Mahadev App: समय के साथ जैसे ही तकनीकी हमारे लिए वरदान के रूप में साबित हुई है, ऐसे में कुछ गलत लोगों की लालसा ने इसे अभिशाप बना दिया है। इन लोगों की भले ही बेहद कम हो लेकिन इन चुनिंदा गलत कामों की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या दिन-ब-दिन तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में एक हालिया तौर पर महादेव एप (Mahadev App) से जुड़ा मामला चर्चा में है, जो कि आनलॉइन सट्टेबाजी से संबंधित है।
Mahadev App से जुड़े इस मामले में ईडी (ED) की जांच जारी है। बता दें कि, महादेव सट्टेबाजी एप (Mahadev App) के मालिक सौरभ चंद्राकर ने बीते समय में दुबई में अपनी शादी में करीब 200 करोड़ रुपए खर्च किए थे। इसके बाद से ही उसके काले कारनामों की जानकारी सामने आई। फिलहाल, मामले को संज्ञान में लेकर कार्रवाई करते हुए सट्टेबाजी एप महादेव ऑनलाइन बुक को सरकार ने 21 अन्य सट्टेबाजी एप के साथ पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है।
Mahadev App: मंत्रालय ने जारी की जानकारी
इस दौरान मामले में कार्रवाई के तहत जारी जानकारी के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEIT) ने कहा कि उन्होंने महादेव बुक (Mahadev App) सहित कुल 22 सट्टेबाजी एप्स और वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई की गई है, जो कि अवैध रूप से अपनी सेवाओं का संचालन कर रहे थे।
साथ ही इसी दौरान बताया गया कि ईडी द्वारा अवैध सट्टेबाजी एप सिंडिकेट के खिलाफ की गई जांच और उसके बाद छत्तीसगढ़ में महादेव बुक पर छापे के बाद कार्रवाई की गई, जिसके तहत ही Mahadev App के गैरकानूनी रूप से संचालन का खुलासा संभव हुआ।
जाहिर तौर पर वर्तमान समय में ऑनलाइन एप व वेबसाइट के माध्यम से सट्टेबाजी जैसे गैरकानूनी काम तेजी से फल-फूल रहे हैं और साथ ही सार्वजनिक रूप से इसके इस्तेमाल होने को लेकर कोई ठोस कानूनी भी नजर नहीं आ रही है। हालांकि, फिलहाल ईडी लंबे समय से Mahadev App पर शिकजा कसने में लगी है।
Mahadev App मामले में आरोपी गिरफ्तार
ऑनलाइन सट्टेबाजी एप (Mahadev App) मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस सेवा में कांस्टेबल के पद पर तैनात आरोपी भीम सिंह यादव और असीम दास वर्तमान में हिरासत में हैं, इस दौरान दोनों पर मामले से संबंधित धाराओं के तहत ईडी द्वारा हिरासत में ले लिया गया है। जांच को लेकर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कह कि छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh Government) के पास आईटी अधिनियम की धारा 69ए के तहत वेबसाइट या एप को बंद करने की सिफारिश करने को लेकर अधिकार प्राप्त थे। हालांकि, उन्होंने ऐसा नहीं किया तथा राज्य सरकार पिछले 1.5 वर्षों से इसकी जांच कर रही है।
इसी के साथ उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए आगे कहा कि वास्तव में ईडी से पहला और एकमात्र अनुरोध प्राप्त हुआ है और इस पर कार्रवाई की गई है। छत्तीसगढ़ सरकार को इसी तरह के अनुरोध करने से किसी ने नहीं रोका था। बता दें कि, सरकार की यह कार्रवाई उस दिन हुई है, जब महादेव एप मामले में संलिप्त एक आरोपी ने एक वीडियो जारी कर अपने बयान के माध्यम से यह दावा किया था कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उसे संयुक्त अरब अमीरात जाने के लिए कहा था।
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