कब करें ब्रेकफास्ट, लंच या डिनर! जाने हेल्दी खाने के साथ- साथ खाना खाने की सही टाइमिंग!
Digital News Guru Health Desk: यदि किसी से पूछा जाए कि आपके जीवन की प्राथमिकता क्या है तो अक्सर लोग एक सन् 1974 में आई एक हिंदी फिल्म का नाम बोल देते हैं _रोटी कपड़ा और मकान। यह सही भी है। लेकिन अभी तक लोगों को यह नहीं पता कि सिर्फ रोटी खाना काफी नहीं। यह भी जरूरी है कि आपने वो रोटी यानी भोजन कब खाया। कहने का आशय ये है कि 24 घंटे के दिन में भोजन करने का सही समय क्या है।
ज्यादातर लोगों के पास इसका कोई साइंटिफिक आइडिया नहीं है। वो तो जब भी भूख लगे, तब ही खाना खा लेते हैं। कई बार भूख न लगने पर भी खाते हैं क्योंकि अब डिनर और लंच का टाइम हो गया है।
लेकिन क्या आपको पता है कि इस तरह का खाना हमें फायदा पहुंचाने की बजाय नुकसान पहुंचाता है। शरीर को पोषण देने की बजाय हमारे शरीर को ही पलटकर खाना शुरू कर देता है।
फ्रांस की रिसर्च के अनुसार दिन के पहले भोजन जिसे ब्रेकफास्ट कहते हैं हर घंटे की देरी के साथ कार्डियो वस्कुलर बीमारी का खतरा 6% तक बढ़ जाता है। यानी अगर कोई सुबह 5 बजे उठकर 10 बजे नाश्ता करे तो उसे दिल की बीमारियों का खतरा 30% ज्यादाहोगा। तो वहीं रात 9 बजे के बाद खाना खाने से स्ट्रोक जैसी बीमारी का खतरा 28% बढ़ जाता है। खासकर महिलाओं में यह खतरा अधिक बढ़ता है।
इस रिसर्च में बताया गया है कि हेल्दी रहने के लिए सुबह 8 बजे तक नाश्ता और रात 8 बजे से पहले आप इसके बाद जितना भी हेल्दी फूड खा ले वह शरीर को नुकसान पहुंचाता है।
यदि हमें इस तरह के गंभीर खतरे को टालना है तो यह समझना भी जरूरी है, कि खाने का सही समय क्या है तथा सही समय पर न खाने से कौन-कौन सी बीमारियां हमें घेर सकती हैं।
खाना खाने का सही समय क्या है?
नाश्ता- सुबह 8 बजे से पहले
लंच- ब्रेकफास्ट और लंच के बीच आइडियली 5 घंटे का गैप होना चाहिए। अगर आपने 8 बजे ब्रेकफास्ट किया है तो 1 बजे तक लंच कर लेना चाहिए। लंच अगर देर से लिया जा रहा है तो बॉडी में ग्लूकोज का लेवल कम हो सकता है। इससे थकान, कमजोरी तो होती ही है, बॉडी को खासा नुकसान भी होता है।
डिनर- डिनर को लेकर कई अलग-अलग थियरीज हैं। कुछ लोग तो डिनर स्किप करने की बात करते हैं तो कोई कहता है कि सूरज ढलने से पहले आपको डिनर कर लेना चाहिए। दोनों में से कोई नुकसानदायक नहीं है। लेकिन आपको यह डिसाइड करना है अपनी दिनचर्या के मुताबिक ।
डॉ. कौशिकी गुप्ता कहती हैं कि डिनर करने और सोने के बीच कम से कम तीन घंटे का गैप होना चाहिए। हर हाल में 8 बजे से पहले डिनर कर लें और देर रात तक जागें नहीं। देर तक जागने पर आपको दोबारा भूख लग जाएगी और ऐसे में आप जो भी खाएंगे, वो सिर्फ फैट बनकर बॉडी में जमा होगा।
