Saturday, September 21, 2024

M. Karunanidhi birth anniversary : राजनीति के शतरंज के खेल में एम करुणानिधि को कभी भी नहीं मिली ‘ कोई मात’, 46 साल तक पहने रहे थे काला चश्मा

Digital News Guru News Desk:

M. Karunanidhi birth anniversary : राजनीति के शतरंज के खेल में एम करुणानिधि को कभी भी नहीं मिली ‘ कोई मात’, 46 साल तक पहने रहे थे काला चश्मा

M. Karunanidhi birth anniversary : करुणानिधि (M. Karunanidhi) का जो राजनीतिक करियर था. वो काफी शानदार रहा था. करुणानिधि (M. Karunanidhi) चुनाव में कभी भी पराजित नहीं हुए थे . साल 1957 में पहली बार उन्होंने कुलिथालाई से सफलतापूर्वक अपना पहला चुनाव लड़ा था और उसके बाद से साल 2016 तक उन्होंने लगभग 13 चुनावों में उन्होंने कभी भी हार का सामना नहीं किया था. साल 1969 में उन्होंने पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री का पद भी संभाल लिया था. और साल 2006 में करुणानिधि आखिरी बार मुख्यमंत्री बने थे.

द्रमुक अध्यक्ष पद पर भी करुणानिधि (M. Karunanidhi) साल 1969 से अब तक बने रहे थे. साल 1967 में द्रमुक ने राज्य से कांग्रेस को पूरी तरह से बाहर कर दिया गया था, जिसके बाद से ही तमिलनाडु में या तो द्रमुक या तो अन्नाद्रमुक का शासन बना रहा था.

Tamil Nadu to celebrate Karunanidhi birth anniversary in a grand manner |  Chennai News - The Indian Express

एम करुणानिधि (M. Karunanidhi) का परिवार

एम करुणानिधि (M. Karunanidhi) का जन्म 3 जून साल 1924 को तिरुवरूर के तिरुकुवालाई में दक्षिणामूर्ति नाम की छोटी सी जगह पर हुआ था.करुणानिधि के पिता का नाम मुथूवेल और माता का नाम अंजुगम था. करुणानिधि (M. Karunanidhi) ईसाई वेलार समुदाय से जुड़े हुए थे. इनके सारे पूर्वज तिरुवरूर के रहने वाले ही थे.
करुणानिधि ने अपने जीवन मे तीन बार विवाह किया हुआ था. इनकी तीन पत्नियों में से पद्मारवती का निधन हो चुका था । इनकी दो अन्य पत्निया दयालु और रजती थी. करुणानिधि के कुल मिलाकर 6 बच्चे हुए है 4 लड़के और 2 लड़कियां हैं.

M. Karunanidhi - Wikipedia

करुणानिधि (M. Karunanidhi) की लोकप्रियता

महज 14 साल की उम्र में करुणानिधि (M. Karunanidhi) ने हिंदी भाषा विरोधी आंदोलनों के जरिए राजनीति में प्रवेश किया. इसके बाद उन्होंने द्रविड़ राजनीति का एक छात्र संगठन भी बनाया. 1957 में करुणानिधि (M. Karunanidhi) पहली बार तमिलनाडु विधानसभा के विधायक बने और बाद में 1967 में वे सत्ता में आए और उन्हें लोक निर्माण मंत्री बनाया गया. साल 1969 में अन्ना दुरै के निधन के बाद वे राज्य के मुख्यमंत्री बने. 5 बार मुख्यमंत्री और 12 बार विधानसभा सदस्य रहने के साथ-साथ वे राज्य में अब समाप्त हो चुकी विधान परिषद के भी सदस्य रह चुके थे.

DMK to launch year-long celebrations of late M Karunanidhi's birth  centenary in June

करुणानिधि (M. Karunanidhi) का फिल्मी सफर

अपनी पहली ही फिल्म राजकुमारी से करुणानिधि (M. Karunanidhi) ने लोकप्रियता हासिल की. उनकी लिखी गई 75 पटकथाओं में राजकुमारी, अबिमन्यु, मंदिरी कुमारी, मरुद नाट्टू इलवरसी, मनामगन, देवकी, पराशक्ति, पनम, तिरुम्बिपार आदि शामिल हैं. उनके लेखन में द्रविड़ आंदोलन की विचारधारा का पुट रहता था. कई पुरस्कार और सम्मान उनके नाम हैं. इसके अलावा दो बार डॉक्टरेट की मानद उपाधि से भी नवाजे गए.

DMK to launch year-long celebrations of late M Karunanidhi's birth  centenary in June
करुणानिधि (M. Karunanidhi) की किताबें

करुणानिधि की लिखी किताबों में रोमपुरी पांडियन, तेनपांडि सिंगम, वेल्लीकिलमई, नेंजुकू नीदि, इनियावई इरुपद, संग तमिल, कुरालोवियम, पोन्नर शंकर, तिरुक्कुरल उरई आदि शामिल हैं.

In Pics: M Karunanidhi's 99th birth anniversary
46 साल तक पहना काला चश्मा करुणानिधि (M. Karunanidhi) ने

एम करुणानिधि ने साल 1971 में अमेरिका के जॉन हॉपकिंग्स अस्पताल में आंखों की सर्जरी कराई हुई थी. इसके बाद से ही करुणानिधि ने लगभग 46 साल तक काला चश्मा पहना हुआ था . डीएमके में उनके साथी रहे और इसके साथ ही बाद में अन्नाद्रमुक की स्थापना करने वाले एमजी रामचंद्रन भी हमेशा काला चश्मा पहनते थे. करुणानिधि ने साल 2017 में ही डॉक्टरों की सलाह पर काला चश्मा पहनना छोड़ा दिया था. इसके बदले में ही करुणानिधि के लिए एक इम्पोर्टेड चश्मा मंगवाया गया था जो थोड़ा टिंटेड था. लगभग 40 दिन की खोज के बाद नया चश्मा फाइनल किया गया था.

यह भी पढ़ें: Mani Ratnam Birthday special : फिल्मों के किसी जादूगर से कम नही है मणिरत्नम, देश ही नहीं विदेशों में भी कमाया है खूब नाम

आपका वोट

Sorry, there are no polls available at the moment.
Advertisements
Latest news
- Advertisement -

You cannot copy content of this page