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Ramesh powar birthday special : रमेश पोवार एक ऐसे क्रिकेटर है जिसने अपने मोटापे के बाद ही क्रिकेट को जिया
Ramesh Powar Birthday: रमेश पोवार (Ramesh Powar) का जन्म 20 मई 1978 को बम्बई (महाराष्ट्र) में हुआ था। रमेश के पिता राजाराम कभी अपने जमाने में क्रिकेटर थे। 21वीं सदी की शुरुआत से ही विश्व क्रिकेट में टिकने के लिए, खिलाड़ियों का प्रतिभावान होने के साथ-साथ तेज और फिट होना भी जरूरी है। लेकिन, कुछ क्रिकेटर्स ऐसे भी रह रहे हैं। जो दिखने में एक क्रिकेटर जैसे नहीं दिखे थे। मगर, जब उनके हाथ में गेंद थी।
तो उनके सामने क्रीज़ पर मौजूद बल्लेबाज़ नाचने लगे। तेज़, बॅकी, मोटापा ये शब्द एक ही समूह का हिस्सा नहीं हैं। लेकिन, एक ऐसा भारतीय क्रिकेटर भी आ रहा है। जिसने ना बस इन शब्दों से ऊपर अपने खेल को जिया। बल्कि, आने वाली पीढ़ी के सामने ख़ुशमिज़ाजी से लेकर क्रिकेट के मैदान तक। वो खिलाड़ी जो क्रिकेट के मैदान पर भी अपनी ही धुन में रहता था। वो खिलाड़ी जिसका नाम लाल फ्रेम वाला नीला चश्मा क्रिकेट प्रेमियों के लिए स्टाइल सिंबल था। वो खिलाड़ी जो विश्व क्रिकेट में रमेश पिता के नाम से जनता है।
रमेश पोवार Ramesh Powar का प्रारंभिक जीवन-
रमेश पोवार (Ramesh Powar) का जन्म 20 मई 1978 को बम्बई (महाराष्ट्र) में हुआ था। रमेश के पिता राजाराम कभी अपने जमाने में क्रिकेटर थे। पिता का क्रिकेट प्रेमी रमेश और उनके भाई किरण मुर्तजा को क्रिकेट के मैदान तक ले गया। भाई किरण का खेल रमेश के लिए मिसाल रहा।
किरण ने साल 1994 में ऑस्ट्रेलिया जाने वाली अंडर-19 क्रिकेट टीम का नेतृत्व किया था। अपने शुरुआती दिनों में मेडिसिन की कमी के कारण राकेश अकादमी में नामांकित नहीं हुए थे। यही रमेश पोवार (Ramesh Powar) की जिंदगी में दास सिवालकर आए, यहीं के रमेश ने शिवाजी पार्क मैदान के शारदाश्रम स्कूल में नेट्स का प्रबंधन किया। रमेश क्रिकेटर बनने की राह पर निकल पड़े थे। लेकिन, रमेश पोवार (Ramesh Powar) जब 10 साल के थे। तो उनकी माँ का देहान्त हो गया।
जब ख़राब प्रदर्शन के चलते रमेश पोवार (Ramesh Powar) को टीम से अलग कर दिया गया-
विरोधियों की पसंद तो वो उनकी जिंदगी का सबसे कठिन दौर था। लेकिन, रमेश पोवार (Ramesh Powar) ने हार नहीं मानी और क्रिकेट के मैदान पर खिलाते रहे। फिर आया 16 मार्च 2004 का वो दिन। जिसके लिए फोटोग्राफर ने कई रातें जगा के गुज़ारी थी।
पोवर ने रावलपिंडी में पाकिस्तान के खिलाफ अपने वन-डे कैरियर की शुरुआत की। लेकिन, रमेश के वन-डे कैरियर की साम्यवादी शुरुआत नहीं रही। जैसी अपेक्षा थी। रमेश 2 वन-डे मैच में एक भी विकेट नहीं ले पाया। ख़राब प्रदर्शन के चलते रमेश को टीम से बाहर कर दिया गया। उसके बाद रमेश ने घरेलू सर्किट में आग लगा दी।
रमेश पोवार (Ramesh Powar) की राव रणजी ट्रॉफी में रिटर्न-
