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जयपुर के हाईटेक रेलवे स्टेशन को दिया गया हेरिटेज लुक, 193 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया टर्मिनल स्टेशन :
जयपुर में हाईटेक टर्मिनल स्टेशन का निर्माण पूरा हो गया है। जगतपुरा के पास खातीपुरा में 193 करोड़ रुपए की लागत से टर्मिनल स्टेशन बनाया गया है। 205 करोड़ रुपए इस स्टेशन पर अभी और इन्वेस्ट होंगे। इस स्टेशन को हेरिटेज लुक दिया गया है। जहां पर स्टेशन की दीवार हवेली की जैसी बनाईं गई हैं।
स्टेशन में एसी वेटिंग रूम, फुटओवर ब्रिज की सुविधा तैयार हो चुकी है, जबकि ऐस्कलेटर का काम जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों इस स्टेशन का शिलान्यास किया। इस स्टेशन को पूरा तैयार करने में लगभग 400 करोड़ रुपए खर्च होंगे। जल्द ही यहां से दिल्ली और अजमेर के लिए ट्रेनें चलाई जाएंगी।
खातीपुरा टर्मिनल स्टेशन शुरू होने के बाद जयपुर रेलवे जंक्शन का लोड 40 प्रतिशत तक कम हो जाएगा। इस टर्मिनल स्टेशन पर 6 प्लेटफार्म पर 8 ट्रैक हैं। ट्रेनों में पानी भरने (वाटरिंग) की भी सुविधा भी दी गई है। 850 यात्रियों के बैठने की क्षमता रखने वाले टर्मिनल स्टेशन पर रिजर्वेशन काउंटर भी बनाया गया है।
जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन:
शशि किरण ने बताया- स्टेशन पर एक ही ओर से एंट्री दी गई , जो प्लेटफॉर्म नंबर (1) की तरफ है। ऐसे में यात्रियों को एंट्री का ध्यान रखना पड़ेगा। यह जयपुर का पहला टर्मिनल स्टेशन है। जहां से डायरेक्ट ट्रेनें बनकर चल सकेंगी। इससे जयपुर स्टेशन से बनने वाली ट्रेन में कमी आएगी। जयपुर जंक्शन पर दूसरी ट्रेनों को समय मिल पाएगा। स्टेशन पर खाने-पीने के स्टॉल्स जल्द शुरू हो जाएंगे। उसके लिए प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
पार्किंग की व्यवस्था भी की गई:
इसके साथ इस स्टेशन पर फुटओवर ब्रिज और ऐस्कलेटर की सुविधा भी है। स्टेशन में एक बार में 100 कार और 220 बाइक पार्क की जा सकती है। साथ ही इसमें जयपुर जंक्शन की तरह ही एसी वेटिंग रूम भी बनाए गए हैं। खातीपुरा स्टेशन पर हाई लेवल प्लेटफार्म की सुविधा दी गई है। जी प्लस वन, स्टेशन भवन, 6 मीटर चौड़े फुट ओवर ब्रिज के साथ दिव्यांगजन के अनुकूल फैसिलिटी दी गई है।
हेरिटेज लुक के साथ सिक्योरिटी भी:
खातीपुरा स्टेशन 3 साल में बनकर तैयार हुआ है। स्टेशन पर आने वाले यात्रियों के लिए इसे पूरी तरह से हेरिटेज लुक दिया गया है। स्टेशन की बाहरी दीवार पर हवेलियों की तरह जालियां बनाई गई हैं। स्टेशन में एंट्री करते ही सबसे पहले दोनों तरफ गोविंद देवजी और हवामहल की फोटो लगाई गई है। पूरे स्टेशन पर संस्कृति और ऐतिहासिक कलाकृति बनाई गई है। सुरक्षा के लिए हाई विजन वाले CCTV कैमरे लगाए गए हैं। GRP और RPF के साथ ही स्टेशन से कुछ दूरी पर पुलिस चौकी भी बनाई जाएगी।
ये ट्रेन चल सकती हैं:
रेलवे की ओर से पहले खातीपुरा स्टेशन से तीन ट्रेन चलाने की योजना थी। इसमें जयपुर-जोधपुर, जयपुर-अजमेर और जयपुर हैदराबाद एक्सप्रेस ट्रेन शामिल है। कई तकनीकी कारणों के वजह से इसे फिलहाल टाल दिया गया। ट्रेन ऑपरेशन एक्सपर्ट आशीष पुरोहित ने बताया- जयपुर-जोधपुर ट्रेन को सप्ताह में 2 दिन जयपुर में मेंटेन किया जाता है।
ऐसे में समय की कमी की वजह से इसे खातीपुरा नहीं लाया जा सकता, क्योंकि खातीपुरा से दोबारा इसे जयपुर लाकर मेंटेन किया जाना संभव नहीं है। ऐसे में इन्हें बाद में खातीपुरा से संचालित किया जाएगा। जयपुर-जोधपुर एक्सप्रेस को रोज खातीपुरा से ही चलाने का दबाव बनाया जा रहा है। अगर ऐसा होता है तो सेफ्टी से बड़ा समझौता किया जाएगा। हालांकि, रेलवे इसे 5 दिन खातीपुरा और 2 दिन जयपुर से चलाने की योजना बना रहा है।
