Monday, March 10, 2025

Motilal nehru birth anniversary : जानिए मोतीलाल नेहरू के बारे में कुछ अनसुने किस्से, गांधी के साथ थे बहुत अच्छे रिश्ते !

DIGITAL NEWS GURU POLITICAL DESK :- 

Motilal nehru birth anniversary : जानिए मोतीलाल नेहरू के बारे में कुछ अनसुने किस्से, गांधी के साथ थे बहुत अच्छे रिश्ते !

मोतीलाल नेहरू (Motilal nehru) एक भारतीय वकील के साथ साथ एक राजनेता भी थे। मोतीलाल नेहरू (Motilal nehru) का जन्म 6 मई साल 1861 को इलाहाबाद मे कश्मीरी ब्राह्मण समुदाय में हुआ था, जो हिंदू उपजातियों के सबसे कुलीन थे।

उनके पिता, जो दिल्ली में एक पुलिस अधिकारी के रूप में कार्यरत थे, इनके पिता ने साल 1857 के विद्रोह में अपनी नौकरी और संपत्ति को खो दिया था। नेहरू ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा घर पर ही रह कर प्राप्त की थी । मोतीलाल नेहरू (Motilal nehru) ने कानपुर के सरकारी हाई स्कूल में आगे कि पढ़ाई पूरी करी थी और इलाहाबाद के मुइर सेंट्रल कॉलेज में मैट्रिक किया था।

हालाँकि उन्होंने अपनी डिग्री पूरी नहीं करी थी, लेकिन उन्होंने एक वकील के रूप में कई परीक्षाएं पास कर ली थी और उसके बाद उन्होंने साल 1886 में इलाहाबाद में उच्च न्यायालय में अभ्यास शुरू कर दिया था।

मोतीलाल नेहरू (Motilal nehru) तत्कालीन भारत के एक प्रमुख वकील,  स्वतंत्रता सेनानी और स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री रहे  जवाहरलाल नेहरू के पिता भी थे जिनकी  आज, 6 फरवरी 2023 को 92वीं पुण्यतिथि  मनाई जा रही है।

दो बार किया मोतीलाल नेहरू (Motilal nehru) ने विवाह:

मोतीलाल नेहरू (Motilal nehru) की दो बार शादी हुई थी लेकिन किशोरावस्था में ही उन्होंने अपनी पहली पत्नी और एक बच्चे को खो दिया। जवाहरलाल नेहरू (Jawahar lal nehru ) , विजया लक्ष्मी पंडित (vijaya lakshmi pandit ) और कृष्णा हठीसिंह उनकी दूसरी शादी के बच्चे थे। नेहरू एक मजबूत इरादों वाले, निरंकुश व्यक्ति थे, जिन्होंने एक अंग्रेज सज्जन का जीवन जिया, यूरोप की यात्रा की, और भारत में पहली ऑटोमोबाइल में से एक का आयात किया। मोतीलाल नेहरू (Motilal nehru) रूढि़वादी जाति के बंधनों को स्वीकार करने के लिए बहुत स्वतंत्र थे।

 

पोता चाहते थे मोतीलाल नेहरू (Motilal nehru):

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जवाहरलाल नेहरू (Jawahar lal nehru ) के पिता मोतीलाल नेहरू (Motilal nehru) पोता चाहते थे। लेकिन जब इंदिरा गांधी का जन्म हुआ तो वह दुखी तो हुए लेकिन उन्होंने कहा कि जवाहर की बेटी सौ बेटियों पर भारी पड़ेगी। भले ही मोतीलाल नेहरू (Motilal nehru) ने यह बात ऐसे ही कहीं हो लेकिन यह बात आगे जाकर सच साबित हुई। इंदिरा गांधी (Indira gandhi ) भारत की एक ऐसी प्रधानमंत्री बनी जिनको सभी लोग आयरन लेडी कह कर बुलाते थे।

 

गांधी और नेहरू:

राष्ट्रवादी आंदोलन के नेतृत्व के दौरान मोतीलाल नेहरू (Motilal nehru) और उनके बेटे जवाहरलाल नेहरू (Jawahar lal nehru ) के बीच संबंध काफी करीबी थे। साल 1920 तक मोतीलाल नेहरू (Motilal nehru) और गांधी भी कांग्रेस कार्य समिति में नेताओं के रूप में करीबी सहयोगी हुआ करते थे, नेहरू कांग्रेस पार्टी ओल्ड गार्ड का भी प्रतिनिधित्व किया करते थे।

गांधी के प्रभाव से नेहरू ने अपना अभ्यास छोड़ दिया और खुद को पूरी तरह से राष्ट्रवादी कारण के लिए समर्पित कर दिया था। आपको बता दें कि गांधी दोनों नेहरू से परामर्श किए बिना कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने में झिझकते थे।

अपने कॅरियर की शुरुआती दिनों में एक उदारवादी यथार्थवादी के रूप में जाने जाने वाले, मोतीलाल नेहरू (Motilal nehru) उम्र के साथ तेजी से क्रांतिकारी होते चले गए थे ।कई हजार लोगों के एक समूह के लिए उन्होंने साल 1917 में घोषणा करते हुए कहा था कि “सरकार ने खुले तौर पर हमारे राष्ट्रीय उद्देश्यों के खिलाफ धर्मयुद्ध की घोषणा कर रही है … क्या हम इन आधिकारिक भ्रूभंगों के आगे घुटने टेक सकते हैं?” नेहरू कि मुख्य चिंताओं में से एक हिंदू-मुस्लिम एकता की समस्या थी। 6 फरवरी साल 1931 को उनका निधन हो गया था।

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