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कासगंज की मिठाई में आपको क्या पसंद है ?:
आपके जवाब में रसगुल्ला, बर्फी, लड्डू हो सकता है। लेकिन कासगंज में जब लोगों से यही सवाल पूछा जाता है तो उनका जवाब होता है- रोशन लाल की सोहन पापड़ी। ऐसा नहीं कि यहां बाकी मिठाइयां अच्छी नहीं बनती, लेकिन सोहन पापड़ी का स्वाद जुबान पर ऐसा चढ़ा कि उसके आगे सबकुछ फीका लगता है। यह स्वाद कुछ दिन या महीने का नहीं बल्कि 80 सालों से है। 4 पीढ़ियों का है। भरोसा ऐसा कि हर जरूरी त्योहारों पर यहां सोहन पापड़ी खरीदने के लिए भीड़ इकट्ठा हो जाती है।
आज हम कासगंज की मशहूर रोशन लाल की सोहन पापड़ी की बात करेंगे। बनाने के तरीके जानेंगे। साथ ही उस पूरे इतिहास को समझने की कोशिश करेंगे कि आखिर कासगंज में इतने लोकप्रिय कैसे हो गई। कैसे सलमान खान की फिल्म तक पहुंच गई। आइए शुरू से शुरू करते हैं।
कासगंज मे रोशन लाल ने शुरू की सोहन पापड़ी, चौथी पीढ़ी भी आज बना रही :
कासगंज शहर में सर्कुलर रोड पर रोशन लाल स्वीट्स नाम से दुकान है। साल 1940 के आसपास इस दुकान की शुरुआत हुई थी। दुकान पर रोशन लाल बैठते थे। उस वक्त सिर्फ सोहन पापड़ी बनाते थे। उनकी बनाई सोहन पापड़ी आसपास के लोगों को खूब पसंद आती थी।
देश आजाद हुआ। रोशन लाल के साथ दुकान पर उनके बेटे कैलाश चंद्र भी बैठने लगे। दुकान चल पड़ी। सोहन पापड़ी के लिए दूर-दूर से लोग आने लगे। पूरे एटा में रोशन लाल मशहूर हो गए। असल में उस वक्त कासगंज जिला नहीं हुआ करता था।
2000 के दशक में रोशन लाल की तीसरी पीढ़ी के सदस्य पंकज महेश्वरी दुकान पर बैठने लगे। उन्होंने बिजनेस संभाला। सोहन पापड़ी में वेराइटी ले आए। अभी तक जो एक ही तरह की सोहन पापड़ी बनती थी उसमें तीन और प्रकार जोड़ दिया। अब नॉर्मल सोहन पापड़ी के साथ पतीसा और रोल सोहन पापड़ी भी बनाना शुरू कर दिया। इसके अलावा जरूरी मौकों पर ड्राई फ्रूट्स सोहन पापड़ी भी बनाते थे। आइए अब इन सोहन पापड़ी को बनाने के तरीकों को जानते हैं…
त्योहारों पर 5 क्विंटल से ज्यादा बिकती है कासगंज की सोहन पापड़ी :
रोशन लाल स्वीट्स पर सबसे ज्यादा नॉर्मल सोहन पापड़ी बनती और बिकती है। इसके लिए चार कारीगर लगातार काम करते रहते हैं। बेसन और मैदे से तैयार होने वाली यह सोहन पापड़ी त्योहारों पर सबकी फेवरेट होती है। पंकज महेश्वरी से हमने पूछा कि पिछली दिवाली पर कितना बिकी थी? उन्होंने कहा कि करीब 5 क्विंटल सोहन पापड़ी बनाई गई थी सब बिक गई। इसकी कीमत भी इस वक्त 500 रुपए है। एक समय यह 5 रुपए किलो भी थी।
10 साल पहले हमने ग्राहकों को वेराइटी दी :
