Yashwant Sinha birthday special : यशवंत सिन्हा ने आईएएस के रूप में लगभग 4 साल तक उप-विभागीय मजिस्ट्रेट और जिला मजिस्ट्रेट के रूप में किया था कार्य , साल 2022 मे यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति पद के थे उम्मीदवार !
यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) एक भारतीय प्रशासक और राजनीतिज्ञ हैं, जिन्होंने 1990 से 1991 तक पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के अधीन और फिर 1998 से 2002 तक प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अधीन भारत के वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया। 21 अप्रैल, 2008 को पार्टी छोड़ने से पहले यशवंत सिन्हा भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता थे। उसके बाद में साल 2021 में सिन्हा अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस में जाकर शामिल हो गए थे।
यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) को संयुक्त विपक्षी दलों द्वारा 2022 के राष्ट्रपति चुनावों के लिए राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया था, जिसके कारण जून 2022 में उन्होंने तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। वे राष्ट्रपति पद के लिए नामित होने वाले पहले तृणमूल कांग्रेस नेता भी बने। यशवंत सिन्हा के विधायी करियर की शुरुआत 1988 में राज्यसभा की एक सीट के लिए उनके चुनाव के साथ हुई।
यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) का शुरूआती जीवन:
यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) का जन्म 6 नवंबर साल 1937 को बिहार के पटना में एक कायस्थ परिवार में हुआ था। उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से बीए ऑनर्स (इतिहास) में स्नातक किया और 1958 में राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, यशवंत सिन्हा ने 1962 तक पटना विश्वविद्यालय में इस विषय को पढ़ाया भी।
यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) की रुचि बागवानी और पढ़ने में बहुत है। उनकी शादी नीलिमा सिन्हा से हुई है, जो भारत की अग्रणी बाल साहित्यकारों में से एक हैं और एसोसिएशन ऑफ राइटर्स एंड इलस्ट्रेटर्स फॉर चिल्ड्रन की अध्यक्ष हैं। दंपति की एक बेटी शर्मिला और दो बेटे हैं: जयंत सिन्हा और सुमंत सिन्हा।
यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) का सिविल सेवा कैरियर
यशवंत सिन्हा 1960 में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में शामिल हुए और अपने कार्यकाल के दौरान 24 साल से अधिक समय तक कूटनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पदों पर रहे। आईएएस के रूप में, उन्होंने 4 साल तक उप-विभागीय मजिस्ट्रेट और जिला मजिस्ट्रेट के रूप में कार्य किया। 1971 से 1973 तक, वे जर्मनी के बॉन में भारतीय दूतावास में पहले सचिव (वाणिज्यिक) थे।
यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) का राजनीतिक करियर
साल 1984 में भारतीय प्रशासनिक सेवा मे इस्तीफा देने के बाद यशवंत सिन्हा ने जनता पार्टी के सदस्य के रूप में सक्रिय राजनीति में शामिल हो गए थे । उसके बाद साल 1986 में सिन्हा को पार्टी का अखिल भारतीय महासचिव नियुक्त किया गया और साल 1988 में वे राज्य सभा के सदस्य भी चुने गए थे । यशवंत सिन्हा ने नवंबर 1990 से 1991 तक भारत के प्रधान मंत्री चंद्रशेखर के कार्यकाल के दौरान वित्त मंत्री के रूप में काम किया।
भाजपा कार्यकाल
यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) जून 1996 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता बने और 1998, 1999 और 2009 में भाजपा उम्मीदवार के रूप में लोकसभा के लिए चुने गए। यशवंत सिन्हा ने मार्च 1998 में भारत के वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया और 2002 में उन्हें विदेश मंत्री नियुक्त किया गया।
13 जून 2009 को यशवंत सिन्हा ने भाजपा के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और 2018 में पार्टी की स्थिति और भारतीय लोकतंत्र के बड़े खतरे का हवाला देते हुए पार्टी छोड़ दी। यशवंत सिन्हा को संयुक्त विपक्षी दलों द्वारा 2022 के राष्ट्रपति चुनावों के लिए राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया था, जिसके कारण जून 2022 में उन्होंने तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। वे राष्ट्रपति पद के लिए नामित होने वाले पहले तृणमूल कांग्रेस नेता भी बने। यशवंत सिन्हा के विधायी करियर की शुरुआत 1988 में राज्यसभा की एक सीट के लिए उनके चुनाव के साथ हुई।
तृणमूल कांग्रेस
यशवंत सिन्हा 13 मार्च, 2021 को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 से ठीक पहले भाजपा पार्टी के खिलाफ लड़ने के लिए अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। 15 मार्च, 2021 को उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया।
यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार 2022
यशवंत सिन्हा को 2022 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार नामित किया गया। सर्वसम्मति से लिए गए इस फैसले ने उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए नामित होने वाले पहले तृणमूल कांग्रेस नेता भी बना दिया। नामांकन के बाद सिन्हा ने अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया।
यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) को पुरस्कार और सम्मान
यशवंत सिन्हा को 2015 में ऑफ़िसियर डे ला लीजन डी’होनूर से सम्मानित किया गया जो फ्रांस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।
यह सम्मान उन्हें केंद्रीय वित्त मंत्री, विदेश मंत्री के रूप में उनके कार्यों तथा विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों में उनके अमूल्य योगदान के लिए प्रदान किया गया।
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