Saturday, September 21, 2024

जापान की मायूसी बनी राजस्थान की मधु , 11 साल पहले देखा था कालबेलिया डांस !

DIGITAL NEWS GURU RAJASTHAN DESK :-

जापान की मायूसी बनी राजस्थान की मधु:

जापान की एक युवती को राजस्थान की लोक कला और गीत-संगीत ने इतना प्रभावित किया कि वो इसको सीखने के लिए भारत आ गई। उसने अपना नाम बदला और हिंदी भाषा भी सीखी। राजस्थानी लोक कला और डांस में अब वो इतनी निपुण हो गई है कि इस कला को दूसरों को सीखा भी रही है।

यह युवती है जापान की मायूमी, जिन्होंने राजस्थान में कालबेलिया डांस और राजस्थानी गीतों को सीखा और उससे इतना प्रेम हो गया कि उन्होंने अपना नाम मायूमी से बदलकर मधु रख लिया। पिछले 10 सालों से वो राजस्थानी कला से जुड़ गई है। जापान में मधु के 20 स्टूडेंट है, जिनको मधु इन दिनों ये कला सिखा रही है। मधु का कहना है कि उसको इस कला से इतना प्यार है कि वो जापान में अपने घर में भी राजस्थानी ड्रेस ही पहनना पसंद करती है

 

कालबेलिया डांस 11 साल पहले देखा था और फिदा हो गई:

मधु बताती है कि मुझे हिन्दुस्तान बहुत ही सुन्दर लगा तथा राजस्थान मेरा दूसरा घर है। करीब 11 साल पहले एक फिल्म में मैने कालबेलिया डांस देखा और उसे देखकर मैने रोना शुरु कर दिया , तो मैं खुद को रोक ही नहीं पाई। यह पहला मौका था, जब मुझे इसे सीखने की जिज्ञासा हुई।

सोशल मीडिया पर कालबेलिया डांस को सर्च किया तब जोधपुर की कालबेलिया डांसर आशा सपेरा का वीडियो देख उसे मन ही मन गुरु माना। उसके बाद मधु राजस्थान आई और जोधपुर में आशा सपेरा से कालबेलिया डांस सीखा।

 

2015 से सिखा रही डांस:

मधु ने बताया- मेरी गुरु आशा सपेरा का जब पहली बार डांस का वीडियो देखा तो सीधा उन्हें कॉल कर उनसे सीखने की बात कही। उसके बाद जब भी राजस्थान आती थी तो यहां के वीडियो बनाकर ले जाती थी और वहां प्रैक्टिस करती थी। साल 2015 के बाद से मैनें सीखने के साथ साथ टोक्यो में सिखाना भी शुरू किया।

वर्तमान में मधु के 20 स्टूडेंट है, जिनके साथ हर रविवार को नृत्य के साथ राजस्थानी गीत के लिरिक्स पढ़ने के साथ साथ उनका अर्थ जानते है और गायन करते है।

फ्रेंच डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘लच्चो द्रोम’ से बदली जिंदगी:

उन्होंने बताया- 2010 मे फ्रेंच डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘लच्चो द्रोम’ (सुरक्षित यात्रा) देखी, जो रोमन लोगों की उत्तर-पश्चिमी भारत से लेकर स्पेन तक की यात्रा की कहानी है। फिल्म में कालबेलिया नृत्य के बारे में भी दिखाया गया। यहीं से मायूमी का कालबेलिया से लगाव शुरू हो गया।

वो इस नृत्य से इतनी प्रभावित हुईं कि 2012 में इसे जानने-समझने के लिए भारत आ गईं।

 

50 से ज्यादा जापानियों को सीखा चुकी कालबेलिया डांस:

उन्हें जोधपुर की कालबेलिया डांसर आशा कालबेलिया के डांस वीडियो ने प्रभावित किया। इसके बाद उन्होंने फेसबुक से आशा से संपर्क किया और डांस सीखने जोधपुर आ गईं। तब से वे हर साल 2 बार सिर्फ कालबेलिया सीखने भारत आती हैं।

कॉर्पोरेट कंपनी में जॉब करने वाली मायूमी आजकल जापान के 2 शहरो टोक्यो और सपोरो में कालबेलिया डांस की क्लास ले रही हैं। अब तक 50 से भी ज्यादा जापानियों को सीखा भी चुकी हैं। मियामी जापान स्थित भारतीय दूतावास में होने वाले कार्यक्रमों में हिस्सा लेती हैं। उन्होंने राजस्थान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के 10वें संस्कारण में भी राजस्थानी डांस की परफ़ोर्मेंस दी।

 

वह जापान में राजस्थानी संस्कृति को प्रमोट कर रही:

मधु हर साल राजस्थान में आकर राजस्थानी संस्कृति में घुल मिल गई और जापान की लड़की मधु बन गई। मधु जापान में राजस्थानी संस्कृति को बढ़ावा दे रही है। मशहूर कलाकार आशा सपेरा से कालबेलिया डांस सीखकर मधु जापान में लोगों को नृत्य सिखाती है।

मधु जापान के भारतीय दूतावास के आयोजन में या राजस्थान की संस्कृति को पसंद करने वाले लोगों के आयोजन में परफोर्म करती है। मधु का राजस्थानी नृत्य करना शौक है, न कि पेशा । मधु बताती है कि जब वो किसी राजस्थानी नृत्य को या रावण हत्था, अलगोजा, खड़ताल जैसे वाद्य यंत्रों की आवाज सुनती है तो उनकी धुन पर पैर थिरकने लगते हैं। वो इन गीतों को बखूबी गाती भी है।

 

हिन्दी बोलते देख लोग हो जाते है हैरान:

 

मधु ने कहा कि उन्हे राजस्थान की ड्रेस का पहनावा,भोजन, नृत्य, फॉक गीत इतने अधिक प्रिय आए देखते ही देखते उन्हे यहां रहने की भी लालसा पैदा हो गई। अब वह हर साल यहां आती है। यहां आकर उसने राजस्थानी गीतों के साथ- साथ हिन्दी भी सीखी। अब सब उसे मायूमी नहीं मधु के नाम से पुकारते हैं।

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