इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में ध्रुव जुरैल का चयन, जाने क्रिकेट किट के लिए माँ की सोने की चैन बेचने से टीम इंडिया तक का सफर…
Digital News Guru Sports Desk: इंग्लैंड के खिलाफ होने वाले टेस्ट मैच में भारतीय टीम की तरफ से एक नया चेहरा दिखाई देगा। आपको बता दे कि इंग्लैंड टीम के खिलाफ पहले दो टेस्ट मैचों के लिए यूपी के विकेटकीपर बल्लेबाज ध्रुव जुरैल को पहली बार भारतीय टीम में चुना गया है। युवा विकेटकीपर बल्लेबाज का कहना है कि यह उनके लिए सपने के सच होने जैसा है। वह धोनी को अपना आदर्श मानते हैं।
इंग्लैंड के खिलाफ होने वाले पहले दो टेस्ट मैचों के लिए एक नए चेहरे को मौका दिया गया है। यह यूपी के विकेट कीपर बल्लेबाज ध्रुव जुरैल है। युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ध्रुव जुरैल आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स टीम के लिए खेलते है। आईपीएल 2022 में जुरैल को राजस्थान रॉयल्स की टीम ने 20 लाख के बेस प्राइस में अपनी टीम में शामिल किया था।
आपको बता दे कि ध्रुव जुरैल ने अपने टी 20 की शुरुआत 2021 में, उत्तर प्रदेश के लिए, 2020-2021 सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में की थी। भारतीय क्रिकेटर ध्रुव जुरैल 2020 अंडर 19 क्रिकेट विश्व कप में भारतीय टीम के उप कप्तान भी थे। टीम इंडिया में चयन होने के बाद ध्रुव जुरैल ने मीडिया से बातचीत करते हुए अपने संघर्ष की कहानी भी बताई।
सवाल- यूपी से रणजी खेले, उसके बाद भारत ‘ए’ के लिए खेले और अब पहली बार टेस्ट टीम में आपको अवसर मिला है। इस पर क्या कहेंगे?
जवाब- मेरे पिता जी सेना में हवलदार थे। जब मेरे पिता वरिष्ठ अधिकारियों को सैल्यूट मारते थे तो मुझे अच्छा नहीं लगता था। तब मैं उन्हें देखता था तो हमेशा सोचता था कि सेना में अफसर बनूंगा। मैं गली में क्रिकेट खेलता था। मैंने जब पापा से कहा कि मुझे क्रिकेट खेलना है तो उन्होंने मना कर दिया और कहा कि तुम्हें सरकारी नौकरी करनी है
हमारी घर की स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं थी। सरकारी नौकरी से थोड़ी स्थिरता आती है। मैं आर्मी स्कूल में पढ़ता था। स्कूल की जब छुट्टियां हुई तो मैंने कैंप करने का सोचा। आगरा में एकलव्य स्टेडियम में में तैराकी सीखने गया था। वहां बच्चे क्रिकेट खेलने आए थे, मुझे भी क्रिकेट खेलने का शौक था और वही मैने क्रिकेट का फॉर्म भर दिया। यह बात मैंने अपने पिता जी को नही बताई थी। जिसके बाद मुझे डांट भी पड़ी, लेकिन बाद में वह मान गए।
उन्होंने किसी से पैसे उधार लेकर मेरे लिए 800 रुपये का बल्ला खरीदा था। दो सप्ताह बाद कोई टूनमेिंट था तो मैंने पिताजी को बोला कि मुझे क्रिकेट किट चाहिए, तो पापा ने पूछा कि कितने की आएगी। मैंने जब बोला की छह से सात हजार रुपये की आएगी तो वह चौक गए और मुझे क्रिकेट खेलने के लिए रोका। इतनी धनराशि हमारे लिए ज्यादा थी। इसके बाद जब मैने मां से जिद की तो उन्होंने अपनी सोने की चैन बेचकर मेरे लिए पहली क्रिकेट किट खरीदी थी।
सवाल- अपनी इस सफलता को कैसे देखते हैं?
