GSVM मेडिकल कॉलेज में अब डॉक्टरी के साथ पढ़ाया जायेगा इंसानियत का पाठ
Digtal news guru Kanpur desk: कानपुर मेडिकल कालेज से जुड़े हुए हैलेट हॉस्पिटल में आए दिन डॉक्टरों के द्वारा मरीजों व तीमारदारों से बदसलूकी व सीनियर से बहस की घटनाएं सामने आती है। ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने को लेकर मेडिकल कालेज प्राचार्य नई पहल शुरू करने जा रहे है।
अब मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों को इंसानियत का भी पाठ पढ़ाया जाएगा। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉक्टर संजय काला ने बताया की पहली बार जूनियर डॉक्टरों के लिए, पीजी इरिटेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किया जा रहा है। अगले हफ्ते से शुरू होने वाले प्रोग्राम के लिए पीजी फर्स्ट ईयर के 150 छात्रों के दिन की क्लास में मरीज का हाल परिजनों को देने का सलीका भी सीखेंगे
प्रदेश में पहली बार हो रही इस तरह की स्पेशल क्लास में दस विभाग शामिल होंगे। इन विभागों के विशेषज्ञ अलग-अलग दिन पीजी छात्रों का मार्गदर्शन करेंगे। छात्रों के दो-दो बैच बनाए जाएंगे अगले हफ्ते वाले प्रोग्राम के लिए पीजी फर्स्ट ईयर के दो-दो बैच बनाए जाएंगे। जिसमे डॉक्टरों को परिजनों को बताने के तरीकों के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। अगर मरीज की मौत हो जाती है और तीमारदार पहले से ही उत्तेजित है तो उस समय किस तरह से खुद को मौजूदा स्थिति के अनुसार ढालना है।जिससे की हैलेट हॉस्पिटल में आए दिन होने वाली तीमारदारों और डॉक्टरों के बीच विवाद को कम किया जा सके और मरीजों को अच्छा इलाज मिल सके।
मेडिकल छात्र अब डॉक्टरी के साथ पढ़ेंगे ‘इंसानियत’ का पाठ:
कानपुर। मरीजों व तीमारदारों से बदसलूकी व सीनियर से बहस की बढ़ती घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए मेडिकल छात्रों को इंसानियत का भी पाठ पढ़ाया जाएगा। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज प्रबंधन अब चिकित्सा के साथ सभ्य व्यवहार भी छात्रों को सिखाएगा। यह पहली है बार है जब जूनियर डॉक्टरों के लिए पीजी इरिटेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किया जा रहा है। अगले हफ्ते 20 दिन की क्लास में मरीज का हाल परिजनों को देने का सलीका भी सीखेंगे। मेडिकल छात्रों के दो-दो बैच बनाए जाएंगे।
10 विभागों के विशेषज्ञ डॉक्टरी के साथ बेहतर इंसान बनने में करेंगे मदद: उत्तर प्रदेश के कानपुर में प्रदेश में पहली बार इस तरह की स्पेशल क्लासों को कराया जा रहा है। बता दे कि इस स्पेशल क्लास में अलग-अलग तरह के दस विभाग शामिल होंगे। सभी विभागों के अलग-अलग विशेषज्ञ अलग-अलग दिन छात्रों को बेहतर बनाने का प्रयास करेंगे।रेडियोलॉजी, चेस्ट एंड टीबी, फोरेंसिक मेडिसिन, पैथोलॉजी, एनेस्थीसिया, साइकेट्रिक समेत दस विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टरी के साथ बेहतर इंसान बनने की राह आसान करेंगे।
इस तरह की है यह स्पेशल क्लास: कानपुर में प्रदेश की पहली स्पेशल क्लास का मार्गदर्शन किया जा रहा है। जहां मरीजों के परिजनों से बात करने के तरीकों को भी बतलाया जायेगा। यह इसलिए है क्योंकि यदि कभी मरीज की मृत्यृ हो जाती है तो उस स्तिथि में खुद को कैसे ढाला जायेगा। छात्रों को इस क्लास के दौरान यह बतलाया जायेगा कि वह अलग-अलग परिस्थितियों में खुद को कैसे ढाल सकते है। छात्रों को चिकित्सा के साथ सभ्य व्यवहार का तरीका भी मेडिकल कॉलेज सिखाएगा। नवंबर के अंतिम सप्ताह से यह स्पेशल क्लास शुरू हो रही है। विशेषज्ञ छात्रों को बेहतर डॉक्टर व इंसान बनाने के तरीके बताएंगे डॉ संजय काला (प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज)
कानपुर मेडिकल कॉलेज में अक्सर होते रहे है ऐसे मामले:
केस 1 जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के छात्र ने बीते दिनों मामूली बात पर अपने सीनियर के साथ बदसलूकी संग धक्का-मुक्की भी की। इसे प्रबंधन ने गंभीरता से लिया और संबंधित छात्र के माता-पिता को तुरंत तलब किया।
कॉलेज प्रबंधन हुआ गंभीर: केस 2 गंभीर हालत में इमरजेंसी पहुंचे मरीज के तीमारदारों ने जल्दी इलाज करने का दबाव बनाया तो जूनियर डॉक्टर भी उखड़ गए। कहासुनी होते-होते बात मारपीट तक पहुंच गई। सीनियर ने हस्तक्षेप करके मामले का समाधान किया। आए दिन मरीजों व तीमारदारों से बदसलूकी व सीनियर से बहस की चढ़ती घटनाओं पर कॉलेज प्रबंधन गंभीर हुआ है।
इन पर रहेगा मेन फोकस:
* मेडिकल छात्र क्या हैं, और मेडिकल कॉलेज में क्या करने आए हो, इसका बोध कराएंगे
* मरीजों को कैसे संभालना है, उनकी स्थिति को देखकर इलाज किस तरह से करना है
*आपसी विभागों में तालमेल बनाकर काम करना, टीमवर्क की भावना जागृत करना।
*तनावपूर्ण स्थिति कैसे काबू में करेंगे, मरीज की मौत पर उग्र तीमारदारों को भी संभालना।।