DIGITAL NEWS GURU ENTERTAINMENT DESK :-
Dadasaheb Phalke birth anniversary : आखिर कौन है दादा साहेब फाल्के और वो कैसे बनें भारतीय सिनेमा के पितामह !
भारतीय सिनेमा के इतिहास में दादासाहेब फाल्के (Dadasaheb Phalke) का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है। वे भारत के पहले फिल्म निर्माता, निर्देशक और लेखक थे, जिन्होंने दुनिया में उस वक्त कदम रखा जब भारत में सिनेमा का कोई अस्तित्व ही नहीं था। उन्होंने ही फिल्मों को जीवन दिया और नई पहचान बनाई। 3 मई 1913 को भारत की पहली फिल्म ‘राजा हरिश्चंद्र’ रिलीज हुई।
यह मूक फिल्म थी, जिसमें धार्मिक कहानी को दर्शाया गया था। इस ऐतिहासिक फिल्म को बनाने में फाल्के को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। समाज में इस कला को लेकर काफी विरोध भी किया गया था। लेकिन दादासाहेब फाल्के (Dadasaheb Phalke) की मेहनत और लगन से इस फिल्म को काफी सफलता मिली थी ।
जिससे भारत में फीचर फिल्मों के लिए रस्ते खुल गए थे और एक नए युग की शुरुआत हुई। दादासाहेब फाल्के (Dadasaheb Phalke) केवल एक फिल्म निर्माता नहीं थे,बल्कि वे एक दूरदर्शी व्यक्ति थे जिन्होंने भारतीय संस्कृति और कला को दुनिया के सामने लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह लेख आपको दादा साहेब फाल्के के बारे में और अधिक जानने में मदद करेगा।
दादासाहेब फाल्के (Dadasaheb Phalke) का शुरूआती जीवन:
30 अप्रैल 1870 को नासिक के निकट त्रंबकेश्वर नामक तीर्थ स्थल के पास दादासाहेब फाल्के (Dadasaheb Phalke) का जन्म हुआ था। बाबा साहेब का पूरा नाम धुडीराज गोविंद फाल्के था और वह एक ब्राह्मण मराठी परिवार से थे। उनके पिता नासिक के जाने-माने विद्वान थे और मुंबई के एलफिंस्टन कॉलेज के अध्यापक भी थे। इसी कारण से दादा साहेब फाल्के को बचपन से ही कला में रुचि थी।
दादासाहेब फाल्के (Dadasaheb Phalke) की फिल्मों की शिक्षा:
दादासाहेब फाल्के (Dadasaheb Phalke) को अपने शुरूआती दिनों से ही कला के क्षेत्र में बहुत ज्यादा रुचि हो गयी थी। दादासाहेब ने सन् 1911 मे ईसा मसीह के जीवन पर आधारित फिल्म को देखा था । तभी से उनका मन फिल्मों की तरफ बहुत ही ज्यादा आकर्षित हो गया था।
दादासाहेब फाल्के (Dadasaheb Phalke) और भारतीय सिनेमा:
दादासाहेब फाल्के (Dadasaheb Phalke) कि पहली फिल्म राजा हरिश्चन्द्र को काफी सफलता मिली थी । इसके बाद दादा साहब नासिक में आकर अपनी अगली फिल्म मोहनी भस्मासुर और सावित्री सत्यवान को प्रोड्यूस करने लगे थे। उनके इन फिल्मों के गाने काफी हिट हुए थे और फिर उनके प्रत्येक फिल्म के प्रिंट जारी होने लगे, यह उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि हासिल करी थी।
दादासाहेब फाल्के (Dadasaheb Phalke) ने उस दौर में अपनी फिल्मों में तमाम नए एक्सपेरिंमेंट किए और फिर साल 1917 में उनहोंने महाराष्ट्र के नासिक में ”हिन्दुस्तान फिल्म कंपनी” की नींव रखी और कई फिल्में बनाईं।
दादासाहेब फाल्के (Dadasaheb Phalke) की पहली फिल्म:
दादा साहेब फाल्के ने अपनी सबसे पहली फिल्म राजा हरिश्चंद्र को बनाया था। यह फिल्म को 3 मई सन् 1913 को मुंबई के कोरोनेशन थिएटर में पहली बार दर्शकों के बीच मे दिखाया गया था।
दादासाहेब फाल्के (Dadasaheb Phalke) की कुछ प्रसिद्ध फिल्में:
- राजा हरीशचंद्र (1913),
- मोहिनी भस्मासुर (1913),
- सत्यवान सावित्री (1914),
- लंका दहन (1917),
- श्री कृष्णा जन्म (1918) ,
- कालिया मर्दन (1919).
दादा साहेब फाल्के पुरस्कार:
- वर्ष 1969 में पहला Dadasaheb Phalke Awards अभिनेत्री देविका रानी को दिया गया था।
- दादा साहेब फाल्के पुरस्कार वर्ष के अंत में राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कारों के साथ दिया जाता है।
- 2007 के Dadasaheb Phalke Awards की घोषणा सिंतबर में हुई थी।
- फिर 2009 वर्ष में हुई थी।
- इसी तरह वर्ष 2008 के पुरस्कार की 19 जनवरी, 2010 को हुई थी।
- वर्ष 2009 के पुरस्कार की घोषणा 9 सितंबर, 2010 को हुई थी।
- साल 2008 का ‘Dadasaheb Phalke Awards’ कर्नाटक के वी.के. मूर्ति को मिला था, जो इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को पाने वाले सबसे पहले सिनेमैटोग्राफर थे।
‘दादा साहेब फाल्के अकेडमी’ के द्वारा भी दादा साहेब फाल्के को तीन पुरस्कार भी दिए जा चुके हैं।
जो हैं –
फाल्के रत्न अवार्ड,
फाल्के कल्पतरु अवार्ड
दादा साहेब फाल्के अकेडमी अवार्ड्स
दादासाहेब फाल्के (Dadasaheb Phalke) का अंतिम सफर:
दादा साहेब फाल्के का निधन 16 फरवरी सन् 1944 को हो गया था। दादासाहेब फालके द्वारा फिल्म जगत के अंदर दिए गए इस बड़े योगदान को कोई कभी भी नही भुला सकता है।YOU MAY ALSO READ :- Rohit Sharma birthday special: 37 साल के हुए हिटमैन भारतीय कप्तान रोहित शर्मा, युवराज सिंह की बहन से करी है शादी !