Sunday, September 22, 2024

Gopal Krishna Gokhale birth anniversary: एक प्रभावशाली नेता थे गोपाल कृष्ण गोखले, युवाओं में भीतर जगाई थी देशभक्ति की अलख !

DIGITAL NEWS GURU POLITICAL DESK :-

Gopal Krishna Gokhale birth anniversary: एक प्रभावशाली नेता थे गोपाल कृष्ण गोखले, युवाओं में भीतर जगाई थी देशभक्ति की अलख !

महाराष्ट्र के रत्नागिरि में 9 मई साल 1866 को जन्में गोपाल कृष्ण गोखले (Gopal Krishna Gokhale) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के नरमदल के सर्वाधिक प्रभावशाली नेता थे। गोखले ने युवाओं के भीतर देशभक्ति की भावना को जगाई थी।

महान समाज सुधारक, शिक्षाविद, नरम दल के नेता गोपाल कृष्ण गोखले (Gopal Krishna Gokhale) एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने सामाजिक सशक्तिकरण, शिक्षा के विस्तार और तीन दशकों तक भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

सात दशकों से हम हिंदुस्तान में आजादी की सांस ले रहे हैं और इसके लिए न जाने कितने ही नायकों ने अपना सबकुछ न्यौछावर कर दिया। इन्हीं नायकों में से एक गोपाल कृष्ण गोखले को खुद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी अपना राजनीतिक गुरू मानते थे और उन्होंने अपनी आत्मकथा ‘सत्य के साथ मेरे प्रयोग’ में इसका उल्लेख भी किया है।

 

रत्नागिरी में जन्में थे गोपाल कृष्ण गोखले (Gopal Krishna Gokhale):

गोपाल कृष्ण गोखले (Gopal Krishna Gokhale) का जन्म 9 मई,साल 1866 में महाराष्ट्र के एक गाँव रत्नागिरी में हुआ था।गोपाल कृष्ण गोखले के पिता का नाम कृष्णा राव गोखले था तथा इनकी माता का नाम वलूबाई गोखले था। एक साधारण से परिवार में जन्में गोपाल कृष्ण मेधावी छात्र थे। पिता कृष्णा राव पेशे से क्लर्क थे, लेकिन उनका असामयिक निधन हो गया था। गोखले को पराधीनता का भाव बहुत ज्यादा सताता था, लेकिन उनके भीतर हमेशा ही राष्ट्रभक्ति की धारा प्रवाहित होती थी।

गोपाल कृष्ण गोखले (Gopal Krishna Gokhale) ने साल 1881 में अपनी मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण करी थी। इसके बाद साल 1882 में कोल्हापुर के ही एक राजाराम कॉलेज में दाखिला ले लिया था। पढ़ाई के प्रति अपनी जुनूनी रवैया रखने की वजह से गोखले को हर महीने छात्रवृत्ति भी मिलती थी।

गोपाल कृष्ण गोखले (Gopal Krishna Gokhale) ने अपनी डिग्री हासिल करने के बाद इंजीनियरिंग करने का फैसला कर लिया था, लेकिन इंजीनियरिंग की पढाई में मन नहीं लगने की वजह से उन्होंने इसे छोड़कर कानून की पढ़ाई करने का मन बना लिया था

 

जब कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे  गोपाल कृष्ण गोखले (Gopal Krishna Gokhale):

गोपाल कृष्ण गोखले (Gopal Krishna Gokhale) ने साल 1889 में अपने गुरू समाज सुधारक एम जी रानाडे से पूरी तरह से प्रभावित होकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में गोखले शामिल हो गए थे और गोपाल कृष्ण गोखले (Gopal Krishna Gokhale) हमेशा ही ‘नरम दल’ के नेता के तौर पर काम करते रहे थे। साल 1893 में गोखले बंबई प्रांतीय सम्मेलन के सचिव बने और फिर साल 1895 में उन्होंने बाल गंगाधर तिलक के साथ संयुक्त सचिव के रूप में कार्य करने का मौका मिला था।

 

क्रांतिकारी परिवर्तन:

  1. गोपाल कृष्ण गोखले (Gopal Krishna Gokhale) ने सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी की स्थापना करी थी। दरअसल,गोखले हमेशा ये चाहते थे कि भारतीय ऐसी शिक्षा को ग्रहण करें जो उनके भीतर नागरिक कर्तव्य और देशभक्ति की भावना पैदा कर सके।
  2. गोपाल कृष्ण गोखले (Gopal Krishna Gokhale) ने मोबाइल पुस्तकालयों और स्कूलों की व्यवस्था करवाई थी। इसके साथ ही गोखले ने रात के समय में औद्योगिक श्रमिकों को भी पढ़ाया था।
  3. गोपाल कृष्ण गोखले (Gopal Krishna Gokhale) ने साल 1908 में रानाडे इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक्स की स्थापना भी करी थी।
  4. गोखले ने साल 1912 में दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गांधी से मुलाकात करी थी और उन्हीं के अनुरोध पर महात्मा गांधी भारत वापस आए थे।
  5. महात्मा गांधी ने अपनी एक आत्मकथा ‘सत्य के साथ मेरे प्रयोग’ में गोखले को ही अपना राजनीतिक गुरु, सलाहकार व मार्गदर्शक बताया था ।

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