Saturday, September 21, 2024

नोबेल पुरुस्कार पाने वाले पहले भारतीय वैज्ञानिक सी.वी. रमन जी का जीवन परिचय

नोबेल पुरुस्कार पाने वाले पहले भारतीय वैज्ञानिक सी.वी. रमन जी का जीवन परिचय

Digital News Guru Delhi Desk: 7 नवंबर को महान वैज्ञानिक सी.वी. रमन की जयंती होती है। इन्होंने विज्ञान और भौतिकी के विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

सी.वी. रमन

सी.वी. रमन का प्रारंभिक जीवन

सी.वी. रमन का जन्म 7 नवंबर 1888 को तमिलनाडु के त्रिचिनोपॉली मे हुआ था। उनके पिता भौतिक विज्ञान विषय के शिक्षक थे। उनकी माता का नाम पार्वती था। सी वी रमन बचपन से ही काफी सरल के थे। सी वी रमन की बचपन से ही रुचि विज्ञान मे थी। वह खेल खेल मे विज्ञान का प्रयोग करते थे। उनका बचपन से ही किताबों की तरफ झुकाओ था। उनको विज्ञान और अंग्रेजी पढ़ने का बहुत शौक था।

सी.वी. रमन की शिक्षा

सी.वी. रमन ने तिरुचिरापल्ली के सेंट एग्लो इंडियन से अपनी स्कूल की पढाई पूरी करी उन्होंने 10 वी मे टॉप किया। आगे की पढाई के लिए उन्होंने मद्रास के प्रेसिडेंसी कॉलेज मे एडमिशन लिया। उन्होंने भौतिक विज्ञान मे स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने एम ए की डिग्री मद्रास विश्व विद्यालय से प्राप्त की। उन्होंने एम ए गणित विषय से किया था। उन्होंने शिक्षा मे बेहतरीन प्रदर्शन किया था। उन्होंने एम ए की डिग्री मे स्वर्ण पदक जीता था।

सी.वी. रमन का करियर

सी.वी. रमन की पढाई मे रुचि देखकर शिक्षकों ने उनके पिता से निवेदन किया की उनकी आगे की पढाई इंग्लैंड मे करवाई जाए। लेकिन अचानक से सी वी रमन के पिता की तबियत खराब हो गयी जिस कारण वह बाहर पढाई करने नही जा सके। उन्होंने यही नौकरी करने का मन बना लिया और एक जगह मन लगाकर नौकरी करने लगे। उनको नौकरी से जब वक़्त मिलता तो वो अपनी पढाई और खोज मे लग जाते। उनके खोज को परिणामों को प्रोफेसर जोन्स ने फिलोसोफ़िकल पत्रिका मे भेजने की सलाह दी। यह लंदन की पत्रिका थी।

उनका ये बेहतरीन रिसर्च 1906 मे प्रकाशित हुआ तब सी वी रमन मात्र 18 साल के थे। 1917 मे उन्हे कोलकाता विश्व विद्यालय मे भौतिक विज्ञान के अध्यापक के रूप मे कार्य किया। 1924 मे उन्हे रॉयल सोसाइटी का सदस्य बना दिया गया था। एक वैज्ञानिक के लिए इसे बड़ा सम्मान और कुछ नही हो सकता। 1929 मे सी वी रमन ने भारतीय विज्ञान की अध्यक्षता की थी। सी वी रमन जी को 1934 मे भारतीय विज्ञान का निर्देशक चुना ।

सी.वी. रमन को प्रभाव की खोज के लिए भौतिकी मे 1930 मे नोबेल पुरुस्कार से सम्मानित किया गया था।

भारत रत्न पुरुस्कार से नवाजा गया

सी.वी. रमन को सबसे बड़े नागरिक पुरुस्कार से नवाजा गया था। वो पुरस्कार था भारत रत्न। 1954 सी वी रमन को भारत रत्न से भी नवाजा गया था। सी वी रमन को संयुक्त राष्ट्र ने शांति पुरस्कार से नावजा। सी वी रमन की उपलब्धि के कारण भारत को विज्ञान के अध्ययन मे काफी सहयता मिली।

क्या है रमन इफेक्ट

सी.वी. रमन साबित किया की जब प्रकाश किसी पारदर्शी चीज से गुजरता है तो प्रकाश का कुछ हिस्सा विभाजित हो जाता है। जिसकी वेब लेंथ मे अंतर आ जाता है। सी वी रमन ने इसकी खोज के स कृष्णन के साथ मिल के की थी। इसका नाम रमन इफेक्ट पड़ा। इसका इस्तेमाल आज भी कई जगह पर होता है।

सी.वी. रमन की महान सोच और उनके शोध

सी.वी. रमन को अपनी शोध पर पुरा भरोसा था। इसलिए उन्होंने स्वीडन के लिए टिकट करवा ली। उनको अपने काम पर भरोसा था। उनका ये आत्मविश्वास रंग लाया। और स्वीडन मे उनको पुरष्कार भी मिला सी वी रमन जितने महान वैज्ञानिक थे उतने ही अच्छी सोच के इंसान थे। उनकी सोच ये थी की महिलाओ को भी विज्ञान के क्षेत्र मे काम करना चाहिए। उनका कहना था की महिलाएं हर क्षेत्र मे उन्नति कर सकती है।

सी.वी. रमन की मृत्यु

सी वी रमन एक महान वैज्ञानिक थे। उनकी मृत्यु 21 नवंबर 1970 को बेगलूरु मे हुई थी। एक दिन प्रयोगसाला मे कार्य करते समय उनको दिल का दौरा पड़ गया था। दिल का दौरा पड़ने के कारण उनकी मृत्यु हो गयी।

सी.वी. रमन के पुरुस्कार

  • 1924 मे उन्हे अपने करियर की सुरवात मे रॉयल सोसाइटी के फेलो के रूप मे चुना गया।
  • 1929 मे उन्हें नाइट की उपाधि दी गयी।
  • 1930 मे उन्हे भौतिकी के लिए नोबेल पुरुस्कार मिला।
  • 1941 मे उन्हे फ्रैकलिन मेडल से सम्मानित किया गया।
  • 1954 मे उन्हे भारत के सवोच्च रत्न भारत रत्न से नवाजा गया।
  • 1957 मे उन्हे लेनिन पुरुस्कार से सम्मानित किया गया।

डॉ सी वी रमन महान वैज्ञानिक थे। जिनकी कड़ी मेहनत ने भारत को मान बढ़ाया। वह पहले भारतीय थे जिनको नोबेल पुरुस्कार मिला था। उनकी खोज भारत को नई ऊँचाईयो मे ले गया है। भारत के चंद्र यान 1 मे जब भारत ने चाँद मे पानी होने का एलान किया था उसके पीछे इनके द्वारा किये गए रमन इफेक्ट का ही कमाल था। रमन इफेक्ट काफी कारगर है इसे ये पता चल जाता है की कौन सी घटना कब और कहा हुई। सी वी रमन एक बहुत ही महान वैज्ञानिक थे।

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