इसके पीछे साइंटिफिक रीजन बॉडी के सर्केडियन रिद्म को फॉलो करना है। यानी सूर्य की गति के साथ ही बदलती शरीर के इंटरनल मैकेनिज्म की गति। सूरज सिर्फ दिन में उगता और शाम को डूबता नहीं, बल्कि हमारी बॉडी के ग्रोथ हॉर्मोन भी सूरज की गति के अनुसार दिन में जागते और रात में आराम करते हैं।
कुछ लोग अपने सिस्टम के खिलाफ दिन में सोते और रात में जागते है।
ब्रेकफास्ट- सुबह उठने के 2 घंटे के अंदर एक हेल्दी ब्रेकफास्ट करना बहुत ही जरूरी है। इसका यह मतलब भी नहीं है कि आप 10 या 11 बजे सो कर उठे और सुबह उठने का एक वक्त होता है। सही समय ब्रह्म मुहुर्त में उठना है, लेकिन अगर आप इतनी सुबह नहीं उठ सकते तो भी सूरज उगने के साथ जरूर उठ जाइए।
तो कहने का आशय ये है कि-
- सुबह सूरज उगने के साथ उठें।
- दिन की शुरुआत चाय-कॉफी से न करें।
- उठने के दो घंटे के भीतर हेल्दी नाश्ता करें। जैसे ओट्स, दूध, ब्रेड, जूस या मौसमी फल वगैरह। कार्ब, चीनी, प्रॉसेस्ड फूड न खाएं।
बीमारियों से बचने के लिए किस टाइम क्या खाएं?
भोजन पोषक तत्वों से भरपूर होना भी जरूरी है,खाना सिर्फ भूख को खत्म करने के लिए नहीं खाना चाहिए। डॉक्टर कौशिक गुप्ता का कहना है कि कभी भी ब्रेकफास्ट स्किप ना करें क्योंकि अच्छा ब्रेकफास्ट आपके शरीर को दिन भर चुस्त दुरुस्त और एनर्जी बनाए रखने में मददगार साबित होता है। ऐसे में यह जरूर ध्यान रखें कि ब्रेकफास्ट में फाइबर प्रोटीन तथा माइक्रो न्यूट्रिएंट्स ठीक मात्रा में उपस्थित हो।
हाइ शुगर फैट वाला खाना ब्रेकफास्ट में नहीं खाना चाहिए। साथ ही लंच दिन का सबसे हैवी मील होना चाहिए। ऐसे में अगर आप कुछ भी अनहेल्दी खा लेते हैं तो गट उसे पचाने में समर्थ होता है।
डिनर -जब बात डिनर की आती है तो लोग सबसे ज्यादा यह गलती जरूर करते हैं स्कूल या ऑफिस की भागदाैड़ की वजह से सुबह नाश्ते के लिए समय नहीं मिलता है ।लंच में भी हल्का-फुल्का सा खा लेते हैं फिर रात में पूरा भोजन करते हैं।
यानी हम सबसे हैवी मील तब लेते हैं, जब बॉडी उसे पचा सकने में सबसे ज्यादा अक्षम है। जबकि होना चाहिए इसका ठीक उलटा। रात्री का खाना सबसे कम मात्रा में और सबसे हल्का होना चाहिए।
देर रात डिनर करने से क्या नुकसान होता है?
- ब्लोटिंग, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम की संभावना कम होती है।
- डायबिटीज- रात के समय बॉडी का मेटाबॉलिज्म स्लो होता है। ऐसे में देर रात खाना खाने से ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। इसे अगर कंट्रोल न किया जाए तो यही डायबिटीज में बदल सकता है।
- ब्लड प्रेशर- रात को देर से खाना खाने की वजह से ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ता है। जिससे हार्ट संबंधित बीमारियां जैसे -हार्ट अटैक और बहुत -सी बीमारियां का खतरा बढ़ जाता है। और चलते-चलते रात में जल्दी डिनर करने और डिनर और गुड नाइट स्लीप के बीच कम से कम तीन घंटे का गैप रखना आपके लिए फायदेमंद साबित होता है।