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आइए जानते हैं जयपुर के सबसे लोकप्रिय हवा महल के बारे में कुछ अनसुनी बातें !
जयपुर में हवा महल को इस शहर के सबसे प्रतिष्ठित और आकर्षक स्मारकों में से एक जाना जाता है। इस पांच मंजिला इमारत को देखने के लिए लोग काफी दूर-दूर से आते हैं। खिड़कियों और झरोखों के कारण यह जगह हमेशा हवादार ही रहती है। आइये इस जगह के इतिहास और कहानी के बारे में कुछ जानते हैं। इसके अलावा हवा महल के बनावट और मुख्य आकर्षण भी जानें।
राजस्थान अपने कल्चर, पहनावे, त्योहारों और संगीत के अलावा अनोखे किलों के लिए भी काफी मशहूर है। यहां के कई शहर ऐसे हैं, जहां जाकर इतिहास के पन्नों को एक बार फिर पलटने का मन करने लगता है। ऐसी ही एक जगह है जयपुर, जो राजस्थान की राजधानी भी है। यहां राजा-महाराजाओं के ऐतिहासिक किले और वास्तुकला लोगों को खूब आकर्षित करती है।
नाहरगढ़ फोर्ट हो, जयगढ़ का किला हो या फिर आमेर फोर्ट हर मौसम में यहां टूरिस्ट्स का तांता लगा रहता है। यहां की असाधारण वास्तुकला में से एक है यहाँ का vहवा महल, जिसे देखने के लिए काफी दूर-दूर से लोग आते रहते हैं। यूनेस्को ने हवा महल को वर्ल्ड हेरिटेज की लिस्ट में भी शामिल कर रखा है। लेकिन क्या कभी किसी ने सोचा है कि इस हवा महल को बनाने के पीछे की आखिर क्या वजह रही होगी? आखिर क्यों इसका निर्माण किया गया था आज के इस आर्टिकल में हम आप सभी को यही सब बताने की कोशीश करेंगे।
हवा महल कहां है?
जयपुर के सबसे प्रतिष्ठित स्थलों में से एक है हवा महल, ये हवा महल अपनी अपनी गुलाबी जालीदार खिड़कियों के लिए काफी प्रसिद्ध है। यह ऐतिहासिक धरोहर जयपुर शहर के पुराने हिस्से में मौजूद है, जिसे देखने के बाद आप कुछ मिनटों तक बस इसे ही निहारते रह जाएंगे। जैसा कि नाम से ही मालूम पड़ रहा है, हवाओं का महल, ये ऐतिहासिक धरोहर अपने अंदर कई कहानियों को संजोए हुए हैं, जिसकी खिड़कियों के सहारे हम इनमें झांकने की कोशिश कर रहे है।
हवा महल का निर्माण कब हुआ?:
हवा महल का निर्माण साल 1799 में जयपुर के कछवाहा शासक महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने करवाया था ।सवाई प्रताप सिंह ने हवा महल को एक रॉयल सिटी पैलेस के विस्तार के रूप में बनाया था। आज हवा महल शहर के सबसे लोकप्रिय टूरिस्ट अट्रैक्शन्स में से एक माना जाता है। आइये जानते इस स्मारक के बारे में कुछ अनसुनी बातें।
हवा महल की विशेषता क्या है?:
हवा महल के सबसे ऊपरी हिस्से तक पहुंचने के लिए टूरिस्ट्स हमेशा रैंप का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस स्मारक की सबसे आकर्षक और दिलचस्प बात यह है कि इसमें 953 छोटी खिड़कियां हैं, जिसमें काफी बारीक नक्काशी का काम किया गया है। इन छोटी छोटी खिड़कियों को ‘झरोखा’ भी कहा जाता है।सालों पहले जब इसका निर्माण किया गया, तो इसके पीछे की वजह यही थी कि यह कई राजपूत परिवारों के लिए गर्मियों के मौसम में विश्राम स्थल के रूप में काम करता था। क्यों की यहाँ पर अच्छी हवा आती थी । और सभी राजा यहाँ पर आराम से विश्राम कर पाते थे ।
हवा महल बनाने के पीछे का विचार क्या है?:
मौजूदा सभी रिकॉर्ड्स की मानें, तो इस पूरी संरचना के डिजाइन के पीछे मूल उद्देश्य यह था कि शाही दरबार की महिलाएं, जो कभी बाहर नहीं जा सकती थीं, वे सड़कों पर होने वाले नाटक को यहां से आराम से देख सकती थीं। महल की सभी खिड़कियों को बड़ी ही सावधानी के साथ तैयार किया गया था ताकि शाही दरबार की सभी महिलाएं खिड़की की जाली के पीछे से हर झाकियों का आनंद आराम से ले सकें।
उस समय के पर्दा के सख्त नियम हुआ करते थे ।इसके मुताबिक, महिलाओं को अपना चेहरा हमेशा ढककर रखना होता था और महिलाएं सार्वजनिक रूप से अपना चेहरा सबके सामने नहीं दिखा सकती थीं।
हवा महल के अन्य आकर्षण क्या हैं?:
इस बड़ी और खूबसूरत इमारत के पीछे एक बड़ा और भव्य दरवाजा भी बनाया गया है, जिससे होकर महल के अंदर के माध्यम से हवा महल में सभी लोग प्रवेश कर सकते हैं क्योंकि यहां पर सीधे से एंट्री का कोई भी रास्ता नहीं बना हुआ है। हवा महल के सबसे ऊपरी हिस्से पर जाकर आपको कई और खूबसूरत नजारे देखने को मिल सकते हैं, जैसे जंतर मंतर, सिरे देवरी बाजार और सिटी पैलेस आदि।
इसके अलावा हवा महल के अंदर ही एक छोटा सा संग्रहालय भी है, जिसमें आपको कई ऐतिहासिक चीजें भी देखने को मिलेगी । तो अगली बार जब भी कोई गुलाबी शहर यानी जयपुर जाने का प्लान बनाए तो, इस गुलाबी इमारत को देखने जरूर जाना।YOU MAY ALSO READ :- IPL 2024: आशुतोष शर्मा की शानदार पारी भी पंजाब को जीत दिलाने में रही नाकाम, मुंबई इंडियंस के खिलाफ 9 रनो से हारी पंजाब किंग्स।