा जायेगा। इसके साथ ही सुरंग के उपर, दाएँ, बाएँ, हर जगह से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है तो इन सब को भी बंद नही किया जायेगा ये रेस्क्यू भी चलते रहेंगे।

कहाँ फँसे है मजदूर?:

टनल हादसे मे फंसे मजदूर

जिस जगह मे मजदूर फँसे है 2 किलोमीटर लंबा है उसके साथ ही 8.5 मीटर ऊंचा है। इस सुरंग का काम लगभग खत्म ही होने वाला था सुरंग के इस हिस्से मे बिजली और पानी दोनों उपलब्ध है। यह सुरंग का निर्मित हिस्सा है।

ड्रिलिंग मे आये अवरोधों को पहचानने मे हुई गलती:

सुरंग मे फँसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने की जंग मे भूस्खलन के मलबे से बाधित सुरंग के 60 मीटर हिस्से को हटाने मे रेस्क्यू टीम को बहुत चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। एक के बाद एक तीन ऑगर मशीन लायी गयी ताकि काम जल्दी हो सके लेकिन ऐसा नही हो सका। क्यों की जैसे ही ड्रिलिंग शुरू की जाती थी मशीन के बीच मे कुछ अवरोध आ जाते है जैसे की धातु के टुकड़े सरिया ये सब बार बार मशीन मे आ जाता है जिससे मशीनें बार बार खराब हो रही है।

सी एम धामी ने बचाव कार्य का किया निरीक्षण

राज्य सरकार के विशेष कार्य अधिकारी भास्कर खुल्बे ने ये बात मानी की अगर जीपीआर तकनीकी का उपयोग किया जाता तो मलबे मे दबे धातुओ की पहचान हो जाती और मशीनें खराब न होती बल्कि अपना काम अच्छे से कर रही होती। और रेस्क्यू ऑपरेशन मे इतना समय नही लगता।

YOU MAY ALSO READ :- Joint Entrance Exam (JEE) ADVANCE 2024 : Registration begins from 21st april , exam dates are out !

हम आशा करते हैं कि आपको हमारी पोस्ट जरूर पसंद आई होगी अगर आपको हमारी पोस्ट अच्छी लगी और आप हमसे जुड़े रहना चाहते हैं तो इसके लिए हमारी वेबसाइट को सब्सक्राइब करें और हमारे साथ जुड़े रहे हैं।

आपका वोट

Sorry, there are no polls available at the moment.
Advertisements
Latest news
- Advertisement -

You cannot copy content of this page