Sunday, September 22, 2024

कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना से लेकर जम्मू-कश्मीर आतंकी हमले तक में कई मासूमों ने गंवाई जान, पढ़े देश में घटित दर्दनाक घटनाओं पर विस्तृत रिपोर्ट

DIGITAL NEWS GURU DELHI DESK:

2024: कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना से लेकर जम्मू-कश्मीर आतंकी हमले तक में कई मासूमों ने गंवाई जान, पढ़े देश में घटित दर्दनाक घटनाओं पर विस्तृत रिपोर्ट

इस लेख में हम आपको 1 जून 2024 से 17 जून 2024 तक हुए दुर्घटनाओं के बारे में बताने जा रहे हैं …..

सबसे पहले हम बात करते हैं 17 जून 2024 को हुए पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में हादसे के बारे में …….. पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में  सोमवार को बड़ा रेल हादसा हो गया, वहां एक मालगाड़ी ने सियालदह जाने वाली कंचनजंगा एक्सप्रेस को जबरदस्त ठोकर मार दी। हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई और 41 घायल हो गए। मरने वालों में मालगाड़ी का लोको पायलट व पैसेंजर ट्रेन का गार्ड भी था।

यह हादसा न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से 30 किमी दूर रंगपानी स्टेशन के पास हुआ। मालगाड़ी के इंजन की जोरदार टक्कर  इतनी तेज थी कि कंचनजंगा एक्सप्रेस के पीछे के चार डिब्बे पटरी से नीचे उतर गए थे। रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा के अनुसार,टक्कर इसलिए हुई क्योंकि मालगाड़ी ने सिग्नल की अनदेखी की, रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने दुर्घटना के कारणों की जांच शुरू है।

अब बात करते हैं दूसरे हादसे की जो कि जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में 9 जून 2024 को हुआ ।आतंकवादियों के हमले के बाद खाई में गिरी बस।

जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में आतंकवादी हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी, क्योंकि ड्राइवर की बहादुरी सामने आई । और एनआईए की टीम घटनास्थल पर पहुंची थी सीसीटीवी फुटेज में घटना से पहले के पलों को दिखाया गया ।

9 जून 2024 को हुए इस आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले के बाद तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस गहरी खाई में गिर गई थी।आतंकवादियों ने बस पर उस समय गोलीबारी की जब यह शिव खोरी मंदिर से पोनी इलाके के तेरयाथ गांव के पास कटरा में माता वैष्णो देवी मंदिर जा रही थी और गोलीबारी के बाद यह गहरी खाई में गिर गई। आतंकवादियों ने बस को उस समय निशाना बनाया जब वह एक मोड़ के पास पहुंची, जैसा कि राजौरी और पुंछ में पिछले हमलों में देखा गया था।

वाहनों की धीमी गति का फायदा उठाते हुए, उन्होंने अधिकतम नुकसान पहुंचाने के लिए अंधाधुंध गोलीबारी की और फिर घने जंगल में पीछे हट गए, जो जम्मू क्षेत्र में एक चुनौती बन गई है। घने पहाड़ी जंगल दुश्मन को कवर प्रदान करते हैं, जिससे उन्हें पता लगाने से बचने में लाभ मिलता है।

सूत्रों के अनुसार, बस को आतंकवादियों ने तब निशाना बनाया जब वह एक मोड़ के पास पहुंची थी – राजौरी और पुंछ हमलों में भी यही पैटर्न देखा गया था। इस तरीके में, आतंकवादी धीमी गति से आ रहे वाहन का फायदा उठाते हैं और फिर अधिकतम नुकसान पहुंचाने के लिए अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर देते हैं। वे इस हमले के पैटर्न का पालन करते हैं क्योंकि इससे उन्हें घने जंगल में छिपने में मदद मिलती है, जो कि अब जम्मू क्षेत्र में एक चुनौती बन गई है।

एनआईए टीम, अतिरिक्त सुरक्षा और ड्रोन

9 जून 2024 को हुए आतंकी हमले की जांच में स्थानीय अधिकारियों की मदद के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक टीम भेजी गई । इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बढ़ा दी थी और सुरक्षा बल अब आतंकवादियों की तलाश के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। भारतीय सेना की नजदीकी लड़ाकू चौकियों पर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया था।