पंकज बताते हैं कि 10 साल पहले तक हम नॉर्मल सोहन पापड़ी पर ही काम कर रहे थे लेकिन उसके बाद हमने वेराइटी दी। पतीसा और रोल सोहन पापड़ी भी बनाना शुरू किया। रोल सोहन पापड़ी में कई लेयर तैयार होती है। इसके बाद रोल बनाकर उसमें ड्राई फ्रूट्स भरे जाते हैं इसलिए इसे ड्राई फ्रूट्स सोहन पापड़ी भी कहा जाता है। ज्यादा लेयर होने के चलते यह मुलायम होती है, ड्राई फ्रूट्स इसके स्वाद को दोगुना करता है। इसकी कीमत 540 रुपए है।
रोशन लाल स्वीट्स का पतीसा मशहूर है। हालांकि ठंड में सबसे कम यही बिकता है। वजह पूछने पर पंकज कहते हैं सारी सोहन पापड़ी देशी घी से तैयार होती हैं, सबमें लेयर होते हैं, उसमें मैदा भी होता है लेकिन पतीसा में न लेयर होते हैं न मैदा, इसलिए यह देशी घी के साथ जम जाती है। लेकिन जैसे ही होली पर्व आता है इसकी भी डिमांड बढ़ जाती है।
पतीसा बनाने की विधि :
- कढ़ाई में देशी घी के बीच बेसन को धीमी आंच में गाढ़ा होने तक भूना जाता है।
- दूसरे भगोले में चीनी के दो तार की चाशनी तैयार की जाती है। इसी में इलाइची पाउडर मिक्स कर दिया जाता है।
- अब दोनों को मिक्स किया जाता है और एक ट्रे में निकाल लिया जाता है। थोड़ी देर में ही यह जम जाता है।
- इसके ऊपर ड्राई फ्रूट्स डाला जाता है, करीब 20 मिनट बाद इसे पीस में काटकर सर्व किया जा सकता है।
पूर्व सीएम हमारी सोहन पापड़ी के फैन थे पंकज बताते हैं कि पूर्व सीएम एनडी तिवारी जब भी कासगंज आते थे वह हमारे यहां की सोहन पापड़ी जरूर खाते थे। सलमान खान की हम साथ-साथ हैं फिल्म में भी हमारे यहां की सोहन पापड़ी की चर्चा है। इसके पहले धर्म और कानून फिल्म में भी यहां के सीन थे। इसके अलावा शत्रुघन सिन्हा यहां चुनाव प्रचार करने पहुंचे थे। उन्होंने स्पेशली यहां से सोहन पापड़ी मंगाई थी।
100-100 किलोमीटर दूर से लोग खरीदने आते हैं हमें दुकान पर ही ग्राहक उदित महरोत्रा मिले। कहते हैं कि रोशन लाल की सोहन पापड़ी बेस्ट है। इसे खरीदने के लिए 100-100 किलोमीटर दूर से लोग आ रहे हैं। इनके साथ आए विकास ने कहा, आज भी हम सोहन पापड़ी ही खरीदने आए हैं।
कासगंज के शिवम अग्रहरि कहते हैं कि हमारा तो बचपन ही यहां की सोहन पापड़ी खाते हुए बीता है। इस दुकान की हर मिठाई बहुत अच्छी है। इसके अलावा आगरा से आए आदित्य और प्रगति से बात की। वह भी यहां की सोहन पापड़ी के दिवाने निकले।
रोशन लाल की चौथी पीढ़ी यानी पंकज महेश्वरी के बेटे रजत महेश्वरी अब नए आउटलेट्स पर बैठते हैं। वह कहते हैं कि हमारे यहां की सोहन पापड़ी न सिर्फ यहां बल्कि विदेशों तक जाती है। त्योहारों पर हम तमाम देशों में कूरियर के माध्यम से भेजते हैं। जनता को यह पसंद आ रही यही हमारे लिए अच्छी बात है।
फिलहाल रोशन लाल की मशहूर सोहन पापड़ी की तरह अगर आप घर में बनाना चाहते हैं तो ऊपर लिखी विधि से ही तैयार कर सकते हैं। बाकी नहीं बना सकते तो कासगंज जब भी जाएं यहां का स्वाद जरूर चखें।
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