कानपुर मे बड़ता प्रदूषण :
सर्दीयो का मौसम आते ही राजधानी दिल्ली से लेकर कानपुर तक हर जगह वातावरण में प्रदूषण बढ़ा हुआ है। प्रदूषण बढ़ने के मुख्य कारणों में से एक है “वाहनों से निकलने बाला धुआं “। कानपुर आईआईटी के द्वारा दिल्ली में हुए शोध के मुताबिक प्रदूषण बढ़ाने में सबसे अधिक 40% भूमिका वाहनों से निकलने वाले धुएं की है। इसी वजह से केंद्र सरकार ने सभी वाहनों का प्रदूषण प्रमाण पत्र (पीयूसी) बनवाना अनिवार्य किया हुआ है। नियमों का उलँघन करने पर 10 हजार का चालान करने का भी प्रावधान है।
सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात तो यह है कि जिन विभागों पर प्रदूषण की रोकथाम हेतु कदम उठाने का साहस है, वही कुछ विभाग जैसे की प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीची) से लेकर पुलिस, प्रशासन, जीएसटी विभाग, नगर निगम से जुड़े कुछ प्रमुख अधिकारियों के वाहनों के प्रदूषण प्रमाण पत्र लंबे समय से नहीं बने हैं। आपको बताता दे की इन सभी सरकारी विभागों में लगे वाहनों का संचालन प्राइवेट एजेंसियों के द्वारा से किया जाता है। ऐसे में अफसरों को लगता है कि जिस वाहन से वे चल रहे हैं, उसके पीयूसी की चिंता वाहन संचालक एजेंसी करेगी। इन वाहनों की स्थिति बताने के पीछे वजह यह है कि जब अधिकारियों के वाहनों की यह स्थिति है, तो अन्य वाहनों की स्थिति क्या होगी।
कुछ प्रमुख विभागों की गाड़ियों में पीयूसी का स्थिति
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड: क्षेत्रीय अधिकारी की गाड़ी का ही नहीं सर्टिफिकेट
■ क्षेत्रीय अधिकारी अमित मिश्रा को गाड़ी (यूपी 32 एलएक्स 5690) का हो पीयूसी लंबे समय से नहीं है। विभाग की दो गाड़ियां और बगैर पीयूसी के हैं।
पुलिस महकमा: दोनों जेसीपी की गाड़ियों की भी जांच नहीं
■जेसीपी नीलाब्जा चौधरी को गाड़ी (यूपी 78 बोजो 0444), जेसीपी आनंद प्रकाश तिवारी की गाड़ी (यूपी 78 बीजी 0918) का पीयूसी एक्सपायर है।
जिलाधिकारी, नगर आयुक्त की भी गाड़ी का पीयूसी नहीं
■ डीएम विशाख जी. की गाड़ी (यूपी 78 इंएक्स 4584) का पीयूसी नहीं है। नगर आयुक्त जीएन शिवशरणप्पा की गाड़ी (यूपी 78-बोजी 0752) का भी पीयूसी खत्म हो चुका है।शहर की प्रथम नागरिक महापौर भी पीयूसी बनवाने में पीछे
■ महापौर प्रमिला पढिय की गाड़ी (यूपी 78-बीजी 0756) को कार का पीयूसीसी 13 दिसंबर 22 को खत्म हो चुका है।
जीएसटी अफसरों की भी गाड़ियां बगैर पीयूसी के चल रहीं
■ जीएसटी के अपर आयुक्त एसआईबी की गाड़ी (यूपी 78 बचीजी 0981), जीएसटी सचल दल की गाड़ी (यूपी 32 ईजी 1627) का भी पोचूसी नहीं। डिप्टी कमिश्नर, (प्रशासन) एसजीएसटी सूरज पाल मलिक का कहना है कि इसे दिखवाया जाएगा। प्रमाणपत्र नहीं मिला होगा तो लिया जाएगा।
■ एसडीएम सदर अजय गौतम (चूपी 78 एचएफ 9214), एडीएम एफआर राजेश कुमार (यूपी 77 एक्स 0697) का पीबूसी खत्म हो चुका है :
गाड़ियां आउट सोर्सिंग की, पर जिम्मेदारी आपकी भी :
पुलिस अधिकारियों की गाड़ियों छोड़ दें तो बाकी विभागों में गाड़ियां आउट सीसिंग पर लगी है। हालांकि जिम्मेदारी इन वाहनों से चलने वाले अफसरों की भी है। वे अपने बाहनों को हर लिहाज से दुरुस्त रखें।
वाहन का प्रदूषण प्रमाण पत्र नाहीं है तो 10 हजार का चालान होता है। प्रमाण पत्र एक्सपायर हो गया है तो एम परिवहन एप या पोर्टल पर दिखाता है। लंबे समय से पीयूसी चेक नहीं कराया है तो नांट अप्लायड दिखाता है। मानवेंद्र सिंह, एआरटीओ प्रवर्तन
इसे लेकर में एक आदेश जारी कर रहा हूं। इसमें सभी वाहनों का पीयूसी बनवाना अनिवार्य होगा। सभी सरकारी बहनों की विशेष मॉनीटरिंग कराई जाएगी -” विशाख जी. जिलाधिकारी”
आरटीओ की गाड़ी ठीक :
■ आरटीओ प्रशासन राजेश सिंह की गाड़ी (यूपी 78 जीएन 9798), आरटीओ प्रवर्तन विदिशा सिंह को गाड़ी (यूपी 32 आराएन 3927) में पीयूसीसी एक अगस्त 2024 तक है।
पीयूसी बनवाने के मानक
■ यदि वाहन का इंजन बीसए-4 है तो हर छह महीने में पीयूसी बनवाना पड़ता है।
■ वाहन का इंजन बीसए-6 है तो उसके लिए हर एक साल में पीयूसो बनवाना पड़ता है।
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