Saturday, November 23, 2024

क्या होती है ? IBD, IBD क्यों बन जाती है कैंसर का कारण , जानिए इसके बचाव और इलाज के बारे मे !

DIGITAL NEWS GURU HEALTH DESK :- 

क्या होती है ? IBD, IBD क्यों बन जाती है कैंसर का कारण , जानिए इसके बचाव और इलाज के बारे मे !

पेट में सूजन बनी हुई है, वजन लगातार घट रहा है, बहुत थकान सी बनी रहती है तो इन सभी चीजों को हल्के में न लें। ये एक गंभीर बीमारी इंफ्लेमेट्री बाउल डिजीज (IBD) के भी लक्षण हो सकते हैं। समय रहते अगर इसका इलाज नहीं किया गया तो कैंसर होने की आशंका बहुत बढ़ जाती रही  है।

दुनिया भर में लगभग 50 लाख लोग IBD से पीड़ित हैं। यह एक क्रॉनिक डिजीज है, जिससे आंतों में सूजन और जख्म हो जाता है।  हाल ही में मेडिकल जर्नल PLOS मेडिसिन में पब्लिश हुई एक स्टडी ने इस मामले में एक उम्मीद की किरण दिखाई है। इसके मुताबिक IBD के खतरनाक रूप लेने से करीब एक साल पहले ही इसका पता लगाया जा सकता है। अगर ध्यान दें तो इसके लक्षण पहले ही सामने आ जाते हैं। बात करेंगे IBD के बारे में। साथ ही जानेंगे कि-

• IBD क्यों बन जाती है कैंसर का कारण?

• इसके लक्षण बवासीर से जैसे क्यों लगते हैं?

क्या IBD का इलाज संभव है?

सबसे ज्यादा IBD के मामलों में भारत दूसरे नंबर पर है क्रॉनिक डिजीज IBD के सबसे ज्यादा पेशेंट्स अमेरिका में पाए जाते है ।सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के एक डेटा के मुताबिक अमेरिका में कम से कम 30 लाख लोग IBD से जूझ रहे हैं। जबकि भारत में लगभग 2.7 लाख लोग IBD से पीड़ित पाए जाते है।

 

क्या कहती है स्टडी:

IBD पर आई एक नई स्टडी के मुताबिक अगर पेट की कोई भी समस्या होने पर अगर आप को कुछ लक्षण इस बीमारी की ओर इशारा कर रहे हैं तो डॉक्टर से इस बारे में बात करके समय रहते इस IBD बीमारी का पता लगाया जा सकता है।

IBD क्या है?

इंफ्लेमेट्री बाउल डिजीज (IBD) पाचन तंत्र से जुड़ी एक बीमारी है। जिसके शुरुआती लक्षण बेहद आम होते हैं, इसलिए इन्हें कोई गंभीरता से नहीं लेता है। चूंकि इसके लक्षण बवासीर से मेल खाते हैं, इसलिए कई बार लोग बवासीर का इलाज कराने लग जाते है। इस बीच यह बीमारी गंभीर होती चली जाती है और समय पर इलाज न मिलने के कारण यह वेट लॉस, कुपोषण और कई बार कैंसर का भी कारण बन सकती है।

दो तरह की होती है IBD:

क्रॉनिक डिजीज IBD मुख्यतः दो तरह की होती है, क्रोहन डिजीज और अल्सरेटिव कोलाइटिस। दो तरह की होती है IBD

क्रॉनिक डिजीज IBD मुख्यतः दो तरह की होती है, क्रोहन डिजीज और अल्सरेटिव कोलाइटिस ।

क्रोहन डिजीजः यह समस्या डाइजेस्टिव ट्रैक्ट में कहीं भी हो सकती है। इससे पेशेंट के मुंह से लेकर छोटी आंत तक सूजन के साथ जलन की समस्या होती है।

अल्सरेटिव कोलाइटिसः इसमें आमतौर पर बड़ी आंत या मलाशय में सूजन होता है और यह सूजन केवल कोलन की परत पर होता है।

 

क्यों और किसे होती है IBD?:

IBD होने के पीछे का सबसे सटीक कारण अभी तक तो स्पष्ट नहीं हुआ है। लेकिन ऐसे कई फैक्टर्स की एक बड़ी लिस्ट बनी हुई है। जिसके कारण यह बीमारी हो सकती है। IBD होने का सबसे अधिक खतरा उन लोगों को होता है, जिनकी IBD की कोई फैमिली हिस्ट्री रही है।

IBD के लिए ये सब है जिम्मेदार:

•आनुवांशिक कारण

•खराब जीवनशैली

•तला-भुना खाना

•पैकेज्ड फूड

•प्रदूषित वातावरण

•कमजोर इम्युनिटी. आनुवांशिक कारण

खराब जीवनशैली:

समय पर न सोने और जागने वालों को भी यह समस्या पकड़ सकती है। कम नींद लेने पर और उसके साथ ही एक्सरसाइज न करने से मोटापा और स्ट्रेस बढ़ता है। जो बाद में IBD का कारण बन सकता है ।

कमजोर इम्यूनिटी:

कमजोर इम्यूनिटी भी IBD की बड़ी वजह हो सकती है। हमारा इम्यून सिस्टम हमारी बीमारियों से रक्षा करता है। इसके कमजोर होने पर पाचन तंत्र में एक जीवाणु भी समस्या को ट्रिगर कर सकता है। ऐसा ऑटो-इम्यून सिस्टम के खराब होने पर भी हमेशा हो सकता है ऐसा होने पर हमारी एंटीबॉडीज ही हमारे शरीर पर हमला कर देती हैं।

धूम्रपान और वातावरण:

धूम्रपान और उसके साथ ही बाहरी प्रदूषण के चलते खाने की पाइप और आंतों पर एक बुरा असर पड़ता है। इसके चलते सूजन और जख्म हो सकते हैं। यह IBD के लिए एक बड़े स्तर पर जिम्मेदार हो सकता है। पा

पाइल्स से कैसे अलग है IBD?

दिल्ली के सीनियर फिजीशियन डॉ बॉबी दीवान बताते हैं, कि IBD और पाइल्स की बीमारी के लक्षण आपस में इतने मेल खाते हैं कि लोग IBD बीमारी को ही पाइल्स कि बीमारी समझने लगते हैं। दोनों ही बीमारियों में मल के साथ खून आना एक नॉर्मल बात है । लेकिन बवासीर में कॉन्स्टिपेशन के साथ खून आता है, जबकि IBD में दस्त के साथ साथ खून आने की भी समस्या होती है

क्या है इसका बचाव और इलाज ?

IBD को जड़ खत्म करने की कोई दवा या तकनीक अभी तक तो नही नहीं खोजी गई है। लेकिन, इसमें काफी हद तक राहत भी मिल सकती है।

डॉक्टर के मुताबिक ,यदि सही समय पर इसका इलाज मिलने पर इसका प्रभाव कम किया जा सकता है। कुछ सावधानियां और अवेयरनेस ही इसका सबसे सटीक उपाय हैं।

शुद्ध और संतुलित खान-पान हमें इस बीमारी से बचा सकता है। शुद्ध और संतुलित खान-पान हमें इस बीमारी से बचा सकता है।YOU MAY ALSO READ :- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ED रिमांड कल  28 मार्च को खत्म हुई , 3 अप्रैल को मामले की हो सकती हैं अगली सुनवाई !

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