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RD Burman Birth Anniversary: आरडी बर्मन को विरासत मे मिला हुआ था संगीत, आरडी बर्मन आखिरी कैसे बन गए पंचम दा!
आरडी बर्मन हमारे भारतीय संगीत का एक ऐसा नाम जिसने अपने हुनर और अपनी धुनों से सिनेमा को हुस्न बख्शने का पूरा काम किया हुआ था। आरडी बर्मन का पूरा नाम राहुल देव बर्मनथा। इसके साथ ही इन्हे पंचम दा यानी की सरगम का पांचवा सुर भी कहा जाने लगा था।
आज यानी की 27 जून को हिंदी सिनेमा के इस महान शख्सियत यानी की आरडी बर्मन का जन्म हुआ था। आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सिरी के मौके पर आडी बर्मन के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में…
विरासत में मिला था आरडी बर्मन को संगीत
बॉलीवुड के नायाब संगीतकार राहुल देव बर्मन यानी आरडी बर्मन का जन्म 27 जून साल 1939 को हुआ था। उनको संगीत विरासत में मिला था। बता दें कि आरडी बर्मन फेमस संगीतकार एसडी बर्मन के बेटे थे। फिल्म इंडस्ट्री में लोग उन्हें प्यार से ‘पंचम दा’ भी कहा कहते थे। उनके कुछ गाने लोगों के बीच इतने ज्यादा फेमस हुए कि आज भी लोग उन्हें गुनगुनाते हैं। वह बॉलीवुड के सबसे सफल म्यूजिक डायरेक्टर थे। बता दें कि 60 से 90 के दशक के बीच में पंचम दा के गानों की धूम थी।
9 साल की उम्र मे पंचम दा ने बना दिया था अपना पहला गाना
ब्रिटिश शासित कलकत्ता में राहुल त्रिपुरा के राजसी खानदान से वह ताल्लुक रखते थे। बर्मन के पिता एसडी बर्मन हिंदी सिनेमा के संगीतकार और माता मीरा देवबर्मन भी एक गीतकार थी। बर्मन की शुरूआती शिक्षा बंगाल से हुई। उन्होंने महज 9 साल की उम्र में ही पहला गाना ‘ऐ मेरी टोपी पलट के आ’ बनाया था। बेटे द्वारा बनाए गए इस गाने को उनके पिता ने साल 1958 में बनी फिल्म ‘फंटूश’ में प्रयोग किया था।
आरडी बर्मन कैसे शुरू हुआ फिल्मी सफर
फिल्मी दुनिया में कदम रखने से पहले आरडी बर्मन ऑर्केस्ट्रा में हारमोनियम बजाया करते थे। उन्होंने मुंबई आने के बाद फेमस सरोज बादक उस्ताद अली अकबर खां और पं. समता प्रसाद से तबला बजाने के गुर सीखे थे। साल 1959 में निरंजन नाम के निर्देशक की फिल्म ‘राज’ से आरडी बर्मन को संगीतकार के रूप में पहला मौका मिला। हालांकि यह फिल्म कुछ कारणों से अदूरी रह गई। जिसके बाद साल 1961 में कॉमेडियन महमूद ने फिल्म ‘छोटे नवाब’ में उनको साइन किया। यहीं से आरडी बर्मन का फिल्मी सफर शुरू हो गया।
महमूद की फिल्म मे निभाया था एक छोटा सा किरदार
पंचम दा ने महमूद की फिल्म ‘भूत बंगला’ में एक छोटा सा रोल भी किया। बता दें कि उन्होंने इंडस्ट्री के हर बड़े से बड़े निर्देशक-निर्माता और अभिनेता के साथ काम किया। पंचम दा ने हिंदी सिनेमा को कई हिट फिल्में दीं। हालांकि सुपरस्टार राजेश खन्ना की अदाकारी, किशोर कुमार की आवाज और पंचम दा के संगीत ने इंडस्ट्री में तहलका मचा दिया था। आपको जानकर हैरानी होगी की राजेश खन्ना, किशोर कुमार और पंचम दा की तिकड़ी ने करीब 32 फिल्मों में एक साथ काम किया।
ऐसे कहे जाने लगे ‘पंचम दा’
आरडी बर्मन का नाम ‘पंचम दा’ कहे जाने के पीछे भी एक दिलचस्प किस्सा है। बता दें कि उन्हें यह नाम अपनी नानी से मिला था। जिसके बाद उन्होंने यह किस्सा एक इंटरव्यू के दौरान बताते हुए कहा था कि जब वह बचपन में रोते थे। तो शास्त्रीय संगीत के पांचवें सरगम ‘प’ की तरह सुनने में आता था। जिसके कारण उनकी नानी ने आरडी बर्मन का नाम पंचम रख दिया।
आशा भोंसले के प्यार में पड़े पंचम दा
पूरी दुनिया को अपने संगीत की धन पर नचाने वाले आरडी बर्मन खुद फेमस सिंगर आशा भोसले के प्यार में गिरफ्त हो गए थे। हालांकि जब उन्होंने आशा भोसले को शादी के लिए प्रपोज किया। तो आशा ने शादी के लिए इंकार कर दिया। लेकिन इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी। आखिरकार आशा भोसले को आरडी बर्मन का प्यार स्वीकारना पड़ा और दोनों ने शादी कर ली थी।
मौत
साल 1942 में आरडी बर्मन ने फिल्म ‘ए लव स्टोरी’ में आखिरी बार संगीत दिया था। इस फिल्म के सभी गाने सुपरहिट हुए। लेकिन तब तक पंचम दा यानी की आरडी बर्मन इस दुनिया को अलविदा कह चुके थे। बता दें कि 4 जनवरी 1994 को दिल का दौरा पड़ने से आरडी बर्मन की मौत हो गई।