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आज काशी विश्वनाथ सहित पूरे देश मनाया जा रहा गंगा दशहरा, जानिए पूजन विधि ।
हिन्दू धर्म पूजा पाठ और आस्था कुछ अलग ही देखने को मिलता है। आज भी गंगा दशहरा के पर्व पे कुछ ऐसी ही आस्था देखने को मिल रही है ,हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि गंगा दशहरा का पर्व बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है।ऐसी मान्यता है कि ज्येष्ठ शुक्ल दशमी के दिन हस्त नक्षत्र में मां गंगा स्वर्ग से धरती पर आई थीं।
गंगा दशहरा पर दान और स्नान का अधिक महत्व बताया गया है। इस साल गंगा दशहरा 16 जून यानी आज मनाया जा रहा है. हिंदू धर्म के अनुसार, ज्येष्ठ शुक्ल की दशमी तिथि को पहाड़ों से उतरकर मां गंगा हरिद्वार ब्रह्मकुंड में आईं थीं और तभी से इस दिन को गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाने लगा ।इस खास दिन पर मां गंगा और शिवजी की पूजा-उपासना से जाने-अनजाने में हुए दुखों से निजात मिलता है।
काशी में दिख रहा बहुत ही सुन्दर नजारा और आस्था :
गंगा दशहरा के अवसर पर काशी (प्रयागराज ) में सुबह से ही गंगा घाट पर पवित्र जल से स्नान करने वालों की श्रद्धालु की उमड़ी हुई है। काशी और प्रयागराज में इस शुभ अवसर में भव्य प्रोग्राम होगा। जहां पर 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालु मां गंगा के पवित्र जल में आस्था की डुबकी लागाएंगे।
वाराणसी में अस्सी से राजघाट के बीच 30 से ज्यादा घाटों पर गंगा का अभिषेक, कल्चरल और पूजा-अनुष्ठान के कार्यक्रम आयोजित होंगे। अस्सी घाट पर सुबह 11 नावों से मां गंगा को 5000 मीटर लंबी चुनरी साड़ी चढ़ाकर 56 प्रकार के व्यंजनों का विशेष भोग लगाया जाएगा।
22 देव कन्याएं भी करेंगी गंगा आरती :
काशी में संध्या के समय दशाश्वमेध घाट पर 33 अर्चक गंगा की महा आरती उतारेंगे। शंखनाद के संग 22 देव कन्याएं भी मां गंगा आरती करेंगी। यहां पर दिल्ली के सांसद व भोजपुरी स्टार मनोज तिवारी गंगा मां पर कुछ आस्था से भरे हुए भजन सुनाएंगे। संगम नोज पर पहली बार 8 देव कन्याएं गंगा आरती उतारेंगी।
अस्सी घाट पर मां गंगा की 1008 साड़ियों को आपस में जोड़ कर एक तरफ़ से दूसरी पार तक भक्त नांव से जाएंगे। शाम को 7 अर्चकों द्वारा मां गंगा की आरती के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। गायन, वादन और नृत्य की प्रस्तुतियां बनारस घराने के कलाकारों द्वारा दी जाएंगी।
वाराणसी में होगी इन स्थानो में गंगा आरती :
छात्राएं मां गंगा का विशिष्ट हवन करेंगी। 7 अर्चकों द्वारा गंगा आरती की जाएगी। और इसके अतिरिक्त तुलसी घाट, केदार घाट, मानसरोवर घाट, राजा घाट, अहिल्याबाई घाट, ललिता घाट, सिंधिया घाट, पंचगंगा घाट, गाय घाट और राजघाट पर भी गंगा आरती के आयोजन किए जाएंगे।
दशाश्वमेध घाट पर आस्था की डुबकी से साथ मां गंगा की आरती:
गंगा दशहरा पर दशाश्वमेध घाट पर अविरल गंगा- निर्मल गंगा की कामना कर आरती उतारी। मौजूदा लोगों ने मां गंगा के लिए शपथ लेकर जन भागीदारी सुनिश्चित करने का आवाह्न किया। गंगा जयघोष के बीच राष्ट्र ध्वज लहरा कर राष्ट्रीय नदी गंगा के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।
काशी विश्वनाथ मंदिर में होगा रुद्राभिषेक और शिवार्चनम:
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में आज गंगा दशहरा के दिन शाम 6 बजे गंगेश्वर महादेव मंदिर पर रुद्राभिषेक होगा। मंदिर में गंगा जी के विभाग पर पूजा-पाठ होगी। मंदिर के शंकराचार्य चौक क्षेत्र में शिवार्चनम मंच से मां गंगा और महादेव की स्तुति की जाएगी तथा भजन संध्या होगी।
गंगा दशहरा पूजन विधि:
गंगा दशहरा के खास मौके पर गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाने का विधान है, यदि आप इस दिन पवित्र गंगा नदी में आस्था की डुबकी नहीं लगा पता हैं, तो घर में इस विधि और शुभ मुहूर्त पर गंगा जल से स्नान कर ले।
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