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कानपुर शहर में हर थाने में बनाए गए बीट अफसर:
कानपुर शहर की कानून व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए पुलिस आयुक्त अखिल कुमार ने किया बीट पुलिस ऑफीसर ( BPO ) व्यवस्था की SOP को किया क्रियान्वित । पुलिस कमिशनर द्वारा विगत दिनों में कानपुर नगर के अन्तर्गत बीट व्यवस्था प्रणाली की समीक्षा की गयी और पाया गया कि कमिश्ररेट मे बीट व्यवस्था का क्रियान्वयन न के बराबर है ।
उन्होंने कहा की , “मेरे द्वारा समाज के अन्तिम पंक्ति के कई व्यक्तियों जैसे कि ठेले वाले , पान की दुकान वाले , गोलगप्पे बेचने वाले , रेहड़ी पटरी वाले इत्यादि लोगों से बातचीत की गयी और पाया गया कि इनमें से कोई भी अपने क्षेत्र के बीट पुलिस ऑफिसर ( BPO ) को नहीं जानता है ।
बीट पुलिस अधिकारी की इस प्रणाली का मुख्य उद्देश्य बीट पुलिस अधिकारी को राजस्व विभाग के लेखपाल की तरह आम जनता के बीच में सम्पूर्ण रूप से कार्यक्षम बनाना है और उसको उसी प्रकार का महत्वपूर्ण एवं विशिष्ट पहचान उसके कार्यों के द्वारा दिया जाना है , जैसे कि राजस्व के कार्यों हेतु लेखपाल की पहचान समाज के अन्तिम पंक्ति तक है ।
इस प्रणाली और प्रक्रिया का उद्देश्य बीट पुलिस अधिकारी को उसके क्षेत्र में नागरिकों के नध्य परिवार के सदस्य के रूप में नागरिकों के सुख – दुख का भागीदार बनाना तथा पुलिस सेवा के उच्चतम आदर्श को स्थापित करना है । लक्ष्य यह है कि बीट पुलिस अधिकारी अपने क्षेत्राधिकार में सभी व्यक्तियों / वर्गों / समूहों से निरन्तर सम्पर्क करें और उनसे संवाद स्थापित कर अपनी उपस्थिति और उपयोगिता को सिद्ध करें” ।
बीट पुलिस अधिकारी द्वारा किये जा रहे सभी कार्यों का पर्यवेक्षण बीट उप निरीक्षक द्वारा तथा बीट उप निरीक्षक के कार्यों का पर्यवेक्षण थाना प्रभारी के द्वारा किया जायेगा , जिससे बीट पुलिस ऑफिसर प्रणाली प्रभावी रूप से कार्य करे और जनमानस के समक्ष आयी समस्याओं का समुचित , समयबद्ध निराकरण किया जा सके ।
कानपुर के पुलिस आयुक्त कमिशनर द्वारा किए जा रहे नये प्रयोग :
1. जनपद की सभी बीटों का पुनः आकलन करते हुये जनसंख्या , अपराध , कानून – व्यवस्था अतिक्रमण , यातायात इत्यादि की संवेदनशीलता को देखते हुये सभी थानों में हलकावार बीटों का निर्धारण कर दिया जाए तत्पश्चात उन बीटों में बीट पुलिस ऑफिसर ( BPO ) की नियुक्ति की जाए । प्रत्येक बीट पुलिस ऑफिसर का एक लिंक ऑफिसर नियुक्त किया जाए , जो अपरिहार्य रूप से बगल की बीट का बीट पुलिस ऑफिसर हो । यह बीट पुलिस ऑफिसर अब से ( बीपीओ ) कहलायेगा , जो अपने निर्धारित क्षेत्राधिकार में दिये गये कार्य को किया जाना सुनिश्चित करेगा ।
2. भविष्य में थाने पर प्राप्त होने वाले समस्त प्रार्थना पत्रों को जांच हेतु सम्बन्धित बीट पुलिस अधिकारी को भेजा जाएगा । बीट पुलिस अधिकारी प्रार्थना पत्र प्राप्त होते ही आवेदक से सम्पर्क करेगा और मौके पर पहुंचकर पूर्व निर्धारित प्रारूप में जांच आख्या लिखते हुए अपने क्षेत्राधिकार के बीट उप निरीक्षक को प्रेषित करेगा । बीट उप निरीक्षक प्रार्थना पत्र एवं जांच आख्या प्राप्त होने पर उसकी समीक्षा करेगा तथा आवेदक से बात कर संतुष्टि अथवा असंतुष्टि की आख्या और उसका कारण सुस्पष्ट रूप से बीट पुलिस अधिकारी द्वारा प्राप्त जांच आख्या पर अंकित करते हुए थाना प्रभारी को प्रेषित करेगा ।
3. सभी बीट पुलिस अधिकारी सप्ताह में कम से कम एक दिन थाने के रोजनामचा आम जी.डी. में रवाना किये जाएंगे , जिस दौरान वे अपने बीट से सम्बन्धित सभी प्रार्थना – पत्रों की जाँच , दुराचारियों पर नजर , वारण्ट , नोटिस का तामीला इत्यादि किये जाने का कार्य करेंगे और वापस आकर कृत कार्यवाही को रो ० आम में अंकित करेंगे ।
4. थाना प्रभारी अपने थाने की ड्यूटी हेतु इस प्रकार का रोस्टर बनायें , जिससे थाने का 1/7 पुलिस बल साप्ताहिक रूप से बीट ड्यूटी के लिए उपलब्ध रहे । इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही के लिये थाना प्रभारी को दोषी माना जायेगा
