Sunday, September 22, 2024

PT Usha birthday special: राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेलों में अपना शानदार प्रदर्शन करने वाली महिला एथलीट पीटी उषा के बारे में जाने रोचक बातें

PT Usha birthday special: राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेलों में अपना शानदार प्रदर्शन करने वाली महिला एथलीट पीटी उषा के बारे में जाने रोचक बातें

आज हमारे भारत देश मे कई महिला एथलीट हैं जो भारत देश का नाम काफी रोशन कर रही है। पिछले कुछ सालों से ओलंपिक खेलों मे कई महिला खिलाडी ने देश के लिए पदक जीते और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों की श्रेणी में अपना भी एक स्थान बनाया हुआ है । लेकिन इन महिलाओं की ओलिंपिक में हिस्सेदारी बढ़ाने के पीछे का श्रेय उन सभी महिला खिलाड़ियों का है । जो सबसे पहले राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल की सभी प्रतिस्पर्धा में शामिल हुईं थी और अपने देश भारत का प्रतिनिधित्व भी किया हुआ था।

इन्हीं सभी मे से एक सबसे बड़ा नाम हैं महिला एथलीट पीटी उषा (PT Usha) का। पीटी उषा ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली महिला एथलीट बनी थी ।

वैसे तो पीटी उषा आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है। उन्होंने खुद अपने कदमों से अपने करियर की राह चुनी थी । और इसके साथ ही उषा ने देश की सभी महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित भी किया हुआ था। आज यानी 27 जून को पीटी उषा का जन्मदिन हैं। महिला एथलीट पीटी उषा के जन्मदिन पर उनसे जुड़ी रोचक बातें

पीटी उषा का बचपन गुजरा है काफी गरीबी मे…

भारतीय महिला एथलीट पीटी उषा का जन्म 27 जून साल 1964 को केरल के कोझीकोड जिले में स्थित एक छोटे से गाँव पयोली मे हुआ था। उषा का बचपन काफी गरीबी में गुजरा था। जब उषा स्कूल में थी तभी से उन्होंने दौड़ने की प्रैक्टिस शुरू कर दी थी । और इसके बाद पीटी उषा अपने स्कूल के लिए जिला स्तर के मुकाबले में भी शामिल होने लगीं थी। और खेलों में उनके अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए केरल सरकार ने पीटी उषा को छात्रवृत्ति से भी सम्मानित किया हुआ था। इसके बाद पढ़ाई और ट्रेनिंग के लिए पीटी उषा ने कन्नूर के एक विशेष खेल विद्यालय में दाखिला ले लिया था।

पीटी उषा का करियर

 

पीटी उषा ने अपने करियर के तौर पर उषा के जीवन में उस समय एक अच्छा मोड़ आया था । जब साल 1976 में नेशनल स्कूल गेम्स के दौरान पीटी उषा के कोच ओ. एम. नाम्बियार की नज़र उन पर पड़ गयी थी । इसके बाद से ही पीटी उषा की अंतरराष्ट्रीय खेलों में शामिल होने का मौका भी मिल गया था । साल 1980 में ही पीटी उषा के अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत हुई थी । कराची में पाकिस्तान ओपन नेशनल मीट में पीटी उषा ने चार स्वर्ण पदक भी जीते थे ।

उसके तुरंत बाद ही पीटी उषा ने तीन ओलंपिक खेलों मॉस्को मे साल (1980), लॉस एंजिल्स मे साल (1984) और सियोल मे साल (1988) में शामिल हो गयी थी।लेकिन पीटी उषा इन तीनों ही जगह से पदक को पाने से चूक गईं थी। उषा सिर्फ लाॅस एंजिल्स मे हो रहे ओलंपिक के फाइनल तक ही पहुँच पायी थी ।

भारत देश के लिए यही एक काफी बड़ी उपलब्धि थी। क्यों की उनसे पहले अभी तक कोई भारतीय महिला एथलीट ओलंपिक फाइनल में नहीं पहुंच सकी थी ।पीटी उषा ने एशियाई खेलों में बेहतरीन प्रदर्शन किया हुआ था । साल 1991 में पीटी उषा ने वी श्रीनिवासन से शादी कर ली थी । और कुछ साल ब्रेक के बाद साल 1998 में पी टी उषा ने एथलेटिक्स में फिर से वापसी करी थी ।

पीटी उषा के पदक

महज 20 साल की उम्र में पीटी उषा को अर्जुन पुरस्कार, पद्म श्री से सम्मानित किया गया। इसके अलावा विश्व ट्रॉफी से सम्मानित किया गया। भारतीय ओलंपिक संघ ने भी पीटी उषा को ‘स्पोर्ट्स पर्सन ऑफ द सेंचुरी’ और ‘स्पोर्ट्स वुमन ऑफ द मिलेनियम’ के लिए नामित किया था। साल 2000 में भारत की इस सर्वश्रेष्ठ एथलीट ने करियर से संन्यास ले लिया।


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