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यूपी की राजधानी लखनऊ में कक्षा 7 के छात्र ने ऑनलाइन गेम खेल कर गवाएं पांच लाख रुपए ; ट्रांजेक्शन डिटेल से परिवार को लगा पता
आजकल ऑनलाइन गेम में काफी बच्चे अपना समय वेस्ट और पूंजी इन्वेस्टमेंट करते हैं ।जिससे कई बच्चों को इसकी गंदी लत लग जाती है और यह लत इतनी बुरी प्रकार से लगती है कि वह अपने मां बाप और अपनी जरूरत की पूंजी को भी इस गेम में इन्वेस्ट कर देते हैं, जिससे उनको कई प्रकार के दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
कुछ इसी प्रकार की स्टोरी आज यूपी की राजधानी लखनऊ में हुई है ।यूपी की राजधानी लखनऊ में कक्षा सात का छात्र ऑनलाइन गेम खेल कर पांच लाख रुपए गवां दिए। ट्रांजेक्शन डिटेल से परिवार को पता चला। इसके बाद मां-बाप के होश उड़ गए। छात्र से पूछताछ करने के बाद इन्दिरानगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
यदि आपके बच्चे को ऑनलाइन गेम खेलने का शौक है तो आपको जरूरत है कि सावधान हो जाइए क्योंकि लखनऊ में निजी स्कूल में सातवीं के छात्र ने ऑनलाइन गेम खेल कर करीब पांच लाख रुपये गवां दिए। छात्र से एक व्यक्ति ने गेमिंग आईडी बनवाने के नाम पर रुपये ट्रांसफर कराए थे। माता-पिता के मोबाइल में लोड बैंकिंग ऐप का कर बच्चे ने रुपये ट्रांसफर किए । मोबाइल फोन से हुए ट्रांजेक्शन डिटेल से परिवार को पता चला तो उस छात्र के मां-बाप के होश उड़ गए। मां बाप ने अपने बच्चे से पूछताछ करने के पश्चात पूरे मामले को इन्दिरानगर कोतवाली थाना क्षेत्र में एफआईआर दर्ज कराया है।
इन्दिरानगर निवासी छात्र के पिता एक सरकारी विभाग में तैनात हैं। छात्र को गेम ऑनलाइन गेम खेलने का बहुत शौक है। माता-पिता के मोबाइल के अतिरिक्त कम्प्यूटर की मदद से कई बार गेम खेला था। इस दौरान छात्र को प्रकाश महराना का मैसेज मिला। जिसने नई स्टेज पार करने के लिए गेमिंग आईडी बनाने के लिए कहा। पूछने पर बताया कि नई आईडी से बड़े ईनाम जीत सकोगे। प्रकाश के झांसे में फंस कर छात्र परिवार को बिना बताए आरोपी के खाते में अपने रुपये ट्रांसफर करने लगा।
दस दिन में डिपॉजिट करा लिए पांच लाख रुपए
परिवार के अनुसार, 24 अगस्त को पहली बार छात्र ने प्रकाश के खाते में रुपये ट्रांसफर किए थे। छात्र ने परिवार को बताया कि 24 से चार सितंबर के बीच कई बार उसने रुपये भेजे थे। बैंक डिटेल चेक करने पर पता चला कि मां के खाते से दो लाख 30 हजार और पिता के खाते से करीब दो लाख 60 हजार रुपये ट्रांसफर हुए थे। इंस्पेक्टर इन्दिरानगर सुनील तिवारी ने बताया कि छात्र की मां ने तहरीर दी है। जिसके आधार पर आईटी एक्ट की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है।
अभिभावक भी बरतें सावधानी
– बच्चों को मोबाइल या कम्प्यूटर देने के पश्चात उनकी एक्टिविटी पर नजर रखें।
– कम्प्यूटर की हिस्ट्री डिटेल्स चेक करते रहे। जिससे पता चलेगा कि कौन सी वेबसाइट का यूज हुआ है।
मोबाइल पर बैंक एप से जुड़ी जानकारी के बारे में जानकारी बच्चों से साझा न करें
– एप को ओपन करने के लिए बनाया गया पासवर्ड या पिन भी बच्चों को न बताएं।
– बैंक से आने वाले ट्रांजेक्शन मैसेज पर नजर रखना आवश्यक।
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