5. विभिन्न स्तरों से प्राप्त होने वाले शिकायती प्रार्थना – पत्र सर्वप्रथम बीट पुलिस अधिकारी को जांच के लिए दिये जायेंगे । थाना स्तर पर प्राप्त हुए प्रार्थना पत्र , उच्चाधिकारियों से प्राप्त प्रार्थना पत्र अथवा किन्हीं अन्य श्रोतों से प्राप्त प्रार्थना पत्र मिलते ही सबसे पहले बीट पुलिस ऑफिसर के व्हाट्सएप पर भेज दिये जाये ताकि बीट पुलिस अधिकारी तत्काल वादी से सम्पर्क करके समझ ले एवं समस्या की गम्भीरता को देखते हुए बीट क्षेत्र में भ्रमण की तिथि अपने स्तर से तय कर सके ।
यदि मामला राजस्व से सम्बन्धित हो तो प्रार्थना पत्र को व्हाट्सएप के माध्यम से सीधे लेखपाल को भेजते हुए उससे वार्ता कर बीट पुलिस अधिकारी विषय की जानकारी प्राप्त कर लेगा । संवेदनशीलता के आधार पर आवश्यकतानुसार लेखपाल व बीट पुलिस अधिकारी संयुक्त रूप से मौके का भ्रमण कर सकते हैं । साथ ही आवश्यकतानुरूप अतिरिक्त पुलिस बल की मांग कर सकते हैं । सामान्यतः यह देखा गया है कि लेखपाल अपने क्षेत्र में 2-3 दिन जाते हैं ।
अतः बीट पुलिस अधिकारी आपसी तालमेल स्थापित कर समस्या के समाधान हेतु उनके भ्रमण के दिन अपने भ्रमण की योजना बना सकते हैं तथा अपने थाना प्रभारी से चर्चा कर साप्ताहिक भ्रमण के अतिरिक्त भी भ्रमण कर सकते हैं । राजस्व के गम्भीर विवादों के लिये थाना दिवस अथवा तहसील दिवस का इंतजार न कर बीट पुलिस अधिकारी सम्बन्धित क्षेत्रीय लेखपाल से समन्वय स्थापित कर अपना कार्य पूरा करेंगे ।
6. थाना प्रभारी किसी मानले की संवेदनशीलता को देखते हुए और यह आकलन करते हुए यदि पाते हैं कि प्रार्थना – पत्र की जाँच उप निरीक्षक स्तर के अधिकारी से होनी चाहिए तो ऐसे में थाना प्रभारी विशेष परिस्थिति एवं कारण के दृष्टिगत उस प्रार्थनापत्र को सीधे बीट उप निरीक्षक को दे सकते हैं । यह निर्णय थाना प्रभारी द्वारा स्वयं किया जायेगा , जिसका आधार प्रार्थना पत्र की संवेदनशीलता होगी । सामान्यतः सभी प्रार्थना पत्रों की जाँच बीट पुलिस अधिकारी द्वारा ही की जायेगी ।
7. यह भी ध्यान रखा जाये कि यदि किसी प्रार्थना पत्र में किसी उप निरीक्षक / मुख्य आरक्षी / आरक्षी पर कोई आरोप लगाया गया है तो उसकी जांच उसी कर्मी को न देकर आरोपित कर्मी से एक रैंक ऊपर के अधिकारी से करायी जाये ।
8. समस्त बीट पुलिस अधिकारी सर्वप्रथम दिनांक 15.01.2024 तक अपनी बीट के सम्भ्रान्त नागरिकों जैसे अच्छे चिकित्सक , व्यापारी , शिक्षक , जनप्रतिनिधिगण , पुलिस पेंशनर्स , सरकारी व गैर सरकारी प्रतिष्ठित नौकरीपेशा व्यक्तियों आदि के साथ – साथ अन्तिम पंक्ति के व्यक्तियों जैसे ठेले , खोमचे , रिक्शे वाले , रेहड़ी पटरी वाले इत्यादि से बार्ता कर न्यूनतम 250 व्यक्तियों को अपना परिचय देंगे कि वे इस बीट के बीट पुलिस अधिकारी हैं ।
इसके साथ ही अपना मोबाइल नम्बर उनको उपलब्ध करायेंगे और उनके मोबाइल में इसे सेव भी करायेंगे बीट पुलिस अधिकारी अपने क्षेत्र के ऐसे व्यक्तियों से उनकी अनुमति लेकर एक व्हाट्स एप ग्रुप बनायेंगे , जिसमें क्षेत्र के 250 व्यक्ति साथ ही वहां के हल्का उप निरीक्षक , थाना प्रभारी , सहायक पुलिस आयुक्त , अपर पुलिस उपायुक्त एवं पुलिस उपायुक्त शामिल होंगे ।
9. बीट पुलिस अधिकारी अपनी बीट में निवास कर रहे सभी सम्भ्रान्त व्यक्तियों का व्हाट्स एप ग्रुप बनाकर उससे स्वयं को जोड़ेंगे तथा उनसे बेहतर तालमेल रखते हुए उक्त व्हाट्स एप ग्रुप पर उनसे अपेक्षित सहयोग व सुझाव का आदान – प्रदान करेंगे
10. सभी बीट पुलिस अधिकारी का नाम एवं नम्बर ” सी – प्लान एप में अंकित किया जाये । इस कार्य का पर्यवेक्षण बीट उप निरीक्षक एवं थाना प्रभारी द्वारा प्रभावी रूप से किया जाये । सहायक पुलिस आयुक्त इसे कराना सुनिश्चित करेगे I पर्यवेक्षण।
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