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अमेरिका मे राष्ट्रपति पर जानलेवा हमला कोई नई बात नहीं : अब्राहम लिंकन, विलियम मैककिन्ले और जॉन एफ. कैनेडी की हो चुकी है ” राजनैतिक हत्या ” !
अमेरिका के पूरे इतिहास में, राष्ट्रपति पद अत्यधिक शक्ति और जिम्मेदारी का पद रहा है। दुर्भाग्य से, यही कारण रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपतियों के लिए हत्या प्रयास होने के खतरे बने रहे हैं।
हम आपको ये सब इसलिए बता रहे हैं क्योंकि तारीख- 13 जुलाई, जगह- अमेरिका के पेंसिल्वेनिया का बटलर शहर जहाँ अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे तभी वहां ताबड़तोड़ फायरिंग हो गई पर गरिमत ये रही एक गोली उनके कान को छूकर गुजरी और राष्ट्रपति का चेहरा खून से सन गया, फिलहाल वे सुरक्षित हैं। इस हमले में हमलावर और एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गई।
इस घटना ने पूरी दुनिया को अमेरिका में हुई राजनीतिक हत्याओं की याद दिला दी। अमेरिकी इतिहास को खंगाले तो ये पहली बार नहीं है जब किसी राष्ट्रपति या पूर्व राष्ट्रपति पर हमला किया गया हो। इस स्टोरी में आज हम सभी उन सभी नेताओं के बारे में जानेंगे जिनकी या तो हत्या कर दी गई, या फिर मारने की कोशिश की गई है।
प्रारंभिक प्रयास:
मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति पर हत्या का पहला दर्ज प्रयास 30 जनवरी, 1835 को हुआ था, जब एंड्रयू जैक्सन एक हमलावर से बाल-बाल बच गए थे। घटना के वक्त एंड्रयू जैक्सन पर दो बार फायरिंग की गई थी, लेकिन दोनों बार
बंदूक मिसफायर हो गई।
अब्राहम लिंकन:
अमेरिकी राष्ट्रपति की हत्या का पहला सफल मामला 14 अप्रैल 1865 में सामने आया। जब अब्राहम लिंकन को जॉन विल्क्स बूथ ने वाशिंगटन डी.सी. के फोर्ड थिएटर में एक नाटक देखते समय गोली मारी।
घटना के समय बालकनी में बैठे लिंकन के सुरक्षागार्ड ‘जॉन पार्कर’ उस वक्त उनके साथ नहीं थे, मौका देखकर हमलावर जॉन वाइक्स बूथ ने लिंकन को सिर पर पीछे से गोली मार दी। लिंकन को अस्पताल ले जाया गया लेकिन गोली लगने के 12 घंटे के अंदर ही लिंकन की मौत हो गई थी। कुछ हफ्तों बाद वर्जीनिया में जॉन वाइक्स बूथ को पकड़ लिया गया जहां अमेरिकी सैनिकों से मुठभेड़ हुई तो वह मारा गया।
जेम्स गार्फील्ड:
इसके बाद इस तरह की दूसरी घटना जेम्स गारफ़ील्ड के साथ हुई। अमेरिका के 20 वें राष्ट्रपति जेम्स गार्फील्ड को पद संभाले सिर्फ 4 महीने ही हुए थे। 2 जुलाई 1881, जब वे वाशिंगटन डी.सी. के एक रेलवे स्टेशन पर थे तब उनको चार्ल्स गुइटो नाम के एक शख्स ने गोली मार दी। हालांकि उनकी मौत तब नहीं हुई लेकिन वे ज्यादा दिन जिंदा नहीं रह सके और ढाई महीने के बाद 19 सितंबर को न्यू जर्सी में उनकी मौत हो गई।
गुइटो राजनीति से जुड़ा था, उसे लगता था कि उसे अब तक वो जगह नहीं मिली है जिसका वो हकदार है, उसकी निराशा तब और बढ़ गई जब राष्ट्रपति गार्फील्ड ने उसे यूरोपीय दूतावास में नियुक्त नहीं किया गया। वह नफरत से भर गया। गुइटो को गार्फील्ड की हत्या का दोषी ठहराया गया, एक साल बाद उन्हें फांसी पर लटका दिया गया।
विलियम मैककिन्ले:
