Saturday, November 23, 2024

कानपुर में Christmas and New year के चलते हैं धारा 144 लागू – आईए जानते हैं इसके बारे में डिटेल में

कानपुर में Christmas and New year के चलते हैं धारा 144 लागू – आईए जानते हैं इसके बारे में डिटेल में…

Digital News Guru Kanpur Desk: न्य ईयर सेलिब्रेशन में किसी तरह का हुड़दंग न हो और लॉ एंड ऑर्डर मेनटेन रहे, इसके लिए कमिश्नरेट पुलिस ने ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया है। शहर में किसी को कोई परेशानी और हादसे न हों, इसके लिए कमिश्नरेट में धारा 144 लागू कर दी गई है।

जेसीपी आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि वर्तमान परिस्थिति में संवेदनशीलता की विशेष वृद्धि और सामाजिक व्यवस्था को बनाए रखने की चुनौती को देखते हुए सुनवाई के लिए समय का अभाव है। इस आदेश के बाद कमिश्नरेट के चारों जोन के डीसीपी को संबंधित व्यक्ति पर कार्रवाई करने का अधिकार होगा। यह आदेश 20 दिसंबर से प्रभावी हो गया है जो 31 जनवरी 2024 तक लागू रहेगा।

इस आदेश का प्रचार सभी डीसीपी, एडिशनल डीसीपी, एसीपी के कोर्ट व सभी थानों के नोटिस बोर्ड पर चस्पा कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान परिस्थिति में संवेदनशीलता की विशेष वृद्धि तथा सामाजिक व्यवस्था को बनाए रखने के गंभीर विषय को देखते हुए सुनवाई के लिए समय का अभाव है। इस आदेश के बाद कमिश्नरेट के चारों जोन के डीसीपी को संबंधित पर कार्रवाई करने का अधिकार होगा।

धारा 144 लगने के बाद हम क्या नहीं कर सकेंगे-

1. कोई भी व्यक्ति या समूह किसी भी सामाजिक माध्यम से सोशल मीडिया पर कोई भ्रामक व उत्तेजक पोस्ट नहीं डालेगा और न ही फॉरवर्ड करेगा।

2. सार्वजनिक स्थान पर 5 से ज्यादा लोगों की साथ में रहने की अनुमति नहीं होगी।

3. पूर्व अनुमति के बिना न कोई सार्वजनिक कार्यक्रम, धार्मिक आयोजन, राजनैतिक कार्यक्रम, प्रदर्शन नहीं होगा।

4. कमिश्नरेट की सीमा के भीतर नेत्रहीन और दिव्यांग को लाठी, डंडे व सिख धर्म के लोगों को कृपाण को छोड़कर अन्य किसी व्यक्ति को चाकू तथा नुकीले शस्त्र जैसे तलवार, वरछी, गुप्तियां, कटार, फरसा, संगीन, त्रिशूल अथवा अग्नेयास्त्र, ज्वलनशील पदार्थ, घातक हथियार लेकर नहीं चलेगा।

कोई भी एक-दूसरे के धर्म-ग्रन्थों का अपमान नहीं करेगा।

6. धार्मिक स्थानों, दीवारों आदि पर किसी प्रकार के धार्मिक झंडे, बैनर, पोस्टर आदि नहीं लगाएगा न ही किसी को इस कार्य में सहयोग प्रदान करेगा।

7. कमिश्नरेट की सीमा के भीतर किसी भी समुदाय के व्यक्ति दूसरे समुदाय की भावनाओं के विपरीत ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं किया जाएगा, जिससे शांतिभंग होने की आशंका हो और न ही दूसरे समुदाय के धार्मिक भावनाओं के विरुद्ध किसी प्रकार का उत्तेजनात्मक भाषण दिया जाएगा।

8. कोई भी व्यक्ति ड़्यूटीरत पुलिस अधिकारी, नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग कर्मियों के साथ अभद्रता अथवा मारपीट करता है तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

