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मोहम्मद शमी ( Mohammed Shami ):
भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) को उनकी गेंदबाजी के लिए आज भारत ही नहीं बल्कि पूरा विश्व उन्हें जानता है। विश्व कप 2023 के पहले सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ मोहम्मद शमी ने 9.5 ओवरों में 57 रन खर्च कर 7 विकेट चटकाए थे। उनकी इस शानदार गेंदबाजी की बदौलत 398 रनो के लक्ष्य का पीछा कर रही न्यूजीलैंड की टीम महज 327 रनो पर ही ढेर हो गई थी।
भारतीय टीम के खिलाफ अपने नॉक आउट मुकाबले में न्यूजीलैंड की टीम को 70 रनो से हार का सामना करना पड़ा था। भारतीय टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी(Mohammed Shami) अपने 6 मैचों में 23 विकेट के साथ इस वर्ल्ड कप के सबसे सफल गेंदबाज बन गए है।
पिता की राह पर चले मोहम्मद शमी(Mohammed Shami):
भारतीय टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी(Mohammed Shami) के पिता तौसीफ अली अमरोहा, यूपी के सबसे तेज गेंदबाज हुआ करते थे। तौसीफ अली अपनी यॉर्कर गेंदबाजी के लिए जाने थे। बता दे कि कुछ समय बाद आर्थिक कारणों की वजह से तौसीफ अली ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया। क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद इसको अपना मुकद्दर मानकर तौसीफ अली ने पारिवारिक जिंदगी को शुरू कर दिया।
क्रिकेट को अलविदा कहकर अपनी पारिवारिक जिंदगी शुरू करने के बाद तौसीफ अली को 5 बेटे हुए और पांचों के अंदर क्रिकेट का जुनून बसा हुआ था। जिनमे छोटा शमी सबसे तेज था। तौसीफ अली अपने सभी बेटों को क्रिकेट की ट्रेनिंग दिया करते थे जिनमे मोहम्मद शमी सबसे पहले नई चीज सीखते थे। भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी का जुनून देखकर तौसीफ अली को यकीन हो गया कि मेरा क्रिकेटर बनने का अधूरा सपना मोहम्मद शमी ही पूरा कर सकता है।
तौसीफ अली को अपने आर्थिक कारणों की वजह से एहसास था कि वह बड़े क्रिकेटर क्यों नहीं बन पाएं। लेकिन मोहम्मद शमी के सपनो को पूरा करने के लिए वह कुछ भी करने के लिए तैयार थे। तौसीफ अली अपने बेटे मोहम्मद शमी के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहते थे। तौसीफ अली ने 15 वर्ष की उम्र से ही मोहम्मद शमी को ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया था। मोहम्मद शमी अपने खेत में ही गेंदबाजी कर अभ्यास करते रहते थे।
तौसीफ अली ने अपनी जमीन बेचकर मुरादाबाद की एक एकेडमी में मोहम्मद शमी का दाखिला करवाया था। मुरादाबाद एकेडमी के कोच बदरुद्दीन ने ट्रायल लेकर मोहम्मद शमी को अपनी एकेडमी में दाखिला लिया था। मोहम्मद शमी ने अपने ट्रायल में गेंदबाजी करते हुए एकेडमी की दिग्गज बल्लेबाजों को धूल चटा दी।
मोहम्मद शमी के शानदार प्रदर्शन को देखकर कोच बदरुद्दीन ने शमी का अपनी एकेडमी में दाखिला ले लिया। मोहम्मद शमी अपने पिता तौसीफ अली का सपना पूरा करने के लिए कठिन परिश्रम करते रहे। मोहम्मद शमी मैच खत्म हो जाने के बाद पुरानी गेंदों को अपने पास रखकर रिवर्स स्विंग की प्रैक्टिस किया करते थे। मोहम्मद शमी के इस जुनून को देखकर एकेडमी कोच बदरुद्दीन रिवर्स स्विंग का खूब अभ्यास करवाते थे।
यूपी अंडर-19 टीम में नही मिली थी जगह:
भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी(Mohammed Shami) आज भारत के प्रमुख गेंदबाज है लेकिन यह अंडर-19 ट्रायल में सिलेक्ट नही हुए थे। यूपी अंडर-19 ट्रायल के लिए कोच बदरुद्दीन मोहम्मद शमी को खुद अपने साथ लेकर गए थे। लेकिन सिलेक्टर्स ने मोहम्मद शमी(Mohammed Shami) को रिजेक्ट कर दिया था। बता दे कि भदोही के यशस्वी जायसवाल भी अंडर-19 टीम के लिए स्लेक्ट नही हुए थे। लेकिन आज वह भारतीय टीम के उभरते हुए सितारे बन गए है। एकेडमी कोच बदरुद्दीन को मोहम्मद शमी पर बहुत भरोसा था उन्हे पता था कि शमी एक साल में बहुत आगे निकल सकते है ऐसे में उन्हें यूपी क्रिकेट बोर्ड के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता है।
कोच बदरुद्दीन ने शमी के पिता से बात करते हुए उन्हें कोलकाता के क्लब क्रिकेट में जाने की सलाह दी। कोच बदरुद्दीन यह बात अच्छे से जानते थे कि शमी क्लब क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन कर स्टेट की टीम में आराम से जगह बना सकता है। मोहम्मद शमी को लेकर तौसीफ अली के सपने बहुत बड़े थे वह शमी को भारत के लिए खेलता हुआ देखना चाहते थे इसलिए मोहम्मद शमी कोलकाता के लिए रवाना हो गए। लेकिन मोहम्मद शमी आर्थिक कारणों की वजह से वहा भी परेशान रहे। मोहम्मद शमी को यह बात पता थी कि वह अपने टैलेंट के दम पर ही आगे जा सकते है।
बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के असिस्टेंट सेकेट्री देवव्रत दास ने एक मैच में मोहम्मद शमी को गेंदबाजी करते हुए देख लिया। शमी के एक मैच के प्रदर्शन में देवव्रत दास उनकी उड़ान को भाप गए थे। मोहम्मद शमी अपने संघर्ष के जीवन को पार करते हुए आज दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों में से एक है। विश्व कप 2023 के सेमीफाइनल मुकाबले में 7 विकेट लेकर मोहम्मद शमी ने सबका ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर लिया है। मोहम्मद शमी ने विश्व कप 2023 में कुल 3 बार 5 विकेट झटके है।
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