DIGITAL NEWS GURU UTTRAKHAND DESK :-
उत्तरकाशी टनल हादसा :
उत्तरकाशी मे सुरंग धसने से 40 मजदूर फँस गए है। ये हादसा दिवाली वाले दिन को 5:30 बजे हुआ था। जब सारे मजदूर काम कर के निकल रहे थे तभी अचानक भूस्खलन आने से 40 मजदूर सुरंग के अंदर फँस गये। इन मजदूरों को निकालने का काम 6 दिन से चालू है। लेकिन अभी कोई सफलता हाथ नहीं लगी है इन मजदूरों को खाना पानी और ऑक्सीजन भेजी जा रही है। ।
एक मजदूर को अपने परिवार जन से बात भी कराई गयी थी। बुधवार को एक मजदूर की तबियत खराब हो गयी थी फिर उसको तुरंत ही दवा भी भेजी गयी थी। जानकारी ये आ रही है की अभी तक सारे मजदूर ठीक है। और जल्द ही उन सब को सुरक्षित निकाल लिया जायेगा।
बताया ये भी जा रहा है की ऑगर ड्रिलिंग मशीन भी कुछ खराब हो गयी है। शुक्रवार तक 5 पाइप सुरंग मे डाले जा चुके है। लेकिन बीच बीच मे चट्टानों के कारण काम मे दिक्कत आ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद समय समय पर रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ले रहे है।
आइये जानते है इन 7 दिनों मे क्या क्या हुआ है ?:
रविवार 12 नवंबर को शाम को जब सुरंग मे 40 मजदूर फँस गए थे। और जैसे ही ये न्यूज़ हर जगह फैली अफरा तफरी मच गयी। तुरंत ही SDRF टीम मौके मे पहुँच के रेस्क्यू के काम मे लग गयी। बचाव दल के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी की अंदर फँसे लोगो को जिंदा रखना। फिर तुरंत ही NHIDCL के इंजीनियर मिलकर अंदर फँसे लोगों को ऑक्सीजन पहुॅचाने के काम मे लग गए। फिर तुरंत एक पाइप बिछाया गया जिससे अंदर फँसे मजदूरों को खाना पानी साथ ही दवा भी भिजवाई जा सके।
थोड़ी देर बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी एजेंसियों को रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए लगा दिया। NDRF, ITBP, BRO की टीमें अपना काम कर रही है।
सोमवार 13 नवंबर –
दूसरे दिन SDRF के कमांडर ने मणिकांत मिश्रा ने वॉकी टॉकी के माध्यम से मजदूरों से बात की और उन्हे हौसला दिया की जल्द ही उनको सुरक्षित निकाल लिया जायेगा। सोमवार की शाम यानी दूसरे दिन तक 25 मीटर तक पाइप डाले जाने लगे थे।मजदूरों को पाइप के माध्यम से चना, ORS, ग्लूकोज, पानी और दवा सब दी जा रही थी।
मंगलवार 14 नवंबर –
मंगलवार को मिट्टी अंदर की तरफ धसने लगी जिससे पाइप डालने मे बहुत दिक्कत हुई और पाइप से मिट्टी को निकालना काफी मुश्किल हो गया। इसके बाद बचाव दल ने नॉर्वे और थाईलैंड के एक्सपर्ट से सलाह ली। मंगलवार रात होते होते ये फैसला लिया गया की 35 इंच मोटी पाइप लाइन डाल के एक एक मजदूर को बाहर निकाल लिया जाए। इसके लिए ऑगर ड्रीलिंग मशीन की मदद ली गयी। लेकिन ये प्रयास सफल नही हो पाया।
बुधवार – 15 नवंबर –
बुधवार को ऑगर मशीन मे अचानक खराबी आ गयी। एक्सपर्ट ने बताया की ऑगर मशीन के कुछ पार्ट खराब हो गये। फिर तुरंत वायु सेना द्वारा दिल्ली से दूसरी अमेरिकन ऑगर मशीन लायी गयी थी। जो की 35 टन भारी थी। उसे वापस काम शुरू किया गया है। इन सब के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन 4 घंटे बाधित रहा।
गुरुवार 16 नवंबर –
गुरुवार को अमेरिकन ऑगर मशीन को सेट कर के मिट्टी खुदाई का काम चालू हो गया। 200HP वाली ये मशीन हर घंटे 5 मीटर तक ड्रिल कर सकती है। गुरुवार देर शाम तक 41 मीटर लंबी पाइप लाइन डाली जा चुकी थी।
NHIDCL के डायरेक्टर अंशु मनीष ने बताया की अगर ये मशीन ऐसे ही काम करती रही तो 15 से 16 घंटों के बीच मे मजदूरों को बाहर निकाल लिया जायेगा।
शुक्रवार 17 नवंबर –
शुक्रवार को हाई कैपेसिटी वाली अमेरिकन ऑगर मशीन भी खराब हो गयी है। ज्यादा मलबा होने की वजह से मशीन का बेयरिंग खराब हो गया। और मशीन आगे ड्रिल नही कर पा रही है।
टनल के उपर मलबा बहुत ज्यादा आ रहा है पहले मलबे का दायरा 50 मीटर था अब वो बढ़ कर 60 मीटर हो गया है।
शनिवार 18 नवंबर –
मजदूरों को निकालने का काम जोरों से चल रहा है। रेस्क्यू टीम का कहना है की वो जल्द ही कोई न कोई तरीका निकाल लेगी।और सभी सुरंग मे फँसे मजदूरों को सुरक्षित निकाल लेगी।
40 नही बल्कि 41 मजदूर है अंदर:
ये बात बहुत तेजी से हर तरफ आग की तरह फैल रही है की सुरंग मे 40 नही बल्कि 41 मजदूर फँसे है। इस बात की अभी तक अधिकारीक पुष्टि नही हुई है। और कोई भी अधिकारी इस बारे मे जवाब देने को तैयार नही है।
YOU MAY ALSO READ :- Amazon again layoff hundreds of jobs in its Alexa division.