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महाकाल की नगरी उज्जैन से रामलला के भोग के लिए आएगा 5 लाख लड्डुओं का भोग:
भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन से 5 लाख लड्डू भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या में भोग व प्रसाद के लिए भेजे जाएंगे, 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा उत्सव में राम लला को महाकाल मंदिर के लड्डू का भोग लगेगा तथा प्रसाद के रूप में भक्तों को यह लड्डू बांटे जाएंगे। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में प्रभु श्री राम लला के मंदिर में विराजमान होने को लेकर तमाम तैयारियों को पूरा कराया जा रहा है।
शुक्रवार को सीएम डॉ. मोहन यादव ने इसकी घोषणा की। इसके बाद उज्जैन में महाकाल मंदिर की चिंतामन यूनिट पर लड्डू बनाने का काम शुरू हो गया है। यहां 250 क्विंटल लड्डू प्रसादी तैयारी की जा रही है। जिसकी लागत करीब एक करोड़ रुपए आएगी।
कलेक्टर नीरज सिंह बताया कि सीएम के निर्देश पर भेंट स्वरूप 5 लाख लड्डू अयोध्या भेजे जाएंगे :
कलेक्टर नीरज सिंह ने बताया कि सीएम के निर्देश पर भेंट स्वरूप 5 लाख लड्डू अयोध्या भेजे जाएंगे। इनको तैयार करने में करीब 5 दिन लगेंगे। लड्डुओं को अयोध्या पहुंचाने के लिए तीन से पांच ट्रक की व्यवस्था करनी होगी। 17 या 18 जनवरी को लड्डू की खेप उज्जैन से निकलेगी। करीब 21 जनवरी तक लड्डू अयोध्या पहुंच जाएंगे।
एक करोड रुपए है 5 लाख लड्डुओं की कीमत:
भगवान महाकाल मंदिर के प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि एक लड्डू का वजन 50 ग्राम होगा। इन्हें अलग-अलग डिब्बों में पैक किया जाएगा। इसके लिए रोजाना करीब 100 लोग एक्स्ट्रा काम पर लगेंगे। लड्डू यूनिट में बनेगा, लेकिन उसकी पैकिंग परिसर में होगी। इसके लिए मंदिर समिति 40 x 128 का डोम बनवा रही है।
महाकाल मंदिर का बनने वाला लड्डू शुद्ध होता है। इसमें पानी नहीं मिलाया जाता। लड्डू के पैकेट पर महाकाल मंदिर की ब्रांडिंग होगी।
रोजाना बनते हैं 40 क्विंटल लड्डू:
यूनिट में आम दिनों में रोजाना करीब 40 क्विंटल लड्डू बनाए जाते हैं। इसे 80 लोग तैयार करते हैं। राम मंदिर के लिए रोजाना करीब 50 क्विंटल लड्डू का निर्माण एक्स्ट्रा किया जाएगा। इसके लिए अलग से 100 कर्मचारियों को लगाया जाएगा।
ऐसे बनता है शुद्ध लड्डू:
देशभर से महाकाल मंदिर में पहुंचने वाले भक्त लड्डू प्रसाद ले जाते हैं। यहां के लड्डू को भारत सरकार की संस्था फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने हाइजीन के लिए 5 स्टार रेटिंग दी है।
दरअसल, महाकाल मंदिर में मिलने वाले लड्डुओं को बनाते समय शुद्धता का विशेष ख्याल रखा जाता है। 20 साल से लड्डू प्रसादी तैयार करने वाले राजू हलवाई बताते हैं- लड्डू बनाने से पहले एक बार में 20 किलो बेसन, 5 किलो रवा को 20 किलो देसी घी में मिलाकर भट्टी की तेज आंच पर सेंका जाता है।
डेढ़ से दो घंटे तक यह प्रक्रिया चलती है। सिकाई के दौरान इस मिश्रण को कड़छे से लगातार मिलाया जाता है। इसके बाद बेसन को बड़ी ट्रे में रखकर ठंडा किया जाता है। इसमें 24 घंटे का समय लगता है। ठंडा होने पर इसमें पिसी हुई शकर, इलायची और ड्राय फ्रूट्स मिलाए जाते है। हाथों से इसे अच्छी तरह से मिलाने के बाद लड्डू का मिश्रण तैयार हो जायगा।
भोग सर्टिफिकेट भी मिल चुका:
खाद्य विभाग के अफसरों के मुताबिक ‘भोग सर्टिफिकेट’ (ब्लिसफुल हाइजीनिक ऑफरिंग टु गॉड) मिल चुका है। इस वजह से हाइजीन रेटिंग कराने में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई, क्योंकि हम हाइजीन के मानकों का पालन पहले से ही कर रहे है।
5 स्टार हाइजीन रेटिंग मिलने के बाद महाकाल मंदिर समिति के तत्कालीन अध्यक्ष और कलेक्टर आशीष सिंह उज्जैन के रेलवे स्टेशन, इंदौर एयरपोर्ट समेत अन्य स्थानों पर आउटलेट खोलने की तैयारी में थे, लेकिन 2 साल बाद भी ऐसा नहीं हो सका है।
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