जवाब- इसमें मेरे पिता और माता का सबसे बड़ा योगदान है। उनकी वजह से ही में यहां तक पहुंच सका हूं। पहले मुझे नहीं एहसास नहीं हुआ, लेकिन बाद में लगा कि मेरी मां ने मेरे लिए कितना बड़ा त्याग दिया था। 2008 में पापा रिटायर हो गए थे और उसके बाद वह पीएसओ की नौकरी करते थे। उन्हें गेट खोलना पड़ता था। मुझे उन्हें देखकर बहुत अजीब लगता था, लेकिन उन्होंने मुझे हमेशा आगे बढ़ाया।
मैं अंडर-14 खेला, उसके बाद अंडर 16 खेला। यूपीसीए ने मेरी बहुत सहायता की। राजीव शुक्ला सर ने बहुत मदद की। उसके बाद मैं अंडर-19 विश्व कप खेला। आइपीएल में खेला। मैंने हमेशा ही कोशिश की, जब भी मुझे अवसर मिले, मैं अपना शत-प्रतिशत दूं। ईश्वर की कृपा से अच्छा प्रदर्शन हुआ और भारतीय टीम में मेरा चयन हुआ।
सवाल- जब भारतीय टीम में चयन की खबर मिली तो मां-पिता की क्या प्रतिक्रिया थी?
जवाब- मेरे दोस्तों ने मुझे बताया कि मेरा चयन इंग्लैंड IND Vs ENG के विरुद्ध टेस्ट टीम के लिए हुआ है। उनका मेरे पास फोन आया। सुनकर बहुत अच्छा लगा। भारत ए के लिए मैंने अच्छा प्रदर्शन किया था। इसके अलावा अभ्यास मैच में भी अच्छा किया। विकेटकीपिंग भी अच्छी हो रही थी। चयन के बारे में सोचा नहीं था। मैंने बस प्रदर्शन करने पर फोकस किया। पापा को जब बताया तो बहुत खुश हुए और पूछा कि कौन सी भारतीय टीम में चयन हुआ है। ये मेरे और पूरे परिवार के लिए भावुक करने वाला है। आजकल के युवाओं के लिए टी-20 या आइपीएल अधिक महत्वपूर्ण है।
सवाल- आप का चयन टेस्ट के लिए हुआ है। आप इसे कैसे देखते हो?
जवाब- असली क्रिकेट तो टेस्ट क्रिकेट ही है। इस प्रारूप में आपकी असली परीक्षा होती है। आपका चरित्र, आपकी प्रतिभा सभी की परख होती है। मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे टेस्ट क्रिकेट से भारत के लिए पदार्पण करने का अवसर मिलेगा उन्होंने आगे कहा- मेरा मानना है कि केवल विकेटकीपिंग ही नहीं, बल्कि हर भूमिका काफी मुश्किल होती है। जो गेंदबाजी करता है उसके लिए भी बड़ी चुनौती होती है। मेरे पापा ने हमेशा ही सिखाया है कि प्रतिस्पर्धा को लेकर ज्यादा नहीं सोचना चाहिए क्योंकि वह आपके हाथ में नहीं है। आप बस एक-दूसरे की सफलता का आनंद लो।
सवाल- आप मध्यवर्ग से आते हैं। यहां तक पहुंचने में यूपीसीए से कितनी मदद मिली?
जवाब- मैंने अभी तक यूपी से ही क्रिकेट खेला है चाहे अंडर-14 हो या अंडर-16 हो। यूपीसीए ने मेरा पूरा साथ दिया है। विकेटकीपर में किसे आदर्श मानते हैं। मैं महेंद्र सिंह धोनी भईया को अपना आदर्श मानता हूं। एक विकेटकीपर और एक क्रिकेटर के रूप में वह मुझे पसंद हैं।
पिछली बार आइपीएल IPL के दौरान उनसे मुलाकात हुई थी। उस दौरान एक साक्षात्कार के दौरान धोनी भईया ने मेरा नाम भी लिया था क्योंकि मैंने अच्छी पारी खेली थी। वो मेरे करियर का सबसे यादगार पल था। एक क्रिकेटर जिसे आप अपना आदर्श मानते हो और जब वह आपकी प्रशंसा करता है तो इससे बड़ा कुछ नहीं हो सकता।
सवाल- भारतीय कैंप में राहुल द्रविड़, विराट कोहली, रोहित शर्मा जैसे दिग्गजों के साथ बैठना, सीखना। इस बारे में क्या कहेंगे?
जवाब- इसे मैं बता नहीं सकता। जिन्हें टीवी पर देखा है उनके साथ ड्रेसिंग रूप साझा करूंगा। ये अलग ही अहसास होगा। कोशिश करूंगा कि इन लोगों से जितना सीख सकूं, सीखूंगा और अपने खेल को बेहतर करूंगा।