Saturday, September 21, 2024

बेंगलुरु: डॉक्टरों ने एक 8 साल की बच्ची के पेट से निकाला क्रिकेट बॉल के आकार से बड़ा बालों का गुच्छा

DIGITAL NEWS GURU BENGALURU DESK:

बेंगलुरु: डॉक्टरों ने एक 8 साल की बच्ची के पेट से निकाला क्रिकेट बॉल के आकार से बड़ा बालों का गुच्छा

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यह मामला एक छोटी सी 8 साल की बच्ची से जुड़ा हुआ है, जिसका नाम अदिति है ,तो आईए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है…बेंगलुरु में डॉक्टरों ने एक 8 साल की बच्ची के पेट से क्रिकेट बॉल के आकर जितना बड़ा बालों का गुच्छा निकाला है।

दरअसल बच्ची को एक दुर्लभ बीमारी है जिससे उसके परिवार वाले भी हैरान हैं। डॉक्टर ने जब उसकी पूरी तरीके से ट्रीटमेंट किया, तो उन्होंने पाया कि उसे ट्राइकोबेजोअर था। ये ऐसी एक स्थिति है जो उसके जठरांत्र संबंधी मार्ग में जमा हुए सभी बालों के द्रव्यमान को प्रदर्शित करता है। यह अक्सर ट्राइकोफेजिया से ज्वाइंट होता है।

शुरुआत में नहीं पकड़ में आई बीमारी 

अस्पताल ने बताया कि बच्ची को ट्राइकोफेजिया नामक एक दुर्लभ बीमारी थी। इस बीमारी में इसमें बच्ची को बाल खाने की आदत होती है, जिसे रॅपन्जेल सिंड्रोम के नाम से भी जाना जाता है। बीते दो वर्षों से उसकी भूख न लगने और बार-बार उल्टी होने की समस्या से उसके माता-पिता बहुत ही हैरान थे।

जब उस बच्ची के माता-पिता को कुछ भी समझ में नहीं आया कि आखिरकार इसे किस प्रकार की समस्या है ,तो उसके माता-पिता उसे बाल रोग विशेषज्ञों, सामान्य चिकित्सकों और ईएनटी विशेषज्ञों साथ साथ कई डॉक्टरों के पास ले गए, ताकि इस पूरी दिक्कत और बीमारी की पहचान हो सके तथा उसकी इस स्थिति का अच्छे प्रकार से इलाज हो सके। उन्होंने अदिति की स्थिति को गैस्ट्राइटिस बताया और इस बीमारी के अनुसार दवा देने को बोल।

ट्राइकोबीजोर नाम की बीमारी से पीड़ित थी बच्ची 

 

दो सालों से उसे भूख न लगना और बार-बार उल्टी होने की समस्या होना , उसे बच्ची के माता-पिता इस समस्या के लिए उसे डॉक्टरों के पास ले गए। लेकिन उसे कहीं भी फायदा नहीं मिला फिर उसके माता-पिता उसे बेंगलुरु के एस्टर चिल्ड्रन एंड वुमन अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे ट्राइकोबीजोर नामक बीमारी से पीड़ित बताया गया।

बाल खाने की लग जाती है आदत

बेंगलुरु के डॉक्टरों ने पाया कि उसे 8 साल की मासूम को ट्राइकोबेजोअर था। ये एक ऐसी स्थिति बनाता है, जो जठरांत्र संबंधी मार्ग में जमा हुए सभी बालों के द्रव्यमान को दर्शाता है। यह अक्सर ट्राइकोफेजिया से जुड़ा होता है, एक मनोवैज्ञानिक रोग जहां व्यक्ति बाल खाते हैं।

बच्ची की हुई सर्जरी 

आमतौर पर यह किशोर लड़कियों में देखा जाता है। बाल चिकित्सा सर्जरी करने वाली डॉक्टर ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया कि बच्ची की सर्जरी की गई हैं ,जिसे लैपरोटॉमी के रूप में भी जाना जाता है। ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि बालों का गोला बहुत बड़ा और चिपचिपा था और स्थिति इतनी कठिन थी कि एंडोस्कोपी नहीं की जा सकती थी।

डॉक्टरों के मुताबिक दो घंटे पचास मिनट की सर्जरी के पश्चात उसे बच्ची का ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया जा सका । डॉक्टर ने बताया कि यदि इस बीमारी का इलाज जल्द से जल्द नहीं किया जाता तो तो उसे कुपोषण, एनीमिया और पेट से खून बहने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता था। सफलतापूर्वक सर्जरी के बाद, बच्ची को एक विशेष डाइट पर रखा गया है।

इस दुर्लभ समस्या और पूरे मामले में एक बार या फिर से सिद्ध कर दिया कि हमें किसी भी स्वास्थ्य से संबंधित समस्या को हल्के में नहीं लेना चाहिए।अदिति के माता-पिता की सूझबूझ और डॉक्टरों की तत्परता ने मिलकर उसकी जान बचा ली।


यह भी पढे: Mirzapur 3 : मिर्जापुर 3 के बोनस एपिसोड में दर्शकों को मिलने वाला है एक बड़ा सरप्राइज , मुन्ना भैया की हो रही है वापसी

आपका वोट

Sorry, there are no polls available at the moment.
Advertisements
Latest news
- Advertisement -

You cannot copy content of this page