Sunday, November 24, 2024

भारत में भी बढ़ रहे जीका वायरस के मामले : आईए जानते हैं क्या है जीका वायरस और यह किस प्रकार संक्रमण फैलता है

DIGITAL NEWS GURU HEALTH DESK:

भारत में भी बढ़ रहे जीका वायरस के मामले :आईए जानते हैं क्या है जीका वायरस और यह किस प्रकार संक्रमण फैलता है

देश अलग-अलग क क्षेत्रो और राज्यों में बारिश होने के साथ-साथ मौसम ने भी अपने मिजाज पूरी तरह से बदल लिए हैं। बरसात का मौसम आने से मौसम तो सुहावना हो ही गया है तो वहीं दूसरी तरफ कई सारी बीमारियों का खतरा भी प्रकोप बढ़ गया है। इसी क्रम में भारत के पश्चिमी हिस्से में जीका वायरस एक बार सिर उठाने लगा है। महाराष्ट्र के पुणे में हाल ही में इस वायरस के दो मामलों की पुष्टि हुई है। इससे पहले पिछले साल, मुंबई में इसके कुछ मामले सामने आए थे। यह मच्छर से फैलने वाली बीमारी है, जो बरसात के दिनों में तेजी से संक्रमण का खतरा बढ़ाती है।

 आइए इस आर्टिकल में जानते हैं जीका वायरस से जुड़ी सभी जरूरी बातों के बारे में-

क्या है जीका वायरस?

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के मुताबिक जीका वायरस एक मच्छर जनित यानी mosquito-borne पैथोजन है, जो फ्लेविवायरस परिवार से संबंधित है। यह वायरस मुख्य रूप से एडीज मच्छरों द्वारा फैलता है, जो ज्यादातर दिन के समय काटते हैं। ये मच्छर डेंगू, चिकनगुनिया और अर्बन येलो फीवर भी फैलाते हैं।

जीका वायरस के लक्षण?

बात करें इसके लक्षणों की, तो WHO की मानें तो जीका वायरस से संक्रमित ज्यादातर लोगों में इसके लक्षण नजर नहीं आते हैं। वहीं, ऐसे लोग जिनमें इसके लक्षण नजर आते हैं, उनमें आमतौर पर संक्रमण के 3-14 दिन बाद यह शुरू होते हैं और आमतौर पर 2-7 दिनों तक रहते हैं। जीका वायरस से होने वाले फीवर के मुख्य लक्षणों में निम्न शामिल हैं- जैसे… दाने, बुखार ,कंजंक्टिवाइटिस, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द ,सिरदर्द।

कैसे फैलता है जीका वायरस?

मुख्य रूप से जीका वायरस ट्रॉपिकल तथा सब -ट्रॉपिकल कारणों में पाए जाने वाले एडीज (स्टेगोमीया) जीनस, मुख्य रूप से एडीज एजिप्टी के संक्रमित मच्छरों द्वारा फैलता है। इसके अलावा जीका वायरस प्रेग्नेंसी के दौरान मां से भ्रूण तक, साथ ही यौन संपर्क, ब्लड और ब्लड प्रोडक्ट्स के ट्रांसफ्यूजन और संभवतः ऑर्गन ट्रांसप्लांट के जरिए भी फैलता है।

बरसात में क्यों बढ़ जाता है इसका खतरा?

न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स, नोएडा के प्रमुख डॉ.बताते हैं कि बरसात के मौसम में अक्सर जलजनित और मच्छर जनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारी बारिश की वजह से हमेशा बारिश का पानी जमा हो जाता है और जैसे ही पानी जमा होता है, यह मच्छरों के लिए एक प्रजनन स्थल बन जाता है, जो मलेरिया, डेंगू और जीका वायरस जैसी बीमारियों के फैलने की वजह बनता है।

आइए जानते हैं इससे बचाव का तरीका .....
कैसे और क्या करें ?

जीका वायरस से बचने के लिए सबसे पहले जरूरी है कि मच्छरों से बचने के लिए जरूरी कदम उठाए जाए। ऐसे में अगर आप जीका वायरस से प्रभावित क्षेत्र की यात्रा कर रहे हैं, तो अपने आप को जितना हो सके प्रोटेक्ट रखें और अपने आसपास काफी समय से भरे हुए गंदे पानी या कचरे को जमा न होने दे इस तरीके की गंदी से मच्छरों का जन्म होता है और यही मच्छर कई प्रकार की बीमारियों को फैला कर मानव शरीर को हानि पहुंचाते है।

मच्छरों के काटने से बचने के लिए मॉस्किटो रिपेलेंट का इस्तेमाल करें। घर के अंदर ऐसे कमरे में सोएं जहां खिड़कियों में जाली लगी हो या मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। यदि आप कहीं बाहर से लंबी यात्रा करके लौट रहे हैं तो आपको कम से कम तीन हफ्तों तक मच्छरों के प्रकोप से बचने की पूरी कोशिश करनी चाहिए ,यानी कि मच्छरों के काटने से बचे। जिन स्थानों पर जीका वायरस का प्रकोप फैला हो,तो वहां से आने के पश्चात कम से कम 3 महीने तक सेक्स ना करें या फिर कंडोम का प्रयोग करें। क्योंकि वे भी जीका फैला सकते हैं।

प्रेगनेंसी के दौरान महिलाएं जीका वायरस के प्रकोप वाले क्षेत्रों में जाने से बचे और साथ ही साथ इस दौरान मच्छरों के काटने से बचने के लिए सावधानी बरतें और सेक्स के दौरान कंडोम का उपयोग करें या सेक्स न करें।


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