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Gopichand birthday special : जानें कौन हैं अभिनेता गोपीचंद और कैसे उन्होंने अपने फैंस के दिलों पर किया हुआ है राज!
टॉलीवुड के एक जाने माने अभिनेता टोटेमपुडी गोपीचंद को आज के समय ऐसा कोई भी नही होगा जो इनको जानता नही होगा । टोटेमपुडी गोपीचंद हमेशा ही अपनी फिल्मों के चलते चर्चाओं में बने ही रहते है, वहीं टोटेमपुडी गोपीचंद आज अपना 44वां जन्मदिन मना रहे है । टोटेमपुडी गोपीचंद का जन्म 12 जून 1979 को आंध्र प्रदेश मे हुआ था ।
गोपीचंद ने रूस से करी है इंजीनियरिंग की पढाई
अभिनेता टोटेमपुडी गोपीचंद का जन्म आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले के एक छोटे से गाँव काकीतिवारीपालेम में हुआ था। टोटेमपुडी गोपीचंद फिल्म निर्माता टी कृष्णा के छोटे बेटे हैं और जब उनके पिता की मृत्यु हुई तब गोपीचंद सिर्फ 8 वर्ष के ही थे। उन्होंने रूस में इंजीनियरिंग की डिग्री के लिए अध्ययन किया हुआ था। उनके बड़े भाई टी प्रेमचंद मुथ्याला सुब्बैया के सहयोगी निर्देशक के रूप में भी काम किया हुआ था ।
प्रेमचंद ने निर्देशक के रूप में अपने करियर की शुरुआत करी हुई थी और अपने घरेलू बैनर तले एक फिल्म पर काम करना भी शुरू कर दिया था, लेकिन एक कार दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई थी । अभिनेता गोपीचंद अपने बड़े भाई की मृत्यु के दौरान रूस में ही पढाई कर रहे थे और वीजा नही मिलने के कारण वो अपने भाई के अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हो सके थे ।
फिल्म ‘थोली वालेपु’ से बतौर हीरो किया था डेब्यू
गोपीचंद ने फिल्म ‘थोली वालेपु’ से बतौर हीरो अपना डेब्यू किया हुआ था। जयम में उनके प्रदर्शन के प्रति सकारात्मक प्रतिक्रिया के बाद, उन्होंने उसी शीर्षक वाली फिल्म के तमिल भाषा के रीमेक में अपनी भूमिका दोहराई हुई थी। उन्होंने
साल 2004 में अंडुम और साल 2005 में अंद्रुदु फिल्मों के साथ एक नायक के रूप में फिर से प्रवेश किया हुआ था। और साल 2006 में, उन्होंने व्यावसायिक रूप से सफल रानम और व्यावसायिक रूप से असफल राराजू में भी अभिनय किया हुआ था।
उनकी साल 2007 की रिलीज़ ओक्कादुन्नडु और लक्ष्मीम, और साल 2008 की रिलीज़ हुई फिल्म सोरियम ये दोनो ही फिल्मे काफी सफल रहीं थी । (ओंटारी को छोड़कर), जिसके बाद गोपीचंद ने एकबार फिर सोरियम के निर्देशक शिवा के साथ ही उनकी अगली फिल्म साल 2009 की रिलीज़ सनखम के लिए भी सहयोग किया हुआ था ।
2010 में रिलीज़ हुई फ़िल्म गोलिमार में उन्होंने एक एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की भूमिका निभाई जो एक असल जीवन के पुलिस नायक से प्रेरित थी। 2011 में उन्होंने मोगुडु और वांटेड में अभिनय किया लेकिन दोनों फ़िल्में फ्लॉप रहीं। 2013 में उन्होंने एक्शन-एडवेंचर फ़िल्म साहसम के लिए निर्देशक चंद्र शेखर येलेटी (ओक्कादुन्नडु के बाद) के साथ फिर से काम किया, जो उस समय उनकी सबसे बड़ी व्यावसायिक रूप से सफल फ़िल्म बन गई।
वर्ष 2014 में उन्होंने लौकेम में अपनी सबसे व्यावसायिक रूप से सफल फ़िल्म बनाई। 2015 में उन्होंने जिल और सौख्यम में अभिनय किया। 2017 में उन्होंने गौतम नंदा और ऑक्सीजन में अभिनय किया जो व्यावसायिक रूप से असफल रहीं। उनकी अगली फ़िल्म अराधुगुला बुलेट उसी साल रिलीज़ हुई, लेकिन रिलीज़ नहीं हुई।