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आम व्यक्ति की तरह डायबटीज के मरीजों के लिए प्रोटीन होता है बेहद जरूरी ,जानिए डायबटीज के मरीजों को किन-किन चीजों से करना चाहिए परहेज !
डायबटीज (Diabetes) होने के बाद लाइफस्टाइल यानि की आपकी दैनिक जीवन में बदलाव और सही डाइट बेहद अहम हिस्सा हो जाती है। मधुमेह से पीड़ित मरीज को दुरुस्त रहने के लिए शुगर, कार्ब्स और फैट से पूरी तरह से दूरियां बना लेना ही सेहतमंद होगा। मगर इन चीजों के परहेज साथ सख्त डाइट में कभी-कभी जरूरी विटामिन, मिनरल व प्रोटीन की कमी भी होने लगती है। जिसके कारण यह बीमारी और ज्यादा गंभीर होने लगती है।
बहुत कम लोग ही यह जानते होंगे ,कि एक डायबिटीक से पीड़ित व्यक्ति को उतनी ही मात्रा में प्रोटीन से भरपूर आहार का सेवन करना चाहिए ,जितना कि एक नॉन डायबिटीक व्यक्ति को जरूरत होती है। इसलिए सख्त डाइट के दौरान इस बात का ध्यान देना जरूरी है कि डाइट में प्रोटीन की कमी न हो पाए। यदि आपकी बॉडी में प्रोटीन की की मात्रा कम होने लगेगी, तो ये ग्लूकोज की क्रेविंग बढ़ा देता है।
फिर ना चाहते हुए भी इंसान किसी भी रूप में शुगर लेने पर मजबूर हो जाते हैं। सभी मील में 20 से 30 ग्राम प्रोटीन लेने से ये शुगर क्रेविंग नहीं होती है, जिससे डायबिटीज की दिक्कत बढ़ती नहीं है। इस प्रकार प्रोटीन एक डायबिटीक व्यक्ति की बॉडी के लिए एक अहम न्यूट्रिएंट है।
क्यों जरूरी है डायबिटीज के मरीजों के लिए प्रोटीन?
प्रोटीन एक ऐसा मैक्रोन्यूट्रेंट है, जो मांसपेशियों के साथ कोशिकाओं, हड्डियों, हार्मोन और एंजाइम को बनाने के साथ इन्हें रिपेयर करने में भी मदद करता है। डायबिटीज के दौरान डाइट ऐसी होनी चाहिए जिसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत ज्यादा न हो और जिनके सेवन करने से ब्लड ग्लूकोज लेवल न बढ़े।
एक स्टडी के अनुसार डायबिटीक लोगों में मसल लॉस की संभावना नॉन डायबिटीक लोगों की तुलना में ज्यादा होती है। साथ ही डायबिटीक लोगों में फुट अल्सर जैसे घाव भरने में समय लगता है। इन कारणों से डायबिटीक व्यक्ति का प्रोटीन इंटेक इतना होना जरूरी है कि शरीर घाव भरने में सक्षम रहे। कार्ब्स की तुलना में प्रोटीन को पचने में समय लगता है। इससे जल्दी भूख नहीं लगती है और डायबिटीक व्यक्ति को वजन घटाने में भी मदद मिलती है।
प्रोटीन और ब्लड ग्लूकोज –
यदि हम यह माने कि प्रोटीन का ब्लड ग्लूकोज पर कोई भी इफेक्ट नहीं पड़ता है तो यह बात बिल्कुल गलत साबित होगी ।एक स्टडी के मुताबिक, यदि प्रोटीन का सेवन एक बार में ही अधिक मात्रा में कर लिया जाए, तो ये खाने के 5 घंटे बाद तक ब्लड ग्लूकोज लेवल को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, कम या सीमित मात्रा में प्रोटीन लेने से ये ग्लूकोज लेवल को इतना प्रभावित नहीं कर पाता है।
नाशपाती करता है डायबटीज कंट्रोल :
डायबटीज के रोगियों के लिए नाशपाती काफी फायदेमंद होता है।इसमें एंथोसायनिन पाया जाता है जो एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है।साथ ही यह डायबिटीज के खतरे को भी काम करता है।
किन किन चीजों से की परहेज:
ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ाने के लिए मिठाई, केक, पेस्ट्री, शुगर ,ड्रिंक और अन्य चीज भी काम करती हैं और इस बीमारी में मीठा और रिफाइंड रेट के सेवन से बचना चाहिए बेहतर ही होगा कि आप समोसे सफेद चावल ब्रेड पेस्ट्री मैदे से बनी हुई चीजों को अनदेखा करें बाजार से खरीदे फ्रूट जूस में अधिक मात्रा में शुगर और कार्बोहाइड्रेट होती है जो की शुगर लेवल को बढ़ा सकते हैं यह कहना गलत होगा कि प्रोटीन का ब्लड ग्लूकोस पर कोई असर नहीं होता है।
एक सर्वे से पता चला है कि अधिक मात्रा में प्रोटीन का सेवन कर लिया जाए तो यह 5 घंटे की अवधि में ब्लड ग्लूकोस को प्रभावित करता है। अंगूर, संतरा व आम जैसे फलों के रस में भारी मात्रा में शुगर पाई जाती है। डायबिटीक से परेशान लोगों के लिए लीन मीट, फिश, डेयरी, अंडे, सोयाबीन, काबुली चना, टोफू, दाल जैसे कई प्रोटीन के स्रोत बहुत ही बेहतरीन आहार हैं।
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