सेफ्टन पार्क की ओर से विनायक माने की जगह 32.5 के औसत से 325 रन बनाए और 21 के औसत से 25 विकेट भी लिए। फिर, 2004-05 और 2005-06 में रणजी ट्रॉफी सत्रों में लगातार 2 बार 50 से अधिक विकेट लेकर रिकॉर्ड बनाया ।
चयनकर्ता ने फिर से रमेश पोवार (Ramesh Powar) के नाम पर चर्चा शुरू की। 2 साल बाद टीम में राइटर रामाशर ने इंग्लैंड के खिलाफ 5 विकेट सिरीज में बॉल और दोनों से अच्छा प्रदर्शन किया। बैटल ने बैटल वाले मैच में 79 रन खोकर मुश्किल में दिखे भारत को, 54 बैटल की पारी की मदद से धोनी के साथ मिलकर अपने जैस्मीन स्कोर तक पहुंच गए। फिर, फ़रीदाबाद वाले मैच में 34 रन पर 3 विकेट भी। फिर आया चैंपियंस ट्रॉफी में पोप का प्रदर्शन करने वाला हैरान कर देने वाला।
रमेश पोवार (Ramesh Powar) ने वेस्टइंडीज़ के खिलाफ़ जीता था मैच
वेस्टइंडीज़ के खिलाफ़ 190 रन से डेज़ेंड कर रही भारत ने यह मैच 20 रन से जीता। जिसमें पावर ने 42 रन पर 3 विकेट लेकर हर भारतीय को दिल की जीत दिलाई। फिर अगले मैच में इंग्लैंड के खिलाफ 24 पर 3 विकेट लेकर अपना कैरियर सर्वश्रेष्ठ हासिल किया। इसके बाद साल 2007 में पावर ने इंग्लैंड के खिलाड़ी को 5 की शानदार इकोनॉमी के साथ 6 विकेट भी दिए। लेकिन, साल के अंत में चोट, मोटापा और धीमी गति से खरीदारी ने रमेश के करियर पर एक दम से फुल स्टॉप लगा दिया।
रमेश पोवार (Ramesh Powar) का कहना है कि ” मैं अपनी जिंदगी की तरह क्रिकेट जिया हूं।”
डायन हैण्ड से ब्रेक डाउन वाले राकेश पहलवान के पास दूसरे और कैरम बॉल के ज़माने में वैरिएंट ऑफ़ स्पिन और वेरियेशन थे। साथ में ही पोवर के पास स्ट्रेंथ और बॉल को बिना डरे उड़ान भरने की क्षमता भी थी।
अधिक ही वहन नहीं हो रहा है । लेकिन,रमेश पोवार (Ramesh Powar) का कहना है कि ” मैं अपनी जिंदगी की तरह क्रिकेट जिया हूं।” मेरा ध्यान मैदान में जा रहा था, बस क्रिकेट के बारे में सोचा था। साल 2007 के बाद राकेश रैना ने फिर कभी इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी नहीं की। लेकिन, 2015 तक घरेलू क्रिकेट और आईपीएल से जुड़े रहे। अपने 16 साल लंबे फर्स्ट क्लास कैरियर में राकेश महानगर, गुजरात और राजस्थान की ओर से रणजी ट्रॉफी खेली गई।
रमेश पोवार (Ramesh Powar) का क्रिकेट मे प्रदर्शन
रमेश ने 148 मैचों में 470 विकेट लिए। जबकी, 26 के औसत से 4245 रन बनाए। जिसमें 7 शतक और 17 सेंचुरी भी शामिल हैं। घरेलू क्रिकेट में राकेश के विकेट और शतक ये हैं कि एक वो बेहतरीन स्पिन अल राउंडर रहे। जिसमें आपके ग्राफ़ की वजह से अधिक से अधिक जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन, जब भी मशीन मिले राइटर ने अच्छा प्रदर्शन किया।
रमेश पोवार (Ramesh Powar) ने भारत के लिए 31 वन डे मैच खेले। उन्होंने 4.65 की शानदार इकोनॉमी रेट से 34 विकेट और 19 पारियों में 163 रन भी बनाए। रमेश ने भारत के लिए 2 टेस्ट मैच भी खेले। जिसमें बस 6 विकेट और 13 रन बने। रमेश पोवार ने 2008 से 2013 तक आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब और कोच्चि टास्कर्स केरला की ओर से 27 मैच खेले।