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जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकवादियों ने सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर हमला किया :
जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले में आतंकवादियों को देखे जाने की सूचना पर सेना की बटालियन सर्च ऑपरेशन चला रही थी इस दौरान गुरुवार को बटालियन पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया जिसमें कानपुर के चौबेपुर स्थित भाऊपुर मधोसिंह गांव के रहने वाले जवान लाल करन करन यादव 2013 में सेवा में भर्ती हुए थे, कश्मीर के पुंछ जिले में साथियों के साथ कॉबिंग पर निकले जवान करन पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया था।
जम्मू-कश्मीर के राजौरी मे हुए आतंकवादी हमले मे कानपुर के लाल करन यादव हुए शाहिद :
इस हमले में पांच जवान शहीद हो गए जिसमें से एक लाल करन यादव भी थे ,पुंछ में तैनात सहकर्मी ने देर रात करन के परिजनों को सूचना दी , तो कोहराम मच गया ।सूचना मिलते ही आसपास के सैकड़ों लोग भी शहीद करन के घर पहुंच गए।करन के पिता बालकराम किसान हैं। पत्नी अंजू के अलावा एक बेटी आर्या और बेटा आर्यन है। बच्चे आर्मी स्कूल में पढ़ते हैं। बच्चों की पढ़ाई की खातिर अंजू रामादेवी के पास किराए के मकान में रहती हैं। पति के शहीद होने की सूचना पर वह अपने पिता और बच्चों के साथ गांव पहुंच गई।
वहीं, करन के गांव में सुबह से ही सांत्वना देने वालों का मजमा लग गया। पिता बालक राम ने बताया कि शुक्रवार सुबह बेटे के एक साथी ने फोन करके घटना की जानकारी दी। परिवार वाले लगातार सेना के अधिकारियों के सम्पर्क में हैं। शाम या देर रात तक तक शव पहुंचने की संभावना है।
आखरी बार अगस्त में आए थे घर करन यादव :
छोटे भाई का कहना है कि लाल करन यादव आखरी बार अगस्त में घर आए थे और सितंबर में वह फिर से अपना कर्तव्य निभाने के लिए रवाना हो गए ।उनके रहते ही घर की स्थिति अच्छी चल रही थी । छोटे भाई के मुताबिक करन की पत्नी के पास देर रात 12:00 बजे फोन आया और उनके शहीद होने की सूचना प्राप्त हुई।
पिता बालक राम ने कहा, कि देश सेवा के लिए वह अपना दूसरा बेटा भी सेवा में भेजना चाहते थे, लेकिन उनका यह सपना पूरा नहीं हो सका ।खबर मिलते ही सभी ग्रामीण शहीद के घर पहुंचे । पूरे गांव में मातम छा गया है ,वहीं एसडीएम समेत के कई अधिकारी शहीद के घर पहुंचे ।जम्मू-कश्मीर के राजौरी में गुरुवार (21 दिसंबर) को आतंकवादियों ने सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर हमला किया। इस हमले में 5 जवान शहीद हो गए। 2 जवानों की हालत गंभीर है। फिलहाल सर्च ऑपरेशन जारी है। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की टीम मौके पर पहुंची है।
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, आर्मी ने डेरा की गली से कुछ स्थानीय लोगों को हिरासत में लिया है, इनसे पूछताछ की जा रही है। इन्हें सेना पर हुए हमले में संदिग्ध माना जा रहा है। उधर, रक्षा सूत्रों का कहना है कि राजौरी-पुंछ सेक्टर में करीब 30 पाकिस्तानी आतंकवादी एक्टिव हैं।
यह घटना गुरुवार को करीब 3 बजे हुई। शहीद जवानों की संख्या को लेकर 24 घंटे तक कंफ्यूजन रहा। सबसे पहले 4 जवानों के शहीद होने की खबर थी। इसके बाद देर रात तक यह संख्या बढ़कर 5 हो गई। लेकिन शुक्रवार सुबह 9 बजे यह संख्या घटाकर 4 कर दी गई।
फिर सुबह 10 बजे सेना के सूत्रों ने बताया कि हमारे 5 जवान शहीद हुए हैं। हमले में गंभीर रूप से घायल एक जवान ने शुक्रवार को दम तोड़ दिया। गुरुवार को शहीद हुए सैनिकों में दो के शव क्षत-विक्षत हालत में मिले।
सेना के अधिकारियों के मुताबिक, जवानों और आतंकियों के बीच आमने-सामने लड़ाई हुई। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि उनके बीच हाथापाई भी हुई। यह भी संभावना है कि आतंकियों ने सैनिकों को शहीद करके उनके हथियार लूट लिए।
सूत्रों के मुताबिक, यह हमला थानामंडी-सुरनकोट रोड पर डेरा की गली (DKG) नाम के इलाके में हुआ है। ये वाहन जवानों को लेकर सुरनकोट और बफलियाज जा रहे थे, जहां बुधवार रात सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खिलाफ घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया था। गुरुवार को अभियान में शामिल सुरक्षाबलों से सेना का कॉन्टैक्ट हो पाया, जिसके बाद यहां अतिरिक्त सुरक्षाबल भेजा जा रहा था।
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