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आज 22 अप्रैल को विश्व भर मे 55वीं बार मनाया जाएगा पृथ्वी दिवस !
आज के दिन 22 अप्रैल को हम पृथ्वी दिवस के रूप मे मनाते है। यदि ऐसी सब खबर अखबारों में नहीं छपती तो शायद ही किसी को याद भी आता की आज पृथ्वी दिवस है! पृथ्वी बहुत व्यापक शब्द है जिसमें जल, हरियाली, वन्यप्राणी, प्रदूषण और इससे जुड़े अन्य कारक भी हैं।
धरती को बचाने का आशय है इसकी रक्षा के लिए पहल करना भी है न तो पृथ्वी को लेकर कभी सामाजिक जागरूकता दिखाई गई है और न राजनीतिक स्तर पर कभी कोई ठोस पहल की गई है दरअसल पृथ्वी एक बहुत ही ज्यादा व्यापक शब्द है, इसमें जल, हरियाली, वन्यप्राणी, प्रदूषण और इससे जु़ड़े अन्य कारक भी शामिल हैं।
धरती को बचाने का आशय ही यही है कि हम इन सभी की रक्षा के लिए पहल कर सके लेकिन इसके लिए सिर्फ किसी एक दिन को ही माध्यम को बना दिया जाए क्या यह हम सभी के लिए उचित है? हम सभी को हर दिन को पृथ्वी दिवस के रूप मे मानना चाहिए।
आज पूरी दुनिया यानी 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस के रूप मे मनाती है तो वही दूसरी तरफ अमेरिका में आज ही के दिन को वृक्ष दिवस के रूप में मनाया जाता है। पहले पूरी दुनिया हर साल दो दिन यानी (21 मार्च और 22 अप्रैल) पृथ्वी दिवस के रूप मे मनाया जाता था। लेकिन साल 1970 से सिर्फ 22 अप्रैल को ही पृथ्वी दिवस मनाया जाना तय किया गया था।
22 मार्च को मनाया जाता है ‘इंटरनेशनल अर्थ डे’:
‘इंटरनेशनल अर्थ डे’ मानते है उसको संयुक्त राष्ट्र का समर्थन मिला हुआ है है, पर इसका महत्व वैज्ञानिक तथा पर्यावरणीय ज्यादा होता है। इसको उत्तरी गोलार्ध के वसंत और दक्षिणी गोलार्ध के पतझ़ड़ के चिन्ह के रूप मे भी मनाया जाता है। हर वर्ष 22 अप्रैल को ही वर्ल्ड अर्थ डे मनाए जाने के पीछे भी अमेरिकी सीनेटर गेलार्ड नेल्सन ही थे। वे पर्यावरण को लेकर काफी चिंतित रहा करते थे और लोगों में जागरूकता जगाने के लिए कोई न कोई काम किया करते रहते थे।
पृथ्वी के इस पर्यावरण को बचाने के लिए हम लोग ज्यादा कुछ तो नहीं कर सकते, पर कम से कम इतना तो हम सब कर ही सकते है कि हम लोग पॉलिथीन के उपयोग को पूरी प्रकार से बंद करे और कागज का यूज भी कम करें और रिसाइकल प्रक्रिया को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा दें , क्योंकि जितनी ज्यादा वेस्ट चीज़े रिसाइकल होगी, उतना ही हमारी पृथ्वी का कचरा कम होने की उम्मीद होगी ।YOU MAY ALSO READ :- BR Chopra birth anniversary : पत्रकारिता से किया था फिल्मों का रुख, ‘महाभारत’ का निर्माण कर रच दिया इतिहास !