अयोध्या एयरपोर्ट का भी बदला गया नाम, बुधवार को बदला गया था अयोध्या रेलवे स्टेशन का नाम
Digital News Guru Ayodhya Desk: अयोध्या रेलवे स्टेशन के बाद अब अयोध्या एयरपोर्ट का नाम भी बदल दिया गया है। अयोध्या एयरपोर्ट का नाम अब ‘महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा अयोध्या धाम‘ रखा गया। बुधवार को अयोध्या के रेलवे स्टेशन का नाम भी बदला गया है। अब अयोध्या के रेलवे स्टेशन को ‘अयोध्या धाम’ के नाम से जाना जाएगा।
PM मोदी कल यानि 30 दिसंबर को अयोध्या में बन रहे भव्य रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे।कल ही पीएम मोदी का रोड भी होगा।
पीएम मोदी यहां ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे फिर उसके बाद पीएम एयरपोर्ट के पड़ोस वाले ग्राउंड में जनसभा को संबोधित करेंगे। वह एयरपोर्ट से रेलवे स्टेशन तक का सफर तय करेंगे जो कि रोड शो के रूप में होगा। 30 तारीख को पीएम के स्वागत के लिए कई खास इंतजाम किए जा रहे हैं।
जनवरी से शुरू हो जाएगा ऑपरेशन
उद्घाटन के बाद अयोध्या एयरपोर्ट पर 30 दिसंबर को सबसे पहले इंडिगो एयरलाइंस (Indigo Airlines) अपना फ्लाइट उतारेगी। 6 जनवरी 2024 से यात्री महर्षि वाल्मिकी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतर सकेंगे. 6 जनवरी से इस एयरोपोर्ट से कॉमर्शियल ऑपरेशन शुरू हो जाएगा.
कितना आया है खर्च?
आपको बता दें कि अयोध्या के इस अत्याधुनिक एयरपोर्ट के पहले चरण में 1,450 करोड़ रुपये से ज्यादा लागत के साथ हवाई अड्डे का निर्माण कार्य कराया गया है। एयरपोर्ट के टर्मिनल भवन का क्षेत्रफल 6,500 वर्गमीटर होगा, जो एक साल मे लगभग 10 लाख यात्रियों की सेवा के लिए सुसज्जित होगा।
श्रीराम की तर्ज पर बना है एयरपोर्ट
इस हवाई अड्डे को श्रीराम की तर्ज पर बनाया गया है। एयरपोर्ट की बिल्डिंग का आगे का हिस्सा राम मंदिर की वास्तुकला को दर्शाता है, साथ ही अंदर के हिस्से की बात की जाए तो वह स्थानीय कला और बेहतरीन पेंटिंग से सजाया गया है।
ये भी जानें :
जानिए श्रीराम इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बारे में…
• 320 करोड़ की लागत से बन रहा एयरपोर्टः सरकार 320 करोड़ की लागत से श्रीराम एयरपोर्ट बना रही है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अनुसार, एयरपोर्ट की बिल्डिंग राम मंदिर की तर्ज पर बनाई जा रही है। एयरपोर्ट का मुख्य भवन राजस्थान के बंशी पहाड़पुर के पत्थरों से बनाया जा रहा है। एयरपोर्ट का निर्माण तीन फेज में किया जा रहा है। पहले फेज में घरेलू उड़ान की सुविधा होगी। पूरे देश के एयरपोर्ट से अयोध्या की कनेक्टिविटी होगी। यहां पर 500 यात्रियों के एक बार में आने और जाने की सुविधा होगी। टर्मिनल-1 की बिल्डिंग में 250 यात्री आ-जा सकते हैं। इस तरीके की 500 यात्रियों की सुविधा होगी।
• धुंध में भी आसानी से हो सकेगी लैंडिंग: एयरपोर्ट अथॉरिटी के प्रोजेक्ट इंजीनियर इंचार्ज राजीव कुलश्रेष्ठ ने यह बताया कि फेज-वन के तहत ही रनवे सेफ्टी एरिया के मानक के तहत रनवे और कैंट वन लाइटिंग का काम किया गया है। इससे रात में और धुंध (फॉग) में भी विमानों की लैंडिंग आसानी से कराई जा सकेगी। इसके अलावा यहां पर डे और नाइट दोनों लैंडिंग की सुविधा है। एयरपोर्ट में हाईटेंशन लाइन से संबंधित जो भी शिफ्टिंग थी, वे सभी काम पूरे कर लिए गए हैं। नाइट लैंडिंग, कोहरे-धुंध में लैंडिंग के लिए कैट-वन और रनवे सेफ्टी एरिया (रेसा) का काम पूरा किया गया है। इसी तरह ATC टावर का भी काम पूरा हो गया है।
- 50 हजार स्क्वायर मीटर में होगी फेज टू की बिल्डिंग: राजीव कुलश्रेष्ठ के अनुसार, 6600स्क्वायर मीटर में फेज वन की बिल्डिंग का निर्माण किया गया है। पहले फेज में एयरपोर्ट में आठ एयरक्राफ्ट खड़ा करने की व्यवस्था की गई है। फेज वन के बाद फेज टू की बिल्डिंग के लिए निर्माण कार्य शुरू होगा। यह बिल्डिंग 50 हजार स्क्वायर मीटर की होगी । इसमें अंतरराष्ट्रीय उड़ान भरी जाएगी। इसके लिए रनवे 3750 मीटर के करीब होगा। सबसे पहले घरेलू उड़ानों को शुरू किया जाएगा। इसके बाद इंटरनेशनल उड़ानों के लिए एयरपोर्ट का विस्तार फेज-3 के रूप में किया जाएगा।
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