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Jagdeep Birth Anniversary: जगदीप 70 के दशक एक ऐसे कॉमेडियन रहे है , जिनकी एक्टिंग से ही खिलखिला उठते थे दर्शक!
शोले के सूरमा भोपाली उर्फ अभिनेता जगदीप (Jagdeep) इनका असली नाम सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी था। जगदीप बतौर बाल कलाकार फिल्मों में आए थे और 70 दशक के एक्टिंग करियर में 400 फिल्में करी थी । दुनिया को अपनी अदाकारी से हंसाने वाले जगदीप का बचपन काफी मुश्किलों वाला रहा था । भारत-पाक बंटवारे में हुए दंगों में उनके पिता मारे गए थे। उनकी मां ने अनाथाश्रम में काम करके उन्हें पाला था ।
अपनी माँ की मदद करने के लिए जगदीप (Jagdeep) 7-8 साल की उम्र से ही सड़कों पर गुब्बारे और पतंग बेचने लगे था और एक साबुन बनाने की फैक्ट्री में भी काम किया था। इसी दौरान उनको फिल्म में मौका मिला था। बतौर बाल कलाकार उन्होंने अपनी पहचान बनाई थी। पहले बाल कलाकार के रूप मे कुछ फिल्मे करने के बाद और फिर कुछ फिल्मों में लीड रोल निभाने के बाद साल 1968 में जगदीप (Jagdeep) ने पहली बार कॉमेडी रोल किया था। इसके बाद उनकी पूरी एक्टिंग सिर्फ कॉमेडी के इर्द-गिर्द होकर ही रह गई। शोले में सूरमा भोपाली का कैरेक्टर उनका अमर हो गया है ।
पिता की मौत के बाद जगदीप (Jagdeep) आ गये था मुंबई:
जगदीप (Jagdeep) का जन्म मध्यप्रदेश के दतिया में हुआ था । इनका जन्म 29 मार्च साल 1939 को हुआ था। जन्म के बाद से ही उनकी परवरिश काफी अच्छी और ठाट-बाट से हुई थी, लेकिन ये खुशियां बस चंद दिनों की मोहताज थी जिसके बाद उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था ।
ये एक दौर था भारत-पाकिस्तान विभाजन का। हिंदू और मुस्लिमों के बीच लगातार दंगे हो रहे थे। विभाजन के भयानक अंजाम से जगदीप का परिवार अछूता नहीं रहा था। साल 1947 के दंगों के बीच मे ही उनके पिता की मौत हो गई थी जिसके बाद इनका परिवार पूरी तरह से टूट गया था और इनके परिवार को काफी तंगी का सामना करना पड़ा था। काम की उम्मीद में जगदीप (Jagdeep) की मां उन्हें लेकर मुंबई आ गईं थी । परिवार कि आर्थिक स्थिति को देखते हुए जगदीप भी काम करने लगे थे
3 रुपए के लिए फिल्म में काम करने को राजी हो गये थे जगदीप (Jagdeep):
ये बात 50 के दशक की है। इन्हीं दिनों बी.आर चोपड़ा फिल्म अफसाना बनाने की तैयारी कर रहे थे। फिल्म के सीन के लिए उन्हें कुछ बाल कलाकारों की जरूरत थी। जब फिल्म की कुछ टीम एक दिन बच्चों की तलाश में निकल पड़ी थी तभी उन लोगो की नजर जगदीप पर पड़ी थी तब उन लोगों ने जगदीप से पूछा क्या तुम फिल्म में काम करोगे?
जगदीप (Jagdeep) बोले ये क्या होता है साहब!:
ये सवाल जगदीप का इसलिए था क्योंकि इससे पहले जगदीप ने कभी फिल्में देखी ही नहीं थीं। उन्होंने टीम से पूछा कि वो इस काम के बदले उन्हे कितने पैसे देंगे। जवाब मिला कि 3 रुपए। इतना सुनते ही जगदीप ने फिल्म में काम करने के लिए तुरंत हां कर दिया था ।
फिल्म के किरदार पर जगदीप (Jagdeep) नाम पड़ा:
फिल्म फुटपाथ साल 1953 में उन्होंने जगदीप (Jagdeep) नाम का एक किरदार निभाया था, जिसके बाद से उनका नाम सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी से बदलकर जगदीप पड़ गया था। उनके इस जगदीप वाले रोल को दर्शकों ने बहुत पसंद करा था।
किस्सा सूरमा भोपाली बनने का:
फिल्म शोले में जगदीप (Jagdeep) सूरमा भोपाली के रोल में दिखाई दिये थे। ये रोल इनका इतना पसंद किया गया था कि जगदीप को लोग सूरमा भोपाली के नाम से ही जानने लगे थे। जगदीप ने जो सूरमा भोपाली का रोल निभाया वो जो आज भी अमर है।
जगदीप (Jagdeep) ने करी थी 3 शादियां:
जगदीप (Jagdeep) की पर्सनल लाइफ कि अगर बात करे तो ये भी किसी फिल्म कि कहानी से कम नहीं है। जगदीप ने 3 अपने जीवन मे 3 शादियां करी थीं, जिससे जगदीप को 6 बच्चे हुए थे। उनकी पहली पत्नी नसीम बेगम, दूसरी सुघ्र बेगम और तीसरी नजीमा बेगम थीं। तीसरी पत्नी से शादी करने का किस्सा भी अलग ही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जगदीप के बेटे को लड़की वाले देखने आए थे, लेकिन बेटे नावेद को शादी नहीं करनी थी।
जिस लड़की का रिश्ता आया, उसकी बड़ी बहन जगदीप को पहली नजर में ही पसंद आ गई। उन्होंने उस लड़की को प्रपोज भी किया, जिसके बाद दोनों की शादी हो गई। इस शादी से उन्हें बेटी मुस्कान जाफरी थीं।
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