DIGITAL NEWS GURU RELIGIOUS DESK:
28 जून 2024, यानि कि आज मनाई जा रही आषाढ़ माह की कालाष्टमी ; जानिए शुभ मुहूर्त व पूजा विधि
हमारे हिंदू धर्म के अनेको शुभ और मान्यता प्राप्त पर्वों में से एक आषाढ़ कालष्टमी भी है। यह दिन पूरी भक्ति भाव से भगवान काल भैरव की पूजा के लिए समर्पित है। कालाष्टमी के दिन इसका उपवास रखने वाले भक्त इस कठिन उपवास का पालन बहुत ही अच्छे और पूरे विधि विधान से करते हैं। साथ ही भाव के साथ पूजा-अर्चना करते हैं। भैरव बाबा की पूजा से जीवन की सभी नेगेटिव एनर्जी को दूर किया जा सकता है।
कालाष्टमी का दिन सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक माना जाता है। भक्ति से भरा हुए इस पर्व को भगवान शिव के सबसे उग्र स्वरूप काल भैरव की पूजा के लिए मनाया जाता है। यह पर्व हर महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस पवित्र दिन पर भैरव बाबा की पूजा के साथ उनके लिए उपवास जरूर करना चाहिए।
जानिए पूजा विधि
सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें। अपने घर और विशेषकर मंदिर को अच्छे से साफ करें। एक वेदी लें और उस पर भगवान काल भैरव की प्रतिमा स्थापित करें। उन्हें सफेद चंदन का तिलक लगाएं। फल, फूल, मिठाई आदि चीजें अर्पित करें। सरसों के तेल का दीपक जलाएं। काल भैरव अष्टक का पाठ करें और भैरव मंत्रों का जाप करें। रात्रि में जागरण यानी भजन-कीर्तन करें। व्रती अगले दिन सुबह पूजा के बाद अपना व्रत खोलें। तामसिक चीजों से परहेज करें। किसी के साथ विवाद करने से बचें। बड़ों का अपमान न करें।
आषाढ़ कालाष्टमी व्रत 2024 कब है?
हिंदू पंचांग के अनुसार, 28 जून दिन यानी कि आज शुक्रवार को शाम 04 बजकर 27 मिनट पर आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत होगी। वहीं, इसका समापन 29 जून, 2024 दिन शनिवार को दोपहर 02 बजकर 19 मिनट पर होगा। इस तिथि पर निशिता काल का महत्व है, जिसके चलते हैं आषाढ़ कालाष्टमी का व्रत (उपवास)शुक्रवार 28 जून यानि कि आज के दिन ही किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त कालाष्टमी व्रत की पूजा – अर्चना
आप सभी 29 जून रात्रि 12 बजकर 05 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट के मध्य की जा सकती है।
आज के दिन कितने बन रहे है आषाढ़ कालाष्टमी के शुभ योग
इस बार कालाष्टमी के दिन एक नहीं बल्कि तीन तीन शुभ योग निर्मित हो रहे है। जबकि, इस तिथि पर रवि योग, सौभाग्य योग और शोभ योग की युति बन रही है। रवि योग सुबह 05 बजकर 26 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 10 मिनट तक रहेगा। वहीं, सौभाग्य योग भोर से लेकर रात्रि 09 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। फिर शोभन योग की शुरुआत होगी।