एक अलग हादसे में खाई में गिरी मिनीबस

जम्मू-कश्मीर के एक अलग हादसे में मनवाल से गुजरू नगरोटा जा रही एक मिनीबस उधमपुर में बट्टल मोड़ के पास एक पुल से फिसलकर गहरी खाई में गिर गई। इस हादसे में जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गई और 14 अन्य घायल हो गए।

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रियासी आतंकी हमले में शहीद हुए तीर्थयात्रियों के परिजनों को 10 लाख रुपए का मुआवजा दिए जाने की बात की थी। उनके कार्यालय ने एक्स पर सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि घायलों को 50,000 रुपए दिए जाएंगे।

•तीसरे हादसे की बात करें, तो यह दिल दहला देने वाला था... मेरठ में चलती कार में जिंदा जले 4 लोग।

 

मृतकों में मां-बेटे और 2 अन्य लोग थे ।हादसे की रोंगेट खड़ी करने वाली तस्वीर सामने आई थी। चारों की बॉडी इस कदर जली कि कंकाल तक सिकुड़ गए। कार के नाम पर केवल मैटल बॉडी बची है।

इस दुर्घटना में पाया गया कि डेढ़ किमी दूर से धुआं उठता दिख रहा था। कार आग का गोला बनी थी। मांस जलने की तेज गंध के कारण वहां खड़ा होना मुश्किल था।

SSP ने बताया कि गंध के कारण हमारे साथी को वहीं उल्टी हो गई। किसी तरह हम लोगों ने नाक पर रुमाल रखकर ऑपरेशन शुरू किया। आग बुझने पर हम लोग टॉर्च जलाकर कार के पास गए। अंदर देखा तो रोंगटे खड़े हो गए। गाड़ी में 1 या 2 नहीं, बल्कि 4 कंकाल थे। कंकाल ऐसी हालत में थे कि मानो उल्टा तवा हो। आग इतनी भयंकर थी ,कि कार के शीशे प्रेशर से क्रैक हो चुके थे। कार में कंकालों CNG सिलेंडर के अलावा कुछ नहीं मिला। सिलेंडर एकदम लाल अंगार हो चुका था। अगर हम लोग चंद सेकेंड और देरी से पहुंचते तो सिलेंडर ब्लास्ट हो जाता। सिलेंडर का तापमान उस वक्त 100 डिग्री से कहीं ज्यादा था। हम लोगों ने फौरन सिलेंडर कूल किया। वहां से लोगों को हटाया। पूरा रास्ता ब्लॉक करके डायवर्ट कर दिया।

•कार से निकलने को छटपटाते रहे लोग

उन्होंने बताया कि ड्राइवर का सिर पीछे की सीट की तरफ और कमर का पार्ट स्टीयरिंग से ऊपर पड़ा था। पीछे की सीट पर भी दोनों कंकाल भी विंडो से बाहर कूदने वाली पोजिशन में मिले। इससे साफ है कि कार सवारों ने खुद को बचाने का पूरा जोर लगाया। कार की विंडो से कूदने की कोशिश की, लेकिन सेंट्रल लॉक खुला नहीं और सभी ने छटपटाते-छटपटाते दम तोड़ दिया।

SSP बोले- कौन कंकाल किसका, इसके लिए सैंपल जांच के लिए जाएगा

मेरठ SSP रोहित सिंह सजवान के मुताबिक, जांच में पता चला था कि कार गाजियाबाद से हरिद्वार की ओर जा रही थी। चारों मृतकों की पहचान हो चुकी है। मृतक गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर के रहने वाले हैं। सभी के परिजनों को सूचित कर दिया गया है। चारों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। टीम कंकाल के सैंपल लेकर जांच भी करवाई थी,ताकि ये पता लगाया जा सके कौन-सा शव किसका था, गाड़ी मोडिफाइड CNG लग रही थी, CNG में ही कोई खराबी के कारण यह हादसा हुआ था ,ऐसा लग रहा था लपटें इतनी ऊंची थी लगा विस्फोट हुआ प्रत्यक्षदर्शी मोनू ने बताया कि भोला झाल के पास मेरी नर्सरी है। हम लोग अपनी नर्सरी पर बैठे थे। यहां आया तो पता चला कि कार में लोग जल गए हैं। पुलिस, प्रशासन की टीमें यहां थी। 4 लाशें गाड़ी में थीं।

