Saturday, September 21, 2024

Johnny Lever birthday special: संघर्षों से भरा रहा है जॉनी लीवर का जीवन ,कभी सड़कों पर बेचते थे पेन ,आज है कॉमेडी के बादशाह !

Johnny Lever birthday special: कभी सड़कों पर पेन बेचते थे जॉनी लीवर, आज बन गए है कॉमेडी के बादशाह !

जॉनी लीवर (Johnny Lever) भारतीय सिनेमा के एक ऐसे कॉमेडियन है , जो अपने एकदम हटकर स्टाइल में कॉमेडी करने के अंदाज़ से दर्शकों के दिलों मे राज करते है । हमारे देश का हर सिनेमा प्रेमी जॉनी लीवर (Johnny Lever) और उनकी कॉमेडी को पसंद करता है। एक लंबे वक्त तक जॉनी लीवर ने अकेले बॉलीवुड के कॉमेडी सेगमेंट पर राज किया है।

आंध्र प्रदेश में हुआ था जॉनी लीवर (Johnny Lever) का जन्म:

जॉनी लीवर (Johnny Lever) का जन्म 14 अगस्त 1957 को आंध्र प्रदेश के प्रकाशम में एक तेलुगू ईसाई परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम था प्रकाश राव जनमूला जो हिंदुस्तान लीवर ग्रुप की एक फैक्ट्री में काम करते थे। इनकी माता का नाम कनूनमा जनमूला था। मां-बाप ने जॉनी को नाम दिया जॉन प्रकाश राव। जी हां, जॉनी लीवर का असली नाम जॉन प्रकाश राव है।

 

ऐसे मुंबई पहुंचे थे जॉनी लीवर (Johnny Lever):

एक दिन अचानक से जॉनी लीवर (Johnny Lever) के पिता को खबर मिली कि उनका ट्रांसफर अब हिंदुस्तान लीवर की मुंबई वाली फैक्ट्री मे कर दिया गया था । तभी से ही जॉनी लीवर का सारा परिवार मुंबई आ गया था । और यहां के ही किंग्ज़ सर्कल इलाके में रहने लगा था। यहां जॉनी लीवर और उनके दूसरे भाईयों ने भी काम करना शुरू कर दिया था। कभी जॉनी लीवर रेलगाड़ियों में पेन बेचेते तो कभी ये सड़क पर डांस करते। कभी कहीं स्टेज पर दूसरे एक्टर्स की नकल उतारा करते थे ।

 

स्टैंडअप कॉमेडी से शुरू हुआ था  जॉनी लीवर (Johnny Lever) का करियर:

एक बार जॉनी लीवर (Johnny Lever) ने एक शो में एक्टर दिनेश हिंगू को स्टैंडअप कॉमेडी करते हुए देखा था तभी से उन्हें देखकर इनके मन में भी ये कामना जागी कि ये भी इसी तरह स्टैंडअप कॉमेडी करें। इसी दौरान इनकी मुलाकात प्रताप जानी से हुई जो आगे चलकर इनके मेंटोर बने। प्रताप जानी ने इन्हें मिमिक्री आर्टिस्ट राम कुमार से मिलवाया।

राम कुमार ने इनकी कॉमेडी को काफी निखारा और इनके अंदर विश्वास पैदा किया, कि ये भी मिमिक्र कर सकते हैं। फिर एक दिन राम कुमार ने इन्हें दिनेश हिंगू से मिलवाया। दिनेश हिंगू ने पहले खुद काफी देर तक इनकी कॉमेडी देखी और फिर एक स्टेज शो में इन्हें पहली दफा स्टैंडअप कॉमेडी करने का मौका दिया। दर्शकों को इनकी कॉमेडी काफी पसंद आई और यहीं से इनकी गाड़ी चल निकली।

ऐसे जॉन प्रकाश राव बन गए जॉनी लीवर (Johnny Lever):

जॉन प्रकाश राव के जॉनी लीवर (Johnny Lever) बनने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। दरअसल, मुंबई आने के कुछ सालों बाद इनके पिता ने इन्हें भी अपने साथ हिंदुस्तान लीवर की फैक्ट्री में काम पर लगवा दिया था। काम के दौरान ये अपने साथ काम करने वालों का मनोरंजन भी किया करते थे।

ये अपने साथी कर्मचारियों को कई मशहूर कलाकारों की मिमिक्री करके दिखाते। वहां ये इतने मशहूर हुए कि फैक्ट्री में होने वाले फंक्शनों में मनोरंजन के लिए स्टेज पर इन्हें ही बुलाया जाता था। जॉनी लीवर अपने हुनर से इतने मशहूर हो गए थे की हिंदुस्तान लीवर के कई मजदूरों ने इन्हें जॉन की जगह जॉनी लीवर कह कर बुलाना शुरू कर दिया था ।

सुनील दत्त ने दिया फिल्मों में मौका:

एक बार एक स्टेज शो में इनपर नज़र पड़ी सुनील दत्त साहब की। सुनील दत्त को जॉनी लीवर का स्टेज शो बहुत पसंद आ गया था । उसके बाद सुनील दत्त ने जॉनी को अपनी एक फिल्म दर्द का रिश्ता में ले लिया था । इसी दौरान टीवी कमर्शियल्स में भी जॉनी लीवर को काम मिलना शुरू हो गया था । और जॉनी लीवर धीरे धीरे फेमस होने लगे थे ।

भारतीय फिल्मों की जान बन गए जॉनी लीवर (Johnny Lever):

जॉनी लीवर का फिल्मी सफर जब शुरू हुआ तो फिर इतना शानदार चला कि ज़िंदगी में कभी इन्हें पीछे नहीं चलना पड़ा। इन्होंने एक से बढ़कर एक फिल्मों में काम किया। हर साल बॉलीवुड को कोई नया सुपरस्टार मिलता और पुराने का स्टारडम खत्म होता। लेकिन जॉनी लीवर का जलवा सालों तक बरकरार रहा।

नए एक्टर्स को लॉन्च कर रहे डायरेक्टर फिल्म को हिट कराने के लिए जॉनी को ज़रूर फिल्म का हिस्सा बनाते थे। जॉनी के लिए फिल्मों में स्पेशल और अलग से किरदार लिखे जाने लगे थे ।

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