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Sonia Gandhi birthday special : कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय मे पहली बार हुई थी सोनिया की राजीव गांधी से मुलाकात , काफी दिलचस्प रही है दोनों की प्रेम कहानी !
सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और राजीव गांधी की प्रेम कहानी एक ऐसी दास्तान है जो सचमुच दिल को छू जाती है। यह कहानी दो अलग-अलग देशों, अलग-अलग संस्कृतियों, और अलग-अलग पृष्ठभूमि के दो लोगों के बीच की प्रेम कहानी है, जो नियति के फैसले से जुड़ गए ।
राजीव गांधी ने सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को पहली बार कैम्ब्रिज में एक ग्रीक रेस्तरां में देखा था, और वहीं से उनकी प्रेम कहानी शुरू हुई। राजीव ने सोनिया को देखकर इतना आकर्षित हुए कि उन्होंने रेस्तरां के मालिक से कहा कि वह उन्हें सोनिया के पास बैठने की जगह दिलवाएं। राजीव ने सोनिया के लिए एक कविता लिखी और उसे एक बोतल वाइन के साथ भेज दिया ।
इसके बाद, दोनों की मुलाकातें बढ़ने लगीं और उन्होंने साथ में कई फिल्में देखीं। सत्यजीत रे की फिल्म “पाथेर पंचाली” उनकी पहली फिल्म थी जो उन्होंने साथ में देखी थी ।
राजीव ने अपनी माँ इंदिरा गांधी को सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के बारे में बताया और उन्होंने लंदन में नेहरू प्रदर्शनी के दौरान सोनिया से मुलाकात की। इंदिरा गांधी ने सोनिया को भारत आने के लिए आमंत्रित किया और उन्होंने 1967 में भारत आकर राजीव से शादी की ।
सोनिया के पिता स्टेफानो मेनो को राजीव और सोनिया की शादी के बारे में थोड़ा संदेह था, क्योंकि वह एक राजनीतिक परिवार में अपनी बेटी की शादी के बारे में चिंतित थे। लेकिन राजीव और सोनिया की प्रेम कहानी इतनी मजबूत थी कि उन्होंने अपने परिवार की राजनीतिक पृष्ठभूमि को नजरअंदाज कर दिया ।
राजीव और सोनिया की शादी 25 फरवरी, 1968 को हुई थी, जिसमें कई प्रमुख राजनेता, व्यवसायी और हस्तियाँ शामिल हुईं। उनकी शादी के बाद, राजीव ने पायलट के रूप में काम किया और सोनिया ने घर पर रहकर परिवार की देखभाल की ।
राजीव की मृत्यु 1991 में हुई थी, जिसने सोनिया और पूरे देश को हिला दिया था। लेकिन सोनिया ने अपने परिवार और देश के लिए मजबूत बने रहने का फैसला किया और राजनीति में कदम रखा
देश ही नहीं, दुनिया की 100 शक्तिशाली महिलाओं की सूची में जगह बनाने वाली सोनिया गांधी इतालवी मूल की भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वह भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की पत्नी हैं। सोनिया गांधी का विदेशी मूल का होना उनके राजनीति में आने के बाद से विवाद और बहस का विषय रहा है।
स्वतंत्रता के बाद वह पहली विदेशी मूल की महिला हैं जो किसी राष्ट्रीय पार्टी का नेतृत्व कर रही हैं। वह भारतीय राजनीति की सबसे पुरानी और शक्तिशाली राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की लगभग दो दशकों तक अध्यक्ष रही हैं। और भारतीय राजनीति की केंद्र बिंदु हैं।
वह प्रगतिशील गठबंधन यूपीए के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य कर चुकी हैं। यह गठबंधन दो बार केंद्र सत्ता में था। सोनिया गांधी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की सबसे लंबे समय तक रहने वाली अध्यक्ष हैं। आइए जानते हैं सोनिया गांधी के बारे में विस्तार से…
सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) का जन्म और परिवार:
सोनिया गांधी का असली नाम एडविग एंटोनिया इल्बीना मायनो था । सोनिया गाँधी का जन्म 9 दिसंबर साल 1946 को इटली के एक छोटे से गांव लुसियाना में हुआ था। सोनिया गांधी के पिता स्टेफ़िनो मायनो पूर्व फासिस्ट एक सिपाही हुआ करते थे।
उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध में सेना के सिपाही के रूप में कार्य किया था और सोवियत सेना के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। वह बेनिटो मुसोलिनी के समर्थक थे। बाद में उन्होंने भवन निर्माण ठेकेदार का कार्य किया। उनकी मृत्यु 1983 में हो गई थी। सोनिया गांधी की माता का नाम पाओला मायनो है।
सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) एक रोमन कैथोलिक परिवार में जन्मी थी और सोनिया गाँधी की प्रारंभिक शिक्षा कैथोलिक स्कूल से ही पूरी हुई थी । सोनिया गाँधी जिस विद्यालय में अंग्रेजी भाषा का अध्ययन कर रही थीं और उसी विश्वविद्यालय के रेस्त्रां वार्सिटी में वे वेट्रेस का काम भी कर रहे थीं।
सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) का विवाह:
उसी समय सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) की मुलाकात कैंब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज में पढ़ रहे राजीव गांधी से हो गयी थी। फिर उसके बाद साल 1968 में उनके जीवन का स्वर्णिम मोड़ तब आया था जब दोनों परिवारों की रजामंदी से राजीव गाँधी और सोनिया गाँधी का विवाह भारतीय हिंदू परंपरा से भारत की राजधानी दिल्ली में हुआ था।
उसके बाद वह भारत में अपने पति और उनके परिवार के साथ रहने लगीं। विवाह के बाद उनका नाम सोनिया गांधी रखा गया। विवाह के 17 वर्षों पश्चात इन्हें भारतीय नागरिकता 1983 में मिली। सोनिया गांधी के 1 पुत्र राहुल गांधी और एक पुत्री प्रियंका गांधी हैं।
सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) का राजनीतिक जीवन:
नेहरू-गांधी परिवार से संबंध होने के बावजूद सोनिया और राजीव गांधी राजनीति से दूर रहना पसंद करते थे। राजीव गांधी जहां परिवार चलाने के लिए एक एयरलाइन में पेशेवर पायलट के रूप में काम कर रहे थे। वहीं सोनिया गांधी एक ममतामई मां और कुशल ग्रहणी की तरह अपना घर संभाल रहीं थीं।
लेकिन 1980 में संजय गांधी के निधन के बाद इंदिरा गांधी की सहायता के लिए 1982 में राजीव गांधी को राजनीति में प्रवेश करना पड़ा था। उसके बाद साल 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के तुरंत बाद राजीव गांधी के चुनाव प्रचार और सहायता के लिए सोनिया गांधी भी राजनीति में आ गयी थी ।
साल 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद भी सोनिया गाँधी राजनीति से दूर रही थी । उस समय पीवी नरसिंह राव के नेतृत्व में कांग्रेस को काफी बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था और सीताराम केसरी को अध्यक्ष बनाए जाने पर कांग्रेस के सदस्यों के बीच मनमुटाव शुरू हो गया था। अंत में पार्टी सदस्यों के दबाव में राजीव गांधी के निधन के 7 सालों के बाद 1997 में सोनिया गांधी ने कोलकाता के प्लेनेटी सेशन में कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण की।
सोनिया गाँधी की उपलब्धियां:
साल 2004 में सोनिया गांधी का नाम फोर्ब्स पत्रिका में दुनिया की सबसे ताकतवर महिला मे शामिल किया गया था । साल 2006 में ब्रुसेल्स विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद साल 2007 में सोनिया गाँधी का नाम फिर से एक बार फोर्ब्स पत्रिका में दुनिया की छठी सबसे ताकतवर महिला के रूप में सूचीबद्ध किया गया था। 2007 और 2008 में वे दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में से एक थी।
2008 में मद्रास विश्वविद्यालय से साहित्य में डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई। 2009 में फोर्ब्स पत्रिका में दुनिया की ताकतवर महिला थी। 2010 में ब्रिटिश पत्रिका न्यू स्टेट्समैंन ने उन्हें 50 प्रभावशाली लोगों में स्थान दिया। 2012 में फोर्ब्स पत्रिका में 12वीं ताकतवर महिला थी।
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