Saturday, September 21, 2024

K. Chandrashekar Rao Birthday special: छोटी सी उम्र मे देखा था तेलंगाना आंदोलन, 45 साल बाद बने मुख्यमंत्री

DIGITAL NEWS GURU POLITICAL DESK :- 

के.चंद्रशेखर राव जन्मदिन विशेष ( K Chandrashekar Rao Birthday special):

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव (K. Chandrashekar Rao) 70 साल के हो गए हैं. वह साल 2014 में चंद्रशेखर राव तेलंगाना के मुख्यमंत्री बने थे. उसके बाद से अब तक इस पद पर लगातार बने हुए हैं. चंद्रशेखर राव ने अपनी पार्टी का नाम तेलंगाना राष्ट्र समिति से बदलकर भारत राष्ट्र समिति भी कर दिया है.

तेलंगाना राज्य का सपना पूरा करने के बाद राष्ट्रीय राजनीति में नई भूमिका की तलाश में जुटे के.चंद्रशेखर राव (K. Chandrashekar Rao) आज 70 साल के हो गए हैं. इनका पूरा नाम कल्वाकुंतला चंद्रशेखर राव हैं. साल 1980 में कांग्रेस से सियासी पारी शुरू करने वाले के.चंद्रशेखर राव (K. Chandrashekar Rao) तेलंगाना के मुख्यमंत्री हैं और उन्होंने अपनी पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति कर दिया है. चलिए आपको तेलंगाना के सबसे बडे़ नेता चंद्रशेखर राव की जिंदगी के कुछ पहलुओं के बारे में बताते हैं.

के.चंद्रशेखर राव (K. Chandrashekar Rao का बचपन और पढ़ाई:

 

तेलंगाना के सीएम के.चंद्रशेखर राव (K. Chandrashekar Rao) का जन्म 17 फरवरी साल 1954 को तेलंगाना के चंतामदका में हुआ था. उनके पिता का नाम राघवार राव और माता का नाम वेंकटम्मा था. चंद्रशेखर राव की 9 बहनें और एक बड़े भाई हैं. चंद्रशेखर राव ने उस्मानिया विश्वविद्यालय से एमए की पढ़ाई पूरी करी थी. उन्होंने . चंद्रशेखर राव की शादी कल्वाकुंतला शोभा से हुई है. उनके दो बच्चे हैं. चंद्रशेखर राव के बेटे केटी राम राव तेलंगाना सरकार में ही मंत्री हैं, जबकि उनकी बेटी कविता एमएलसी हैं.

के.चंद्रशेखर राव (K. Chandrashekar Rao ) ने नौकरी से किया इनकार, छात्र राजनीति में किया  आगाज :

फाइल फ़ोटो

के.चंद्रशेखर राव (K. Chandrashekar Rao) ने अपना सियासी पारी छात्र राजनीति से शुरू करी थी. उन्होंने डिग्री कॉलेज में पढ़ाई के दौरान चुनाव भी लड़ा था. लेकिन इस चुनाव में उनको हार का सामना करना पड़ा था. एक रिपोर्ट के मुताबिक डिग्री कॉलेज में चंद्रशेखर राव रही सहपाठी नंदिनी सिद्ध रेड्डी ने बताया कि एक बार कांग्रेस नेता अनंतु मदन मोहन ने उनको नौकरी दिलाने की पेशकश भी करी थी.लेकिन चंद्रशेखर राव ने ये कहते हुए इनकार कर दिया कि वो नौकरी नहीं, राजनीति करना चाहते हैं.

दिल्ली गए, फिर वापस लौटे:

फाइल फ़ोटो

डिग्री कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद के.चंद्रशेखर राव (K. Chandrashekar Rao) दिल्ली की सियासत ही करना चाहते थे. इसके लिए वो दिल्ली भी चले गए थे. वह साल 1975 मे दिल्ली गए थे जिस साल देश में आपातकाल लग गया था. उसी साल चंद्रशेखर राव संजय विचार मंच में शामिल हो गए थे.लेकिन संजय गांधी की मौत के बाद चंद्रशेखर राव सिद्धिपेट वापस लौट के आ गए थे।

बताया जाता है कि एक बार सीएम मैरी चेन्ना रेड्डी किसी कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए सिद्धिपेट गए थे. उस दौरान कार्यक्रम में मंच से चंद्रशेखर राव भाषण दे रहे थे, लेकिन जब उनका भाषण खत्म होने लगा तो सीएम रेड्डी ने कहा कि ये युवक अच्छा भाषण दे रहा था उसे मंच से ही बोलने दो. इसके बाद चेन्ना रेड्डी चंद्रशेखर राव के घर जाने लगे थे.चंद्रशेखर राव फिल्मों के भी काफी शौकीन हैं. उन दिनों वो एनटीआर की पौराणिक फिल्में देखना काफी पंसद करते थे.

