बुजुर्ग यात्री के सीने के आर-पार हुई लोहे की रॉड, कानपुर में 6 डॉक्टरों ने 3 घंटे में निकाली रॉड
Digital News Guru Kanpur Desk: डॉक्टर को धरती का भगवान कहा जाता है ये बात आज कानपुर के डाक्टरों की टीम ने सही साबित कर दी। साथ ही साथ जाको राखे साइयां मार सके ना कोई चाहे जग वेरी हो कहावत को सत्य कर दिया।
कानपुर में एक बुजुर्ग मार्ग दुर्घटना में इतनी बुरी तरीके से घायल हुआ कि मानो सब ने उसके जिंदा रहने की उम्मीद छोड़ दी मगर डॉक्टर के हौसलों ने उसे बचा लिया फिलहाल वह आईसीयू में है और डॉक्टर की वजह से उसकी हालत में सुधार है। रोडवेज की एक बस की लोडर से टक्कर हो गई। हादसे में बस में बैठे बुजुर्ग यात्री के सीने से लोहे की रॉड आर-पार हो गई। घटना के बाद बुजुर्ग की हालत देखकर चीख-पुकार मच गई। बुजुर्ग के सीने से खून तेजी से बहने लगा।
मौके पर पहुंची पुलिस तुरंत एंबुलेंस से उनको हैलट अस्पताल लेकर पहुंची। वहां डॉक्टरों ने चेक किया। करीब एक घंटे बाद 6 डॉक्टरों की टीम ने उनका ऑपरेशन किया। 3 घंटे चले ऑपरेशन के बाद सरिया के 2 टुकड़े करके बाहर निकाला गया। बुजुर्ग आईसीयू में एडमिट हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, उनकी हालत खतरे से बाहर है।
सीट में लगी रॉड बुजुर्ग के सीने में घुसी यह पूरी घटना 26 नवंबर यानी रविवार की है। प्रयागराज से उरई जा रही रोडवेज बस में जालौन के रहने वाले अलख प्रकाश (65) सफर कर रहे थे। उन्हें उरई जाना था। शाम 7 बजे कानपुर के विजयनगर चौराहे पर बस लोडर से टकरा गई।
तेज झटका लगने से सीट में लगी लोहे की रॉड अलख प्रकाश के सीने से घुसकर पीठ से पीछे की तरफ निकल आई। हादसे के बाद वह चीखने लगे। रॉड सीने में दाहिने तरफ डेढ़ फीट घुस गई। यात्रियों ने बताया कि घटना के वक्त बस की रफ्तार 60KM/H थी। बस में 40 यात्री सवार थे।
प्लंबर से कटर मंगाकर काटी रॉड
हैलट अस्पताल में इमरजेंसी केस का पता चला तो डॉ. आरके सिंह की टीम ने वार्ड में पहुंचकर मरीज को चेक किया। इसके बाद उन्होंने खुद टीम के साथ ऑपरेशन करने का फैसला लिया। रात में लोहे के रॉड को काटने के लिए कटर नहीं मिला रहा था। इसके चलते डॉक्टर को काफी इंतजार करना पड़ा। फिर एक घंटे बाद प्लंबर से रॉड को काटने वाला कटर मंगाया गया। रॉड को दो टुकड़ों में करके निकाल गया।
हार्ट सुरक्षित था, दाहिने सीने की तरफ घुसी रॉड डॉ. आरके सिंह ने बताया कि लोहे की रॉड दाहिने सीने की तरफ घुसी थी। इस कारण हार्ट से रिलेटेड कोई इंजरी नहीं हुई थी। इसी कारण उनकी जान बचाई जा सकी। रॉड की लंबाई लगभग डेढ़ फीट थी। पूरी रॉड आर-पार हो जाने के कारण न तो मरीज लेट पा रहा था न ही वह चलने के काबिल था।
ICU में मरीज, खतरे से बाहर
1 घंटे तक बुजुर्ग का सरिया उसके शरीर में ही घुसा रहा और जब तक वह अस्पताल पहुंचा तो वहां डॉक्टर उसे देखकर हैरान रहगये और फिर शुरू हुआ डॉक्टर के इलाज करने का सिलसिला जिसके बाद डॉक्टर आरके सिंह की टीम ने घंटो मशक्कत के बाद कटर के माध्यम से सरिया को काटा और सरिया को बाहर निकाल दिया, तीन बार काट के सरिया को बाहर निकाला गया।
जिसके बाद अब बुजुर्ग का ऑपरेशन सफल हुआ है और बुजुर्ग आईसीयू में एडमिट है परिजन भी डॉक्टरों का धन्यवाद दे रहे हैं क्योंकि उन्हें उम्मीद नहीं थी इस तरह से घटना होने के बाद उनके बुजुर्ग बच पाएंगे मगर डॉक्टर के हौसले ने उन्हें बचा लिया है कानपुर में 65 वर्षी बुजुर्ग के हुए ऑपरेशन और सफल सर्जरी के बाद डॉक्टर में भी खुशी देखने को मिल रही है कि उन्होंने एक बुजुर्ग की जान बचा ली।
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