Saturday, September 21, 2024

Uddhav Thackeray birthday special : राजनीति मे आने से पहले उद्धव ठाकरे थे एक प्रसिद्ध फोटोग्राफर !

DIGITAL NEWS GURU POLITICAL DESK :- 

Uddhav Thackeray birthday special : राजनीति मे आने से पहले उद्धव ठाकरे थे एक प्रसिद्ध फोटोग्राफर !

उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। उन्होंने 2019 से 2022 तक महाराष्ट्र के 19वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। वर्तमान में, वे महाराष्ट्र की एक लोकप्रिय राजनीतिक पार्टी शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के अध्यक्ष हैं। उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) शिवसेना के पूर्व नेता और संस्थापक स्वर्गीय श्री बालासाहेब ठाकरे के पुत्र हैं।

 

 

उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) का जन्म और परिवार:

उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) का जन्म 27 जुलाई, 1960 को मुंबई में बाला साहेब ठाकरे और मीना ठाकरे का घर हुआ। उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) शिव सेना की स्थापना करने वाले व हिंदुत्व की छवि रखने वाले बालासाहब ठाकरे  के पुत्र हैं। उनकी माता का नाम मीना ठाकरे है और उनके चचेरे भाई का नाम राज ठाकरे है। साल 2006 में राज ठाकरे ने  शिवसेना  पार्टी से अलग होकर   ‘महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना’ नाम से अपनी एक पार्टी की स्थापना की। लेकिन इसके बाद इन दोनों रसायनों के कारोबार में दरार पड़ गई।

उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) साहब की पत्नी का नाम रश्मि ठाकरे है । वह अपने कॉलेज के दिनों में ही उन्हें जानती थी और दोनों एक-दूसरे को पसंद करते थे। बाद में 13 दिसंबर, 1988 को दोनों की शादी हो गई। उनके 2 बेटे है आदित्य और तेजस ठाकरे । आदित्य ठाकरे राजनीति में पिता के साथ कदम से कदम मिला कर चले गए और वह यूपी सरकार में मंत्री पद पर भी रह गए।

 

उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) का प्रारंभिक जीवन:

शुरूआती दिनों मे उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray)ने  राजनीति से दूर रह के अपना  जीवन जिया। जबकि उन दिनों उनके पिता श्री बाला साहेब ठाकरे का  राष्ट्रीय  स्तर पर बोलबाला थे। इतना ही नहीं  उनके पिता श्री बाला साहेब ठाकरे एक कट्टरपंथी हिंदुत्व की छवि वाले नेता बने हुए हैं। इसके बावजूद भी उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) प्रारंभिक समय में राजनीति से दूर फोटोग्राफी में अपना उद्यम देख रहे थे।

उन्हें वाइल्ड फोटोग्राफी का शौक था । उन्होंने अपने इस शौक़ीन को व्यावसायिक स्वरूप भी दिया और कई पुरस्कार भी प्राप्त किये। इतनी ही नहीं उनकी वाइल्ड लाइफ़ फ़ोटोग्राफ़र की किताब भी प्रकाशित हो चुकी है। बाद में वह धीरे-धीरे ही सही मगर राजनीति में पूरी तरह से उतर गये और अपने पिता के साथ मिलकर पार्टी-संगठन के प्रमुख बन गये।

 

उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की राजनीति करियर:

 

उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray की जीवन यात्रा और उनकी सोच उनके पिता बाला साहेब ठाकरे  से अलग रही है। बाला साहेब से अलग उनके व्यक्तित्व में आक्रामकता नहीं रही है। इतना ही नहीं वह जीवन में सक्रिय राजनीति से पूरी तरह बना हुआ था। हालाँकि किस वर्ष से उन्होंने पार्टी में अपनी सक्रियता भागीदारी दी, इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं है।

साल 2003 में महाबलेश्वर में बीजेपी के सम्मेलन में उस वक्त तक बीजेपी का हिस्सा बने रहे जब राज ठाकरे ने मुलायम सिंह के नाम की घोषणा की, लेकिन पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर मगर ने यह फैसला नहीं लिया. इसमें कहा गया है कि आप स्वयं को मानते हैं कि मगर चाचा बाला साहेब ठाकरे की इच्छा के कारण उन्होंने अपने चचेरे भाई उथ्थक को त्यागपत्र देने की तैयारी की थी।

अब अगर हाल के कुछ रिश्तों की महाराष्ट्र की राजनीति पर चर्चा की गई और उषा टेकर का नाम नहीं लिया गया तो यह आपके लिए एक अधूरापन जैसा होगा। कुछ समय पहले तक यूवी टोकन में कोई भी पद पर नहीं है, जब तक वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और हिंदुत्व की छवि बनाए रखने वाली पार्टी पार्टी के प्रमुखों पर जाने नहीं गए थे। बाला साहेब अख्तर के निधन के बाद उन्होंने विपक्ष में एकता की घोषणा की और पार्टी को झटका दिया। उनकी छवि उनके पिता बालासाहेब ठाकरे और चतुर्थ भाई राज ठाकरे से नम्र रही है और यही कारण है कि उनकी कालजयी पार्टी ने अपने पुरातनपंथी विचारधारा से हटकर एक अलग विचारधारे की मोड़ ले ली।

फिर भी पिता बाला साहेब ठाकरे की मृत्यु के बाद उन्होंने पिता की पार्टी उम्मीदवारी को न केवल एकजुट रखा बल्कि पार्टी को आगे लेकर जाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अब यही कारण है कि महाराष्ट्र में वर्ष 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में 63 सीटों पर जीत हासिल करने वाली शिवसेना ही थी । 28 मार्च, 2019 को उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का पद भी संभाला। उन्होंने बीजेपी से अलग होकर गठबंधन की सरकार बनाई थी मगर वह अधिक समय तक मुख्यमंत्री के पद पर नहीं रहे। उनकी स्वयं की पार्टी में समाजवादी पार्टी के समर्थक शामिल हो गए।

तत्काल एकनाथ शिंदे वाली पार्टी गुट ने यूथ टाइक के नेतृत्व वाली पार्टी से विद्रोह कर दिया और उसके बाद सरकार अल्पमत में आ गई। एकनाथ गुट के सभी सदस्य पहले गुजरात और बाद में असम चले गए। विवाद बढ़ा तो सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने के लिए कहा। मगर फ्लोर टेस्ट से पहले ही उद्धव ठाकरे ने 29 जून, 2022 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के पद से त्याग पत्र दे दिया। इस तरह से 31 महीने 1 दिन पुरानी सरकार का अंत हो गया।

2002 -महाराष्ट्र के बीएमसी चुनाव में पार्टी की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई
2003 -शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष की घोषणा
28 मार्च, 2019 – महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का पद ग्रहण
29 जून, 2022 -महाराष्ट्र विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा प्रस्ताव दिया गया।

YOU MAY ALSO READ :- वूमेन एशिया कप के फाइनल में पहुंचीं भारतीय टीम, बांग्लादेश को सेमीफाइनल मुकाबले में 10 विकेटों से दी मात;रेणुका सिंह बनी प्लेयर ऑफ द मैच।

आपका वोट

Sorry, there are no polls available at the moment.
Advertisements
Latest news
- Advertisement -

You cannot copy content of this page