के.चंद्रशेखर राव (K. Chandrashekar Rao) की सियासी पारी:

साल 1980 में संजय गांधी के मार्गदर्शन में चंद्रशेखर राव ने आंद्र प्रदेश युवा कांग्रेस में शामिल हो गए थे और साल 1982 में उनको राघवपुर प्राथमिक कृषि सहकारी समिति, सिद्धिपेट के अध्यक्ष के तौर पर चुन लिए गए थे इसके साथ ही चंद्रशेखर राव युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष भी बने थे. लेकिन जल्द ही कांग्रेस से उनका नाता टूट गया था. साल 1985 में चंद्रशेखर राव ने तेलुगुदेशम पार्टी में शामिल हो गए थे.

इसी साल वो सिद्धिपेट से विधायक चुने गए थे. इसके बाद साल 1987 में उनको राज्य मंत्री भी बनाया गया था. साल 1989 में फिर से सिद्धिपेट से विधायक चुने गए. और साल1989 से साल 1993 तक के.चंद्रशेखर राव (K. Chandrashekar Rao) टीडीपी के जिला अध्यक्ष भी रहे थे.

साल 1993 में उनको टीडीपी का राज्य सचिव बनाया गया. चंद्रशेखर राव लगातार सियासत में ऊंचा मुकाम हासिल करते रहे थे. साल 1997 में आंध्र प्रदेश सरकार में परिवहन मंत्री बनाए गए थे. साल 1999 में उनको विधानसभा का उपसभापति भी बना दिया गया था. साल 2001 में केसीआर ने विधायक और उपसभापति पद से इस्तीफा दे दिया था.

के.चंद्रशेखर राव (K. Chandrashekar Rao) ने टीआरएस की स्थापना की :

 

 

चंद्रशेखर राव ने अलग तेलंगाान राज्य की मांग को फिर से शुरू करने का फैसला कर लिया था. उन्होंने टीडीपी से इस्तीफा भी दे दिया था और नई पार्टी बनाने का फैसला कर लिया था. साल 2001 में चंद्रशेखर राव ने तेलंगाना राष्ट्र समिति का गठन किया. साल 2004 चुनाव में टीआरएस ने कांग्रेस से गठबंधन किया और लोकसभा की 5 और विधानसभा की 26 सीटें जीतने में कामयाब रहे थे साल 2004 में चंद्रशेखर राव ने खुद करीमनगर से लोकसभा चुनाव लड़ा और संसद पहुंच गए थे ।

के.चंद्रशेखर राव (K. Chandrashekar Rao)  को केंद्रीय कैबिनेट में भी शामिल कर लिया गया था. लेकिन 2006 में उन्होंने संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद हुए उपचुनाव में उन्होंने फिर से भारी मतों से जीत हासिल की. और साल 2008 में चंद्रशेखर राव ने पार्टी के 3 सांसदों और 16 विधायकों के साथ फिर से इस्तीफा दे दिया था और अगली बार फिर से सांसद चुने गए. जून 2009 तक वो यूपीए सरकार में थे. लेकिन तेलंगाना राज्य बनाने को लेकर यूपीए की उदासीनता को देखते हुए उन्होंने गठबंधन को छोड़ दिया था.

तेलंगाना के लिए के.चंद्रशेखर राव (K. Chandrashekar Rao) की भूख हड़ताल:

तेलंगाना राज्य की मांग को लेकर आंदोलन तेज होने लगा था. चंद्रशेखर राव ने आमरण अनशन पर बैठने का फैसला कर लिया था. अक्टूबर 2009 में चंद्रशेखर राव ने आमरण अनशन भी शुरू कर दिया था. 9 दिसंबर को केंद्र सरकार ने तेलंगाना राज्य के गठन की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा कर दी.

रायलसीमा और सीमांध्र के सांसदों और विधायकों ने इस्तीफा दे दिया. इसके बाद केंद्र सरकार ने श्रीकृष्ण समिति बनाई. इसके बाद तेलंगाना राज्य बनाने का फैसला ले लिया गया. 18 फरवरी साल 2014 को लोकसभा से तेलंगाना विधायक पास हो गया थे कई प्रक्रियाओं के बाद 2 जून 2014 को तेलंगाना राज्य बन गया था.

तेलंगाना के सीएम बने के.चंद्रशेखर राव (K. Chandrashekar Rao):

साल 2014 में तेलंगाना राज्य अस्तित्व में आ गया था और 2 जून को चंद्रशेखर राव ने तेलंगाना के पहले सीएम के तौर पर शपथ ली थी. उसके बाद से अब तक वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बने हुए हैं.

YOU MAY ALSO READ :- Praful patel birthday special: कौन है प्रफुल्ल पटेल? कैसे आए शरद पवार के करीब!

आपका वोट

Sorry, there are no polls available at the moment.
Advertisements
Latest news
- Advertisement -

You cannot copy content of this page