पुलिस की कई गाड़ियां मौके पर आईं, कार में 4 लोगों के कंकाल मिले थे

शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया ,एसपी देहात कमलेश बहादुर सिंह से देर रात घटना वाली जगह ही भास्कर रिपोर्टर ने बात की। उन्होंने बताया कि कार के अंदर 4 डेडबॉडी मिली थी। चारों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया और आग कैसे लगी इसकी जांच की गई ये कार जानी नहर पुल की ओर से भोला झाल नहर पुल की ओर जा रही थी।

2010 मॉडल की गैराज मॉडिफाई कार

घटना की जांच के लिए देर रात SSP ने फायर और फोरेंसिक विभाग को मिलाकर एक जॉइंट जांच टीम बनाई। इस प्रकार देर रात तक की गई जांच के अनुसार, कार में CNG सिलेंडर बाहर से लगवाया गया था। कार 2010 मॉडल की थी, लग रहा था,कि कार को किसी गैराज से मॉडिफाई कराया गया था। कार के डैशबोर्ड और उसके आसपास गैस लीक से आग लगने जैसा लग रहा था । AC में शॉर्ट सर्किट के बाद गैस लीक हुई और आग लगी। आग लगने पर कार का सिस्टम फेल हो गया। कार की विंडो, डोर सब लॉक हो गए। कोई बाहर नहीं निकल सका।

आइए अब जानते हैं, 15 जून 2024 को चौथे दुर्घटना के बारे में .....

उत्तराखंड के बद्रीनाथ हाईवे पर शनिवार, 15 जून को सुबह 11 बजे एक टैंपो ट्रैवलर बेकाबू होकर अलकनंदा नदी में गिर गया था। इस दुर्घटना में 14 पर्यटकों की मृत्यु हो गई,इस दौरान 12 घायल थे ,7 गंभीर घायलों को हेलिकॉप्टर से एयरलिफ्ट कर ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराया गया था।

ट्रैवलर में 26 यात्री सवार थे। हादसे की वजह ड्राइवर को झपकी लगना बताया जा रहा है।

हादसा जहां हुआ, वह ऑल वेदर हाईवे था ,ट्रैवलर बाउंड्री तोड़ते हुए करीब 660 फीट (200 मीटर) से ज्यादा नीचे खाई में जा गिरा।

दुर्घटना जिस स्थान पर हुई उसके नजदीक ही रेलवे प्रोजेक्ट का कार्य चल रहा था। 3 मजदूर लोगों को बचाने नदी में कूद गए थे, जिनमें से 2 वापस आ गए थे लेकिन 1 की मौत हो गई।

• जांच में ड्राइवर को झपकी आने के चलते यह पूरा हादसा हुआ था ,क्योंकि घटना के वक्त हाईवे पर ज्यादा ट्रैफिक नहीं था। डीएम गढ़वाल ने सीएम के आदेश पर हादसे की जांच के आदेश दिए थे, और इसमें ट्रैवलर की भी जांच की गई।

मरने वालों के परिजन को 2-2 लाख की मदद प्रधानमंत्री राहत कोष से मरने वालों के परिजन को 2-2 लाख रुपए और घायलों के लिए पचास-पचार हजार रुपए देने का ऐलान किया गया था। PM नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर दुख जताया था।


यह भी पढे: पश्चिम बंगाल में हुआ भयानक रेल हादसा, एक्सप्रेस ट्रेन और मालगाड़ी के बीच हुई टक्कर;सिलीगुड़ी के पास दुर्घटनाग्रस्त हुई कंचनजंगा एक्सप्रेस।

आपका वोट

Sorry, there are no polls available at the moment.
Advertisements
Latest news
- Advertisement -

You cannot copy content of this page