9. शहर के सार्वजनिक स्थानों पर लगे ड्रोन, बैरियर, सीसीटीवी, पीए सिस्टम के साथ छेड़छाड़ नहीं करेगा।

10. कानपुर क्षेत्र की सीमा के भीतर कैफे संचालक किसी भी अनजान व्यक्ति, जिसका परिचय किसी विश्वसनीय प्रमाण पत्र जैसे परिचय पत्र, मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाईसेंस, पासपोर्ट, फोटो, क्रेडिट कार्ड, पैन कार्ड व ऐसे ही अन्य साक्ष्य से प्रमाणित न हो साइबर कैफे का उपयोग नहीं करने दिया जाएगा।

11. धार्मिक स्थल, सार्वजनिक स्थल व अन्य आयोजनों पर लाउडस्पीकर की ध्वनि की तीव्रता नियमानुसार रहेगी। रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक कोई भी ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग नहीं किया जाएगा।

आईपीसी की धारा 144 और सीआरपीसी की धारा 144 में क्या अंतर है-

अक्सर लोग CRPC की धारा 144 और IPC की धारा 144 को लेकर कंफ्यूज हो जाते हैं। दरअसल, जिस इलाके में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी जाती है, इस इलाके में चार या उससे ज्यादा लोग एक साथ इकट्ठा नहीं हो सकते हैं।सीआरपीसी 144 को जिला अधिकारी लागू करता है। यह धारा उस समय लगाई जाती है, जहां तनाव या भीड़ से कोई खतरा होने की आशंका हो। इसमें दो से ज्यादा लोगों को इक्ट्ठे होने पर रोक रहती है। जैसे कोरोना के समय लगाई गई थी।

भारतीय दंड संहिता IPC की धारा 144 (Section 144) के तहत, यदि कोई व्यक्ति किसी घातक हथियार, जिससे किसी की मृत्यु हो सकती है, उसे लेकर किसी रैली/बैठक/प्रदर्शन में शामिल होगा, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है।

क्या है धारा 144 के उल्लंघन करने की सजा-

धारा 144 के उल्लंघन करने पर पुलिस सीधे-सीधे एक्शन लेती है। उल्लंघन करने वालों को धारा-107 या फिर धारा-151 के तहत गिरफ्तार किया जाता है। हालांकि ये एक बेलेबल ऑफेंस है यानी कि इसमे जमानत मिल जाती है। इसमे आरोपी को तीन साल की सजा या फिर सजा व जुर्माने दोनों हो सकते हैं।

हालांकि, कई मामलों में जुर्माना और जेल दोनों होने की संभावना रहती है।

धारा 144 क्यों लागू की जाती है?

देश में कहीं भी सुरक्षा की दृष्टि को लेकर संदेह होता है, उसके लिए धारा-144 लागू किया जाता है। कहीं, विधान सभा, लोक सभा या पंचायत चुनाव हों या फिर कैसे भी चुनाव हों, तब भी धारा-144 लागू की जाती है। साथ ही कहीं अगर बवाल, हिंसा या दंगा हो जाए तो धारा-144 लागू की जा सकती है। इससे लोगों को एक साथ रहने की आजादी नहीं रहती है।

धारा 144 लागू करने का क्या procedure होता है-

धारा 144 लगाने के लिए डीएम एक नोटिस जारी करता है। नोटिस जारी होने के बाद ये आदेश लागू हो जाता है कि अब उस जगह 4 लोग इकट्ठे नहीं हो सकते। नाही यहाँ किसी सार्वजनिक बैठक का आयोजन किया जा सकता है। जहाँ भी धारा 144 लागू की गयी होती है वहाँ हथियार ले जाना निषेद्ध होता है। इस स्थिति में केवल डीएम का आदेश मान्य होता है। धारा 144 वाले क्षेत्र में सारे कानूनी अधिकार जिलाधिकारी यानी डीएम के हाथ में होते हैं।

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