Saturday, September 21, 2024

Hemvati Nandan Bahuguna birth anniversary : कौन थे हेमवती नंदन बहुगुणा? साल 1973 में बने थे UP के मुख्यमंत्री, ऐसा रहा था उनका कार्यकाल !

DIGITAL NEWS GURU POLITICAL DESK :-

Hemvati Nandan Bahuguna birth anniversary : कौन थे हेमवती नंदन बहुगुणा? साल 1973 में बने थे UP के मुख्यमंत्री, ऐसा रहा था उनका कार्यकाल !

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा (Hemvati Nandan Bahuguna) ने साल 1952 में पहली बार निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंच गए थे। राजनीतिक विशेषज्ञों का ये भी मानना है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से हेमवंती नाराज चल रहे थे ।

जिस कारण हेमवती नंदन बहुगुणा (Hemvati Nandan Bahuguna) को लखनऊ भेज दिया गया था और फिर उन्होंने 8 नवंबर, साल 1973 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली थी। लोगों को लग रहा था कि वो आगे चलकर प्रधानमंत्री के उम्मीदवार भी बन सकते थे।

कौन हैं हेमवती नंदन बहुगुणा (Hemvati Nandan Bahuguna) ?:

 

हेमवती नंदन बहुगुणा (Hemvati Nandan Bahuguna) का जन्म 25 अप्रैल, 1919 को पौड़ी गढ़वाल के बुघानी में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनका परिवार बाद में इलाहाबाद चला गया। हेमवती नंदन बहुगुणा (Hemvati Nandan Bahuguna) की दो शादियां हुई थीं। पहली पत्नी पैतृक गांव बुघानी में रहती थीं। उनकी दूसरी पत्नी कमला बहुगुणा उनके साथ इलाहाबाद में रहा करती थीं और इस दंपत्ति के तीन बच्चे हैं।

इस दंपत्ति के सबसे बड़े बेटे विजय बहुगुणा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और दूसरे बेटे शेखर बहुगुणा हैं। जबकि बेटी रीता बहुगुणा जोशी इलाहाबाद से भाजपा सांसद हैं और पहले वो उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष पद पर भी रह चुकी थी ।

 

रीता बहुगुणा जोशी ने अपने पिता हेमवती नंदन बहुगुणा (Hemvati Nandan Bahuguna) पर एक पूरी किताब लिखी थी । जिसमें उन्होंने विस्तार से बताया है कि हेमवंती नंदर बहुगुणा को आखिरी इंदिरा गांधी की कौन सी बातें पसंद नहीं आती थी । और इंदिरा गाँधी आखिर उनसे क्यों नाराज थीं।

इतना ही नहीं रीता बहुगुणा जोशी ने आरोप लगाया कि इंदिरा गांधी ने अपने बेटे संजय गांधी को बढ़ाने के चक्कर में कई योग्य लोगों को खो दिया था। इनमें महज हेमवती नंदन बहुगुणा (Hemvati Nandan Bahuguna) ही नहीं बल्कि और लोग भी शामिल थे।

जब हेमवती नंदन बहुगुणा (Hemvati Nandan Bahuguna) के रास्ते कांग्रेस से हुए  जुदा:

इंदिरा गांधी ने जब देश से आपातकाल को हटा दिया था ।और आम चुनावों का आह्वान कर लिया था । तब हेमवती नंदन बहुगुणा (Hemvati Nandan Bahuguna) ने कांग्रेस से अपना रास्ता जुदा कर लिया था ।और उन्होंने पार्टी को अलविदा कहते हुए जगजीवन राम और नंदिनी सत्पथी के साथ कांग्रेस फॉर डेमोक्रेसी (सीएफडी) नामक एक नया समूह बनाया था।

आम चुनावों में हिस्सा लेने के लिए सीएफडी ने जनता पार्टी के साथ गठबंधन कर लिया था और फिर चुनावों बाद मोरारजी देसाई मंत्रिमंडल में हेमवती नंदन बहुगुणा को शामिल कर लिया था ।। उस वक्त उन्हें रसायन और उर्वरक मंत्री की जिम्मेदारी दी गई थी।

जबकि 1979 में चौधरी चरण सिंह के कार्यकाल में उन्होंने वित्त मंत्री की जिम्मेदारी संभाली है। उनके कार्यकाल के दौरान देश मंदी की मार झेल रहा था। उस वक्त वैश्विक ऊर्जा संकट के कारण वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि में 5.2% की भारी गिरावट आई। जिसके बाद हेमवती नंदर बहुगुणा ने खुद को चौधरी चरण सिंह सरकार से अलग कर लिया और अक्टूबर 1979 में वापस कांग्रेस से हाथ मिला था।

 

जनवरी 1980 के चुनावों में उन्होंने गढ़वाल से इंदिरा गांधी की कांग्रेस (आई) पार्टी के उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की। लेकिन जल्द ही पार्टी को अलविदा कहते हुए अपनी सीट से इस्तीफा दे दिया और फिर 1982 में उन्होंने इस सीट के लिए उपचुनाव जीता।

हेमवती नंदन बहुगुणा (Hemvati Nandan Bahuguna) अमिताभ बच्चन से हारे थे चुनाव:

साल 1984 के आम चुनावों में हेमवती नंदन बहुगुणा (Hemvati Nandan Bahuguna) को इलाहाबाद से कांग्रेस उम्मीदवार अमिताभ बच्चन के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था। उस वक्त अमिताभ बच्चन ने उन्हें 1,87,000 मतों से चुनाव हराया था। साल 1988 में हेमवती नंदन बहुगुणा की तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई थी और बाईपास सर्जरी के लिए उन्हें अमेरिका जाना पड़ा था। हालांकि उनकी सर्जरी असफल रही थी और 17 मार्च साल 1989 को हेमवती नंदन बहुगुणा ने आखिरी सांस ली थी ।YOU MAY ALSO READ :- पूर्वी उत्तर प्रदेश के 30 जिलों में आज हीट वेव का रेड अलर्ट , 46 डिग्री तक पहुंच सकता हैं तापमान !

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