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Sunil Chhetri Birthday special : भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान थे सुनील छेत्री, पूरी दुनिया में लहरा चुके है भारत का परचम
भारतीय फुटबॉल टीम के स्टार खिलाडी और पूर्व कप्तान सुनील छेत्री आज यानी की 3 अगस्त को अपना 40 जन्मदिन मना रहे हैं। सुनील ने फुटबॉल खेल में कई बड़े रिकॉर्ड्स को अपने नाम किया हुआ है। सुनील छेत्री ने साल 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ अपने इंटरनेशनल करियर की शुरूआत करी थी ।
20 साल के अंतर्राष्ट्रीय करियर में छेत्री ने फुटबॉल खेल में भारत का परचम पूरी दुनिया में लहराया हुआ है। सुनील छेत्री के शानदार रिकॉर्ड्स उनकी कड़ी मेहनत और फुटबॉल खेल को लेकर समर्पण को दिखाता जाता है । आइए आज जानते हैं । सुनील के जन्मदिन के मौके पर सुनील छेत्री के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में…
सुनील छेत्री का जन्म और शिक्षा
आप को बता दें कि भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान सुनील छेत्री का जन्म 3 अगस्त साल 1984 को सिकंदराबाद में हुआ था। सुनील के पिता केबी छेत्री भारतीय सेना की टीम में खेलते थे। वहीं सुनील की माता सुशीला छेत्री नेपाल की राष्ट्रीय टीम में खेलती थीं। सुनील के पिता आर्मी में होने के कारण देश के कई हिस्सों में रहे है । वहीं दूसरी ओर सुनील छेत्री ने अपनी शुरूआती स्कूली शिक्षा गंगटोक से पूरी करी थी ।
इसके बाद सुनील ने कुछ समय दिल्ली के आर्मी पब्लिक स्कूल में भी शिक्षा हासिल करी हुई थी । सुनील ने कुछ समय के लिए कोलकाता में भी पढ़ाई करी हुई थी । आप को बता दें कि 12वीं के बाद ही सुनील छेत्री ने पढ़ाई छोड़कर अपना पूरा फोकस सिर्फ फुटबॉल खेलने में लगा लिया था। इस दौरान तक सुनील फुटबॉल के खेल में चमक चुके थे।
सुनील छेत्री फुटबॉलर नहीं बनना चाहते थे। वह इसे सिर्फ अपने शौक के लिए खेलते थे। जिससे कि उन्हें किसी अच्छे कॉलेज में स्पोर्ट्स कोटे से दाखिला मिल जाए। लेकिन सुनील छेत्री की प्रतिभा को उनके शुरूआती कोच ने पहचान लिया था। जिसके बाद उन्होंने ही सुनील को फुटबॉल खेलने के लिए प्रेरित किया।
कॅरियर में देखे उतार-चढ़ाव
भले ही सुनील भारतीय फुटबॉल टीम के स्टार रह चुके हैं। लेकिन सुनील ने अपने इस कॅरियर में कई बार बहुत सारे उतार चढ़ाव देखे हुए हैं। सुनील की जिंदगी मे एक समय ऐसा भी आया था जब सुनील छेत्री को एक कोट ने नाकाम खिलाड़ी का टैग दे डाला था । साल 2012 में जब छेत्री पुर्तगाल के एक क्लब स्पोर्टिंग लिस्बन से जुड़े थे तो उस टीम के कोच ने सुनील की बहुत बेइज्जती कर डाली थी। इतना ही नही कोच ने सुनील छेत्री की काबिलियत पर सवाल उठाया था और सुनील को टीम A से टीम B में भेजने के लिए कह दिया था ।
इस क्लब के साथ सुनील छेत्री करीब 9 महीने तक जुड़े रहे थे। लेकिन इस दौरान सुनील को सिर्फ 5 मैच खेलने का मौका मिला था। इसके बाद वह साल 2010 में अमेरिका के कन्सास सिटी विजार्ड्स से भी जुड गए थे । लेकिन एक साल बाद ही सुनील अपने देश भारत लौट आए थे।
सुनील के पुरस्कार
सुनील को साल 2011 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। वहीं साल 2019 में सुनील को पद्म श्री अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है। इसके बाद साल 2021 में सुनील को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न भी दिया जा चुका है ।