205 करोड़ की लागत से निर्मित हो रहा ,कोच मेंटेनेंस कॉम्पलेक्स :
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण ने बताया- खातीपुरा स्टेशन की सबसे बड़ी खासियत 205 करोड़ की लागत से बन रहा कोच मेंटेनेंस कॉम्प्लेक्स है। जिससे ट्रेन के कोच का मेंटेनेंस जयपुर की जगह खातीपुरा में ही करना संभव हो सकेगा। इसमें वंदे भारत, एलएचबी आदि सभी प्रकार के रैकों का रखरखाव होगा। अभी इसकी टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी।
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी की मानें तो इसे बनकर तैयार होने में डेढ़ से दो साल का समय लगेगा। ऐसे में जब तक ये बनकर तैयार नहीं होता, तब तक ट्रेनों को यहां से ओरिजनेट/टर्मिनेट तो किया जाएगा, लेकिन इनका मेंटेनेंस जयपुर में ही किया जाएगा। रेलवे की ओर से एक-एक कर अजमेर, उदयपुर, जोधपुर, सहित विभिन्न शहरों की जयपुर से शुरू या खत्म होने वाली ट्रेनों को खातीपुरा से चलाया जाएगा।
इलेक्ट्रिक ट्रिप शेड भी बनाया जा रहा:
इसके अलावा खातीपुरा स्टेशन पर जगतपुरा की तरफ इलेक्ट्रिक ट्रिप शेड भी बनाया जा रहा है। जहां वंदे भारत, मेमू जैसी ट्रेनों का रखरखाव होगा। उधर, रींगस-फुलेरा कोर्ड (आरपीसी) सेक्शन में भी लगातार गुड्स ट्रेनों का दबाव बढ़ रहा है। ऐसे में रेवाड़ी-नारनौल (51 किमी) के बीच डबलिंग का काम शुरू किया गया है, जबकि यहां इंडियन रेलवे के ट्रैक के समानांतर डेडिकेटेड कॉरिडोर का भी ट्रैक है। लेकिन मालदान अधिक होने की वजह से यहां ट्रैक डबलिंग जरूरी हो गई है।
एडीआरएम मनीष कुमार गोयल ने बताया- पहले खातीपुरा स्टेशन पर दो ही प्लेटफार्म और चार लाइनें थीं। इसे पूरी तरीके से टर्मिनल स्टेशन के तौर पर विकसित किया गया है। इसमें अभी 6 प्लेटफार्म बनकर तैयार है। इसका मतलब स्टेशन आने जाने वाली मिलाकर एक साथ में 6 गाड़ियां खड़ी हो सकती हैं।
इसके लिए स्टेशन पर आठ लाइनें बनाई गई हैं। प्रधानमंत्री ने स्टेशन शिलान्यास के दौरान दिल्ली और अजमेर की ओर जाने वाली कई नई ट्रेनें चलाने का भी ऐलान किया है। शहर का लगातार विस्तार हो रहा है। ऐसे मे जयपुर जंक्शन पर लोड ज्यादा बढ़ गया है। जंक्शन की भी एक सीमा है। पहले से ही जयपुर जंक्शन से इतनी सारी ट्रेन चल रही है। अब वहां से कोई भी नई ट्रेन लाने में समस्या रहती है।
दिल्ली-अजमेर के लिए ट्रेनें चलेंगी:
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रेलवे बहुत जल्द ही इस प्लेटफार्म से दिल्ली और अजमेर के लिए ट्रेनें स्टार्ट करेगा। साथ ही साथ 4 से 5 ट्रेनों के संचालन का प्रपोजल रेलवे बोर्ड को भेजा जा चुका है। आदेश आते ही ट्रेनें खातीपुरा से शुरू हो जाएंगी। जयपुर-जोधपुर हाईकोर्ट डेली, हैदराबाद-जयपुर वीकली, नागपुर-जयपुर वीकली ट्रेन चलेंगी। इसके अलावा और भी कई ट्रेनें हैं, जिन्हें इस स्टेशन से चलाने की तैयारी हो चुकी है। आदेश जारी होते ही यह ट्रेन खातीपुरा से चलने लग जाएगी।
क्या होता है टर्मिनल स्टेशन?:
जब किसी शहर के बड़े स्टेशन पर ट्रेनों का लोड ज्यादा हो। ऐसे में शहर में ही दूसरे जगह पर टर्मिनल स्टेशन बनाया जाता है। जहां से ट्रेनें बनकर चलती है या जिस स्टेशन पर ट्रेनें आकर खत्म होती है। वह टर्मिनल स्टेशन होते हैं। इसे साधारण शब्दों में कहें तो किसी ट्रेन का स्टार्टिंग पॉइंट और एंडिंग पॉइंट टर्मिनल स्टेशन होता है।
अगर कोई ट्रेन का रूट खातीपुरा से है। वह ट्रेन खातीपुरा से ही शुरू होकर निकल जाएंगी। उसे जयपुर जंक्शन की कुछ ट्रेनें यहां से चलेगी तो जयपुर जंक्शन पर लोड कम होगा। साथ ही जयपुर जंक्शन पर नई ट्रेनों की शुरुआत हो सकेगी।
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