IIT कानपुर की प्रोफेसर का पंखे से लटका मिला शव, की आत्महत्या या हुई किसी साजिश का शिकार? पुलिस कर रही जांच
Digital News Guru Kanpur Desk: IIT कानपुर में हॉस्टल के एक कमरे से फांसी के फंदे से लटके एक शव की बरामदगी हुई है जिसकी पहचान कटक निवासी डॉ. पल्लवी चिल्का के रूप में हुई थी। वह जैविक विज्ञान और बायोइंजीनियरिंग विभाग से पोस्टडॉक्टरल रिसर्च कर रही थीं। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।
मंगलवार सुबह करीब 10 बजे जब सफाईकर्मी कमरे की साफ-सफाई करने पहुंचा तो कई बार दरवाजा खटखटाने के बाद भी पल्लवी ने दरवाजा नहीं खोला। इस पर उसने खिड़की से शीशे से झांककर देखा तो पल्लवी का शव पंखे से लटकता नजर आया। इस पर उसने छात्रावास अधीक्षक अतिकुर रहमान को सूचना दी जिसके बाद IIT प्रबंधन और पुलिस को घटना की जानकारी दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस और फोरेंसिक टीम ने दरवाजा तोड़कर शव को फंदे से उतारा। प्रबंधन ने पल्लवी के पिता मधुसूदन शेट्टी को घटना की सूचना दी तो वह ओडिशा से कानपुर के लिये तुरंत रवाना हुए।
मूलरूप से ओडिशा के कटक के सेक्टर-10 सीडीए निवासी 35 वर्षीय पल्लवी चिल्का IIT कानपुर में बीते एक अगस्त से प्रोजेक्ट एक्जीक्यूटिव आफीसर के पद पर कार्यरत थीं। छात्रावास अधीक्षक अतिकुर रहमान ने बताया कि पल्लवी पांच दिन पहले ही आर्य टावर में कक्ष संख्या-221 में शिफ्ट हुई थीं।
संस्थान में पोस्टडॉक्टरल रिसर्च कर रही थीं डॉ. पल्लवी
पुलिस के मुताबिक, ओडिशा के कटक निवासी डॉ. पल्लवी चिल्का रिसर्च स्टाफ मेंबर थीं। वह IIT कानपुर में जैविक विज्ञान और बायोइंजीनियरिंग विभाग से पोस्टडॉक्टरल शोध कर रही थीं। डॉ. पल्लवी इसी वर्ष अगस्त महीने में IIT कानपुर में शामिल हुईं और छात्रावास में रह रही थीं।
पुलिस ने कमरे का दरवाजा तोड़कर शव किया बरामद
हालांकि, सफाई कर्मचारी ने तुरंत इसकी सूचना IIT प्रशासन को दी थी। वहीं आरोप है कि आईआईटी प्रशासन ने काफी देर बाद पुलिस को घटना की जानकारी दी।
एडीसीपी पश्चिम आकाश पटेल के मुताबिक, सूचना मिलते ही पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची। उन्होंने दरवाजा तोड़ा तो शव लटका हुआ मिला। उन्होंने फोरेंसिक टीम की मदद से मौके से साक्ष्य जुटाए और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं बरामद
पुलिस मामले की गंभीरता से जांच में जुट गई है, फिलहाल पुलिस को घटना स्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस ने उनके स्वजनों को घटना की जानकारी दे दी है। स्वजनों के कानपुर पहुचने के बाद उनसे भी पूछताछ की जाएगी क्योंकि मौत का कारण अभी तक पता नहीं चल सका है।
5 दिन पहले ही हॉस्टल में हुई थीं शिफ्ट
एसएचओ ने बताया कि पल्लवी 5 दिन पहले ही आरए छात्रावस में शिफ्ट हुई थीं। इससे पहले वह एक निजी किराये के मकान में रह रही थीं। संस्थान ने एक प्रेस बयान में पल्लवी के असामयिक और दुर्भाग्यपूर्ण निधन पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पल्लवी के निधन के साथ संस्थान ने एक प्रतिभाशाली और होनहार युवा शोधकर्ता खो दी।