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Sushil Kumar Birthday special: ओलंपिक से तिहाड़ तक… ऐसी है इस दिग्गज पहलवान की विवादित कहानी
Sushil Kumar Birthday: अपने पहले ही ओलंपिक (Olympic) में कांस्य, पदक जीता था। राष्ट्रमंडल खेलों में अपने देश के लिए स्वर्ण पदकों की झड़ी और इतने अच्छे गौरवान्वित सफर के बाद तिहाड़ जेल का ठिकाना… यह एक कहानी है ओलंपिक पदक के विजेता और पहलवान सुशील कुमार (Sushil Kumar) की। सुशील आज अपना 41 वां जन्मदिन (Sushil Kumar) मना रहे है। एक 14 साल का युवा लड़का सुशील कुमार (Sushil Kumar) जो अपने पिता और चचेरे भाई से पूरी तरह से प्रेरित होकर कुश्ती के क्षेत्र में देश के लिए स्वर्ण पदक लाने की सोचता है और अपनी कड़ी मेहनत के दम पर ओलंपिक, राष्ट्रमंडल समेत सभी राष्ट्रीय मंचों पर देश को काफी गौरवान्वित भी करता है।
अपनी मेहनत के चलते जब वो पहलवान अपने करियर की शीर्ष पर था तो उसी दौरान ही एक अपराध ने न केवल सुशील का करियर खत्म कर दिया बल्कि उसे सलाखों के पीछे भी पहुंचा दिया.
संघर्षों से शिखर तक (Sushil Kumar) की कहानी
अपने पिता और चचेरे भाई से काफी प्रेरित होकर सुशील कुमार (Sushil Kumar) ने 14 साल की उम्र में कुश्ती करना शुरू कर दिया था। सुशील (Sushil Kumar) ने अपने सीनियर स्तर पर साल 2003 में एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में देश के लिए कांस्य पदक जीत लिया था। उसके बाद सुशील ने राष्ट्रमंडल कुश्ती चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक भी जीत कर अपने नाम कर लिया था। उसी साल 2003 मे सुशील (Sushil Kumar) ने विश्व चैम्पियनशिप में चौथा स्थान भी हासिल किया था। राष्ट्रमंडल कुश्ती चैम्पियनशिप के साल 2005 और साल 2007 संस्करणों में सुशील कुमार (Sushil Kumar) ने स्वर्ण पदक भी जीत लिया था।
अपने जीवन मे संघर्षों की सीढ़ियां चढ़ते हुए साल 2008 बीजिंग ओलंपिक में सुशील कुमार (Sushil Kumar) ने भारत के लिए एक कांस्य पदक जीत लिया था। सुशील कुमार (Sushil Kumar) साल 2010 में मास्को में आयोजित FILA विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय भी बन गए थे। उनके शानदार प्रदर्शन के बाद सुशील पहलवान को साल 2012 के लंदन ओलंपिक में भारतीय ध्वज फहराकर राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया था। उन्होंने 66 किग्रा वर्ग में इस आयोजन में रजत पदक भी जीत लिया था।
ऑस्ट्रेलिया में (Sushil Kumar) का आखिरी पदक
सुशील कुमार ने देश के लिए अपना आखिरी पदक साल 2018 में जीत कर अपने नाम कर लिया था । उन्होंने आखिरी बड़ा अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन ऑस्ट्रेलिया में साल 2018 राष्ट्रमंडल खेलों खेलते हुए देखा गया था । जहां पर सुशील ने स्वर्ण पदक जीता था । इसके बाद से ही सुशील का करियर लगातार ढलान पर आ गया था लेकिन उनके एक कदम ने इसे बिल्कुल ही खत्म कर दिया था.
ओलंपिक से तिहाड़ तक (Sushil Kumar) का सफर
सुशील कुमार को साल 2021 मे छत्रसाल स्टेडियम में हुए काफी विवाद के बाद और इसके साथ ही 23 साल के जूनियर पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के मामले मे में गिरफ्तार कर लिया गया था । सुशील ने सागर की हत्या के आरोपों को भी स्वीकार कर लिया था ।
सुशील कुमार (Sushil Kumar) के बारे में कुछ रोचक तथ्य जानें। ..
सुशील कुमार का जन्म दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के नजफगढ़ के बापरोल गांव में पूर्व पहलवान दीवान सिंह और कमला देवी के घर हुआ था ।
सुशील कुमार राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय बने है ।
दिल्ली में 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों में सुशील कुमार (Sushil Kumar) ने अपने प्रतिद्वंद्वी को मात्र 9 सेकंड में हराकर स्वर्ण पदक जीता था।
सुशील कुमार (Sushil Kumar) ने एक बार शराब के विज्ञापन के लिए 5 मिलियन रुपये की पेपेशकश ठुकरा दी थी क्योंकि वह बच्चों के लिए गलत उदाहरण स्थापित नही करना चाहते थे ।
सुशील कुमार ने लगातार तीन राष्ट्रमंडल खेलों (2010, 2014 और 2018) में स्वर्ण पदक जीतने की दुर्लभ उपलब्धि हासिल की है।