Digital News Guru: संयुक्त राष्ट्र (United Nations) शरणार्थी एजेंसी संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (UNHRC) ने कहा है कि सितंबर के अंत तक वैश्विक स्तर पर युद्ध (war), उत्पीड़न (exploitation), हिंसा (violence) और मानवाधिकारों (Human Rights) के उल्लंघन से विस्थापित लोगों की संख्या 114 मिलियन से अधिक होने की संभावना है। इसको लेकर जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इस साल जून के अंत तक, दुनिया भर में 110 मिलियन लोगों को जबरन विस्थापित किया गया था, जो 2022 के अंत से 1.6 मिलियन अधिक है। जून से सितंबर के अंत तक तीन महीनों में, जबरन विस्थापितों की संख्या में 04 मिलियन की वृद्धि हुई। कुल मिलाकर 114 मिलियन विस्थापित हुए।
बता दें कि, 2023 की पहली छमाही में इस विस्थापन के मुख्य कारण हिंसा, सूखा, बाढ़ और असुरक्षा रहे। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त ने कहा कि अब दुनिया का ध्यान गाजा में मानवीय तबाही पर है। लेकिन विश्व स्तर पर, बहुत सारे संघर्ष बढ़ रहे हैं, निर्दोष जिंदगियों को बर्बाद कर रहे हैं और लोगों को बर्बाद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संघर्षों को हल करने या नए संघर्षों को रोकने में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अक्षमता विस्थापन और दुख को बढ़ा रही है तथा हमें संघर्षों को समाप्त करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए व विस्थापित लोगों को घर लौटने की अनुमति देनी चाहिए
United Nations: स्विट्जरलैंड में होगा विस्थापित लोगों पर सभा का आयोजन
United Nations Human Rights ने कहा कि कम और मध्यम आय वाले देशों ने 75 प्रतिशत शरणार्थियों और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा की आवश्यकता वाले अन्य लोगों की मेजबानी की। वैश्विक स्तर पर, इस वर्ष के पहले छह महीनों में 1.6 मिलियन नए व्यक्तिगत शरण आवेदन किए गए, जो सबसे बड़ी संख्या है। एजेंसी के अनुसार, दूसरा ग्लोबल रिफ्यूजी फोरम, शरणार्थियों और अन्य जबरन विस्थापित लोगों पर दुनिया की सबसे बड़ी सभा, इस साल 13-15 दिसंबर को जिनेवा, स्विट्जरलैंड में आयोजित होने वाली है।
जाहिर तौर पर तेजी से जारी वैश्विक विस्थापन एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आ रहा है। ऐसे में United Nations ने इसको रोकने व कम करने को लेकर योजनाबद्ध तरीके से उपायों को लागू करने की तैयारी की है। फिलहाल, United Nations के मुताबिक देशों से विस्थापन जारी है, वहां के आंतरिक कारण इसकी सबसे बड़ी वजह हैं, जिसपर संयम लगाने की बेहद आवश्यकता है।
United Nations: गाजा में एक तिहाई से अधिक अस्पताल बंद
United Nations कार्यालय ने अपने हालिया बयान में कहा कि गाजा में एक तिहाई अस्पताल और लगभग दो-तिहाई प्राथमिक स्वास्थ्य क्लीनिक ईंधन की कमी या युद्ध के कारण पहले ही बंद हो चुके हैं। 07 अक्टूबर को इजरायल (Israel) पर हमास (Hamas) के हमले के जवाब में, यहूदी राष्ट्र ने गाजा में बिजली की आपूर्ति काट दी है। जिससे अस्पतालों और जल सुविधाओं को ईंधन द्वारा संचालित बैकअप जनरेटर पर निर्भर होना पड़ा है। गाजा में अब तक की सबसे बड़ी मानवीय सहायता प्रदाता संयुक्त राष्ट्र (United Nations) राहत कार्य एजेंसी (UNRWA) ने चेतावनी दी है कि अगर गाजा में तुरंत ईंधन की अनुमति नहीं दी गई तो जल्द ही वह सभी कार्यों को रोकने के लिए मजबूर हो जाएगी।
बीते सोमवार 23 अक्टूबर तक विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने गाजा पट्टी में स्वास्थ्य देखभाल पर 72 हमलों का दस्तावेजीकरण किया है, जिसके परिणामस्वरूप ड्यूटी पर 16 मौतें और 30 स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारी घायल हुए हैं। बता दें कि, इन हमलों ने 34 स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं को प्रभावित किया है, जिनमें 19 अस्पताल क्षतिग्रस्त हुए हैं और 24 एम्बुलेंस को भी नुकसान हुआ है।
इजरायल द्वारा गाजा को बिजली और ईंधन की आपूर्ति बंद करने के कारण एन्क्लेव का एकमात्र बिजली प्लांट भी बंद हो गया है, जिससे जरूरी सेवा बुनियादी ढांचे को बैकअप जनरेटर पर निर्भर रहने के लिए मजबूर होना पड़ा है, जो ईंधन की कमी के कारण सीमित हैं। एन्क्लेव में स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, बुधवार 25 अक्टूबर तक गाजा में 5,791 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जिसमें 68 प्रतिशत संख्या बच्चों की हैं।
also read- https://digitalnewsguru.com/israel-hamas-war-can-affect-world-economy/