बीस वर्ष बाद, 6 सितंबर 1901 में, बफ़्फलो, न्यूयॉर्क में एक सार्वजनिक आयोजन के दौरान लियोन एफ जोलगोज नाम के शख्स ने उनके करीब से दो गोलियां दाग दीं जिसमे से एक गोली उनके शरीर को छूकर निकल गई, दूसरी गोली उनके पेट में लगी। इस घटना में अमेरिका के 25वें राष्ट्रपति विलियम मैककिन्ले की मृत्यु हो गई।
दरअसल, जोलगोज की नौकरी 1893 के इकोनॉमिक क्राइसिस में जा चुकी थी, उसे लगता था कि देश के इस हालात की वजह ये नेता हैं, वह सत्ता विरोधी हो गया था। वह मैककिन्ले को देश की इस हालत का जिम्मेदार मानने लगा। उसे लगने लगा कि वह जबतक राष्ट्रपति की हत्या नहीं कर देता देश की हालत नहीं सुधर सकती। इसके बाद उसने राष्ट्रपति की हत्या कर दी।
जॉन एफ. कैनेडी:
अमेरिकी के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी, 22 नवंबर 1963, डलास रैली स्थल पहुंचे। कैनेडी, पत्नी जैकलीन के साथ एक ओपन लिमोजिन कार में बैठ गए। इस दौरान भीड़ के बीच से दो गोलियां चलीं। एक गोली सीधे कैनेडी के सिर में और दूसरी उनकी गर्दन में लगी।
राष्ट्रपति की सुरक्षा में लगे जवान उनको लेकर पार्कलैंड मेमोरियल अस्पताल पहुंचे। लेकिन डॉक्टरों ने दोपहर के 1 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया। उन्हें एक पूर्व नौसैनिक ली हार्वे ओसवाल्ड द्वारा पास के गोदाम की छठी मंजिल से गोली मारी। पूर्व सैनिक ओसवाल्ड को गिरफ्तार किया गया। हालांकि, 2 दिन बाद कैनेडी के एक समर्थक ने उसकी हत्या कर दी।
रोनाल्ड रीगन:
अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन 30 मार्च सन 1981, वाशिंगटन डीसी में, एक समारोह में हिस्सा लेने के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच कार में बैठने जा रहे थे। अचानक भीड़ से निकलकर एक शख्स ने रीगन पर फायरिंग शुरू कर दी। रीगन पर पांच गोलियां दागी गईं लेकिन वे हर गोली से बच गए, तभी छठी गोली बुलेटप्रूफ कार के शीशे से टकराकर फिर से रीगन के पास लौटी और उनके सीने में जा धंसी, उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया जिससे उनकी जान बच गई।
गोली चलाने वाले जॉन हिंक्ली को मौके पर ही पकड़ लिया गया था। कोर्ट में हिंक्ली के वकील ने दलील दी कि हिंक्ली मानसिक रूप से अस्वस्थ है। उसने जोडी फोस्टर की ‘टैक्सी ड्राइवर’ फिल्म 18 बार देखी थी, जिसमे हिंकले इसके एक किरदार से प्रभावित हो गया था जो कि एक भ्रष्ट नेता को मार देता है। हिंक्ली को लगा कि यदि वह राष्ट्रपति की हत्या कर देगा तो जरूर वह जोडी फोस्टर की नजरों में आ जाएगा, वकील ने कोर्ट में अपनी दलीलों से यह साबित कर दिया कि हिंक्ली मानसिक रूप से कमजोर है।
इसके बाद कोर्ट ने हिंक्ली को 35 सालों तक एक मानसिक अस्पताल भेज दिया, उसे 2016 में रिहाई मिल गयी, इसके बाद जून 2022 में अदालत ने हिंक्ले को पूरी तरह से बरी कर दिया।
गणतंत्र के शुरुआती दिनों से लेकर आधुनिक युग तक, कई राष्ट्रपतियों को अपने जीवन में गंभीर खतरों का सामना करना पड़ा है, जिनमें से कुछ का दुखद परिणाम मृत्यु के रूप में सामने आया। ये घटनाएँ न केवल नेतृत्व में निहित खतरों को उजागर करती हैं बल्कि अमेरिकी समाज के जटिल सामाजिक और राजनीतिक ताने-बाने को भी रेखांकित करती हैं।
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