स्कूटी पर 121 क्विंटल भूसा लादकर पहुंचाया दूसरे शहर!…पढ़िये कैसे खुली 1.31 करोड़ के चारा घोटाले की पोल!
Digital news guru kanpur desk: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से चारा घोटाला के मामले की खबर सामने आ रही है। जहां 1.31 करोड़ के चारा घोटाले को जांच अधिकारी करीब एक साल से दबाए बैठे है। पिछली जांच में यह पता चला था कि 121 किवंटल भूसा ढोया गया था, लेकिन जिस वाहन का नंबर इन्होंने लगाया था वह आरटीओ में स्कूटी का नंबर दर्ज है।

ऑडिट टीम ने गोआश्रय स्थलों की जांच कर सितंबर 2022 में अपनी रिपोर्ट तत्कालीन डीडीओ और तत्कालीन मुख्य पशुचिकित्साधिकारी आरपी मिश्रा को सौंपी थी। तत्कालीन सीडीओ महेंद्र कुमार ने जांच कराकर कार्रवाई के आदेश दिए थे। लेकिन,धर्मकांटा पर भूसा तौल के 10 माह “बाद पहुंचा गोशाला ऑडिट टीम ने घाटमपुर की कटरी ग्राम पंचायत में भी गोआश्रय स्थल तक भूसा पहुंचाने का फर्जी चिल पकड़ा।

गौशाला में भूसे के आने और धर्मकांटा पर उसके तौले जाने की रसीद की तारीखों में करीब 10 माह का अंतर पकड़ा। रिपोर्ट के अनुसार ओम धर्मकांटा हिलोली रोड उन्नाव की रसीद में सात नवंबर 2019 को भूसा तौला गया था जबकि जो आश्रम स्थान के स्टॉक रजिस्टर में यह 14 सितंबर 2020 को आया दिखाया गया था। अफसरों ने सचिव और प्रधानों की मिलीभगत से जांच ही दबा दी। अभी तक न तो दोषियों पर कार्रवाई हुई और न ही उनसे धनराशि की वसूली हो सकी है।
तत्कालीन डीडीओ ने बीडीओ को पत्र लिखकर वसूली के दिए थे आदेश:
कठारा, सजेती, महिपालपुर, बोसर सरसौल, गागूपुर बिल्हौर, पतारा, कटरी चाटमपुर, बाटा गंभीरपुर, गढ़ी बिहारीपुर, खेरसा बिधनू, पलिया बुजुर्ग, सुघरदेवा, शिवराजपुर, चिल्हौर, मोहिद्दीनपुर, टिकचा और निवादा उधी में चारा घोटाला सामने आया था। तत्कालीन डीडीओ जीपी गौतम ने बीडीओ को पत्र लिखकर निर्देश दिए थे कि दोषी सचिवों से धनराशि वसूली जाए। धनराशि न देने पर उनके रिपोर्ट दर्ज कराई जाए।
लेकिन बीडीओ ने अभी तक न तो धनराशि की वसूली की और न ही उनके खिलाफ कोई कार्रवाई की है। करीब पिछले 15 दिन पहले मुख्य पशुचिकित्साधिकारी भी सेवानिवृत्त हो गए। ऑडिट टीम की जांच में 19 गो आश्रय स्थलों में फर्जीवाड़ा सामने आया था। स्कूटी पर एक बार में लादकर 121 क्विंटल भूसा सरसील के रामपुर के गौआश्रय स्थल पहुंचा था।
फर्जी तरीके से 4.73 लाख रुपये भूसा खरीद का लगा दिया बिल: सुधीर कुमार (सीडीओ) ने बताया कि गोवंश आश्रय स्थल चौचीगढ़ी चिल्हौर में अनुराग कटियार से 4.73 लाख का भूसा खरीदना दिखाया था। जिसका सादी पर्ची में हाथ से लिखा हुआ चिल लगाकर भुगतान कर दिया था। वो कोई भी सही चिल नहीं था। टीम ने पूरी तरह से फर्जी भुगतान साबित कर दिया। जानकारी होने के बाद भी अभी तक धनराशि वसूली नहीं गई तो जिम्मेदारों की लापरवाही है। इसकी फिर से जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
नंबर को जब परिवहन विभाग के एप पर चेक किया तो पता चला कि किसी ट्रक, ट्रैक्टर या लोडर का नहीं बल्कि वह स्कूटी का निकला। स्कूटी पर एक बार में लादकर 121 किवंटल भूसा सरसौल से रामपुर के गौआश्रय स्थल पहुंचा दिया गया था। जिसमें करीब 69,945 रुपये खर्च होना भी बताया। इसके साथ धर्मकांटा में भूसा तौल कराने की कंप्यूटराइज्ड रसीदें भी लगाई थीं। ऑडिट टीम ने बिल में दर्ज नंबर को जब परिवहन विभाग के एप पर चेक किया तो पता चला कि यह नंबर किसी ट्रक, ट्रैक्टर या लोडर का नही बल्कि वह स्कूटी का निकला।
यह भी पढे: BBA छात्रा ने दोस्तों संग मिलकर किया घिनौना काम, जानकर दंग रह जाएंगे आप !
हम आशा करते हैं कि आपको हमारी पोस्ट जरूर पसंद आई होगी अगर आपको हमारी पोस्ट अच्छी लगी और आप हमसे जुड़े रहना चाहते हैं तो इसके लिए हमारी वेबसाइट को सब्सक्राइब करें और हमारे साथ जुड़े रहे हैं।